जायद मूंग की फसल में ऐसे करें झुलसा रोग का नियंत्रण

How to control Blight in Summer moong crop
  • अंगमारी (झुलसा): इस रोग में पत्तियों पर गहरे भूरे धब्बे पड़ जाते हैं। तनें पर बने विक्षत धब्बे लंबे, दबे हुये एवं बैंगनी-काले रंग के होते हैं। ये धब्बे बाद में आपस में मिल जाते हैं और पूरे तने को चारों और से घेर लेते हैं। फलियों पर लाल या भूरे रंग के अनियमित धब्बे दिखाई देते हैं। रोग की गंभीर अवस्था में तना कमजोर होने लगता है।
  • रासायनिक प्रबधन: मैनकोज़ेब 75% WP@ 600 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W@ 300 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक प्रबधन: जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में गर्मी से अभी नहीं मिलेगी राहत

Weather Update Hot

मध्य भारत में पिछले 24 घंटे में राजस्थान के साथ साथ गुजरात और विदर्भ में तापमान काफी बढ़ा है। गुजरात, दक्षिणी मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा के कुछ इलाकों में हीटवेव कंडीशन बनी हुई है। इन इलाकों में तापमान 40 डिग्री के ऊपर बना रहेगा और अगले 2 दिनों तक यह हीटवेव की स्थिति भी बनी रहेगी।

स्रोत : स्काईमेट वेदर

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मूंग की 25-30 दिनों की फसल अवस्था में जरूर अपनाएँ ये प्रबंधन उपाय

How to manage green gram crop in 25-30 days
  • मूंग की फसल की 25-30 दिनों की अवस्था में कीट प्रकोप, कवक रोगों का प्रकोप, एवं वृद्धि एवं विकास से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं आती हैं।
  • इन सभी समस्याओं के निवारण के लिए मूंग की फसल में 25-30 दिनों में फसल प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
  • कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए बायफैनथ्रिन 10% EC @ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें। इसके साथ क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक नियंत्रण के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • कवक रोगों के नियंत्रण के लिए थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • कवक रोगों के जैविक नियंत्रण के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • मूंग की फसल में अच्छी फूल वृद्धि एवं विकास के लिए होमोब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें।
  • यह छिड़काव अप्रैल माह की अमावस्या के दिन अवश्य करें।

कृषि से सम्बंधित ऐसी ही जानकारियों के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख और अपने खेत को एप के मेरी खेती विकल्प से जोड़ कर सम्पूर्ण फसल चक्र में पाते रहे सलाह व समाधान।

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मध्य प्रदेश के मंडियों में 5 अप्रैल को क्या रहे फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

 

मंडी फसल न्यूनतम अधिकतम मॉडल
हरसूद सोयाबीन 5651 6171 6101
हरसूद गेहूँ 1672 1900 1705
हरसूद चना 3500 4863 4750
हरसूद तुवर 5701 6300 6000
हरसूद मक्का 1271 1275 1271
हरसूद सरसों 4400 4601 4400
खरगोन कपास 4900 6701 5570
खरगोन गेहूँ 1695 1935 1740
खरगोन चना 4011 4775 4650
खरगोन मक्का 1170 1401 1320
खरगोन सोयाबीन 5711 6326 6326
खरगोन डॉलर चना 7051 8201 7700
खरगोन तुवर 5151 5856 5515

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फसलों, सब्जियों एवं फलों को कीटों से सुरक्षित रखता है जैविक कीटनाशक

Organic insecticide protects crops
  • जैविक कीटनाशक फफूंद एवं बैक्टीरिया, विषाणु तथा वनस्पति पर आधारित उत्पाद है।
  • यह फसलों, सब्जियों एवं फलों को कीटों से सुरक्षित रखते हैं।
  • साथ ही यह फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में सहयोग प्रदान करते हैं।
  • जीवों एवं वनस्पतियों पर आधारित उत्पाद होने के कारण जैविक कीटनाशक भूमि में अपघटित हो जाते हैं।
  • जैव कीटनाशक से स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को कोई क्षति नहीं होती है।
  • इनका कोई भी अंश मिट्टी अवशेष के रूप नहीं रहता है। यही कारण कि उन्हें पारिस्थितिकी मित्र के रूप में जाना जाता है।
  • जैविक कीटनाशक केवल लक्षित कीटों को ही नियंत्रित करते हैं।
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किसानों के खातों में पहुँचने लगी है पीएम किसान की आठवीं क़िस्त, चेक करें अपना स्टेटस

8th installment of PM Kisan has started reaching the accounts of farmers

1 अप्रैल से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में 8वीं किस्त के 2000 रुपये आने शुरू हो गए हैं। गौरतलब है कि पीएम किसान योजना के तहत केंद्र सरकार देश के किसानों को आर्थिक मदद करने के लिए हर साल 6,000 रुपये प्रदान करती है। ये पैसे किसानों के खाते में तीन किस्तों में भेजे जाते हैं। सरकार अभी तक किसानों के खातों में सात किस्तों का पैसा भेज चुकी है। इसकी आठवीं किस्त अब किसानों के खातों में जा रही है।

अगर किसी किसान ने इस योजना से रजिस्ट्रेशन करवाया है पर उसके खाते में रकम नहीं पहुंची है तो वो अपना स्टेटस ऑनलाइन माध्यम से चेक कर सकता है।

अपना