जानें मिट्टी में फास्फोरस की कमी के कारण एवं इसके निदान के उपाय

Cause and diagnosis of phosphorus deficiency in soil

फॉस्फोरस मिट्टी में पाए जाने वाले प्रमुख पोषक तत्वों में से एक है। इसकी कमी यदि मिट्टी में रहती है तो इसका असर फसल पर बहुत आसानी से देखा जा सकता है। इसकी कमी के लक्षण सबसे पहले युवा पत्ते या पौधे पर दिखाई देते हैं।

फास्फोरस की कमी का कारण: जिस मिट्टी में कैल्शियम की अधिकता होती है वहाँ फास्फोरस की कमी हो जाती है। मिट्टी का pH कम या ज्यादा होने पर भी फास्फोरस की उपलब्धता कम हो जाती है क्योंकि क्षारीय भूमि में, उपलब्ध फॉस्फोरस का अवशोषण जड़ों द्वारा कम हो जाता है। इसकी कमी होने का सबसे प्रमुख कारण यह है की फास्फोरस के कण मिट्टी में स्थिर हो जाते हैं और पौधे उसका अवशोषण नहीं कर पाते हैं। इसी के साथ यदि मिट्टी में नमी की मात्रा कम हो तो भी इस तत्व की कमी हो जाती है।

इसकी कमी का नियंत्रण दो तरीकों से किया जा सकता है

जैविक उपाय: जैविक उपाय के अंतर्गत जैविक खाद जो की फास्फोरस का अच्छा स्रोत मानी जाती है, का उपयोग फसल की अलग अलग वृद्धि अवस्थाओं में करना बहुत आवश्यक होता है। जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, गोबर, पक्षियों की बीट एवं पुरानी फसलों के अवशेषो को सड़ा कर तैयार खाद को यदि मिट्टी में मिला दिया जाए तो इससे भी फॉस्फोरस की कमी को दूर किया जा सकता है। इसी के साथ फॉस्फोरस युक्त सूक्ष्म जीव जैसे फॉस्फेट सोल्यूब्लाइज़िंग बैक्टेरिया का भी उपयोग कर सकते हैं।

रासायनिक उपाय: फॉस्फोरस युक्त उर्वरक जैसे DAP, एसएसपी, 12:61:00, NPK आदि का उपयोग कर के भी इसकी कमी को दूर कर सकते हैं।

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मध्य प्रदेश के कई जिलें में आज भी बारिश का दौर रहेगा जारी, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य प्रदेश के कई जिले जैसे धार, खंडवा, खरगोन, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, देवास, मांडला में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। पश्चिमी तट पर मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है हालांकि पूर्वी भागों में मानसून अभी सुस्त है। मुंबई में 9 जून से बढ़ेगी बारिश। महाराष्ट्र और गुजरात के दक्षिण जिलों में 12 से 15 जून के बीच मूसलाधार बारिश के आसार हैं।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मिट्टी में नत्रजन की कमी के कारण एवं इसके निदान की विधि

Cause and diagnosis of Nitrogen deficiency in soil
  • वनस्पति विकास के दौरान फसलों को नत्रजन की अधिक आवश्यकता होती है। यदि इस अवस्था में इसकी उपलब्धता में कमी रहती है तो फसल उत्पादन बहुत अधिक प्रभावित होता है।

  • नत्रजन की कमी का कारण: रेतीली मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में नत्रजन की कमी पाई जाती है, बार-बार बारिश, या भारी सिंचाई भी मिट्टी में नत्रजन की कमी का कारण बनती है।

  • नत्रजन की कमी से होने वाले नुकसान: नत्रजन की कमी से पौधों का रंग हल्का हरा, बढ़वार सामान्य से कम और कल्लों की संख्या में कमी हो जाती है। अनाज वर्गीय फसलों जैसे मकई, धान, गेहूँ आदि में सबसे पहले पौधे की निचली पत्तियां सूखना प्रारंभ कर देती है और धीरे-धीरे ऊपर की पत्तियां भी सूख जाती है, पत्तियों का रंग सफेद एवं पत्तियाँ कभी-कभी जल भी जाती है। इसकी अधिकता के कारण पत्तियों का पीलापन अधिक मात्रा में दिखाई देता है एवं इसके कारण अन्य पोषक तत्वों की मात्रा भी प्रभावित होती है।

नाइट्रोज़न की कमी की पूर्ति के लिए दो तरह से उपाय किये जा सकते हैं।

जैविक उपाय: जैविक उपाय के अंतर्गत जैविक खाद जो की नत्रजन का अच्छा स्रोत मानी जाती है का उपयोग फसल की अलग अलग वृद्धि अवस्थाओं में करना बहुत आवश्यक होता है। जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, गोबर की खाद, एजोटोबैक्टर, एजोस्पिरिलम, राइजोबियम आदि नत्रजन की कमी को कम कर सकते हैं।

रासायनिक उपाय: नत्रजन की कमी को दूर करने एवं अच्छे फसल उत्पादन के लिए नत्रजन युक्त उर्वरकों जैसे यूरिया, NPK, अमोनियम नाइट्रेट, अमोनियम सल्फेट, 12:61:00, 13:00:45 का उपयोग किया जा सकता है।

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इस साल कैसी होगी मानसून की बारिश, जानें अगले चार महीने का मौसम पूर्वानुमान

How will the monsoon rains this year

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से इस साल अच्छी मानसूनी बारिश की उम्मीद जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक देश के उत्तरी व दक्षिणी भाग में सामान्य वहीं मध्य क्षेत्र के राज्यों में जमकर बरसात होने की संभावना है। वहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में सामान्य से भी कम बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून इस साल जून से सितंबर महीने में 96 से 104% बारिश करवा सकती है। देश के ज्यादातर वैसे राज्य जहाँ कृषि पर आत्मनिर्भरता अधिक है वहां मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। इन राज्यों में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि शामिल हैं। इन राज्यों में मानसून के दौरान सामान्य तथा कहीं कहीं सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है।

स्रोत: किसान समाधान

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कपास समृद्धि किट से कपास की फसल एवं मिट्टी को मिलेंगे कई लाभ

Benefits of cotton samridhi kit to cotton crop and soil
  • ग्रामोफ़ोन लेकर आया है ‘कपास समृद्धि किट’ जो कपास की फसल के लिए सुरक्षा कवच की तरह कार्य करती है। इस किट की मदास से कपास की फसल को वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत कपास की फसल को होती है। इस किट में कई उत्पाद संलग्न हैं, इन सभी उत्पादों को 50-100 किलो FYM के साथ मिश्रित कर मिट्टी में मिलाने से, फसल को सम्पूर्ण सुरक्षा मिलती है। इस किट का उपयोग ड्रिप एवं मिट्टी उपचार दोनों के लिए किया जा सकता है।

  • यह मिट्टी एवं फसल में तीन प्रमुख तत्व नाइट्रोजन, पोटाश एवं फास्फोरस की पूर्ति में सहायक होता है। जिससे पौधे को समय पर आवश्यक तत्व मिल जाते हैं, बढ़वार अच्छी होती है, फसल का उत्पादन बढ़ता है साथ ही मिट्टी में भी पोषक तत्वों की उपलब्धता में वृद्धि होती है।

  • जिंक सोल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया मिट्टी में जिंक की उपलब्धता में सुधार करता है और फसल की पैदावार बढ़ जाती है। जिंक बैक्टीरिया की आवश्यकता प्रकाश संश्लेषण, और पौधे में हार्मोन को बढ़ावा देने के लिए एवं पौधों के विकास के जैव संश्लेषण के लिए होती है।

  • ट्राइकोडर्मा फफूंद पर आधारित घुलनशील जैविक कवकनाशी है, जो मिट्टी और बीज में होने वाले रोगजनकों को मारता है जिसकी वजह से जड़ सड़न, तना गलन, उकठा रोग जैसी गंभीर बीमारियों से रोकथाम होती है। ट्राइकोडर्मा पौधों के जड़-विन्यास क्षेत्र (राइजोस्फेयर) में अनवरत कार्य करने वाला सूक्ष्म जीव है। इसके अलावा ये सूत्रकृमि से होने वाले रोगों से भी पौधों की रक्षा करते हैं।

  • ह्यूमिक एसिड मिट्टी की संरचना में सुधार करके जल धारण क्षमता में वृद्धि करता और सफेद जड़ के विकास को बढ़ाता है। समुद्री शैवाल पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है और अमीनो एसिड प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को बढ़ाता है। जिसके परिणामस्वरूप बेहतर वनस्पति विकास होता है और पौधों के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। मायकोराइज़ा पौधे की प्रत्येक अवस्था जैसे फूल, फल, पत्ती आदि की वृद्धि में मदद करता है साथ ही साथ सफेद जड़ के विकास में भी मदद करता है।

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मध्य प्रदेश में गरज के साथ बौछारें पड़ने की है संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Forecast

मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के सभी राज्यों के आसमान में बादल नजर आ रहे हैं। इसके कारण इन इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना बन रही है। मानसून की बारिश केरल कर्नाटक तथा तमिलनाडु में तेज हो रही है। पश्चिमी तटों पर मानसून तेजी से आगे बढ़ेगा। पूर्वी भागों में मानसून पहुंचने में कुछ देरी हो सकती है। 10 से 15 जून के बीच मानसून आधे से ज्यादा भारत को कवर कर सकता है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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5 जून को मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या रहे आलू, प्याज और सोयाबीन के भाव?

Madhya pradesh Mandi bhaw

प्याज के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

ब्यावरा

800

1000

हरदा

1200

1400

आलू के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

देवरी

1000

1200

हरदा

1100

1400

सोयाबीन के भाव

मंडी

न्यूनतम

अधिकतम

बेतूल

5899

7151

छपीहेडा

6200

6800

जीरापुर

6700

7100

झाबुआ

6500

7475

खातेगांव

6500

7300

खुजनेर

6270

7210

नसरुल्लागंज

5500

5500

नीमच

4700

7550

सेंधवा

7320

7360

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प्याज के भाव में आ रही है तेजी, जानें क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

mandi bhaw of onion

वीडियो के माध्यम से देखें, देश भर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं प्याज के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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कपास समृद्धि किट का कमाल, भारी बारिश के बावजूद मिली कपास की अच्छी उपज

Cotton Samriddhi Kit

बड़वानी जिले के साली गांव के किसान मोहन बर्फा जी ने विपरीत परिस्थितियों के बाद भी कपास की अच्छी उपज पाई। उन्होंने बताया की पिछले साल बारिश के कारण ज्यादातर किसानों की कपास की फसल को परेशानी का सामना करना पड़ा। पर इसके बाद भी उनकी फसल से अच्छी उपज प्राप्त हुई। अपनी इस सफलता का श्रेय मोहन जी ग्रामोफ़ोन और कपास समृद्धि किट को देते हैं।

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मिलेंगे 4000 रुपये एक साथ, 30 जून तक जरूर कर लें यह काम

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana,

अगर आपने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, तो आप आगामी 30 जून तक अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें। ऐसा करने से आपको एक साथ डबल फायदा मिल जाएगा। ऐसा करने से आपको इस साल की पहली और दूसरी दोनों किस्त एक साथ मिल जायेगी।

इस योजना में अगर आप जून महीने में रजिस्ट्रेशन कर देते हैं, और यह सफलता से अप्रूव्ड हो गया तो जून या जुलाई में आपको 2 हजार रुपए की इस साल की पहली किस्त मिल जाएगी। वहीं अगस्त में आपको फिर से 2 हजार रुपए की दूसरी किस्त भी मिल जाएगी।

स्रोत: न्यूज़ 18

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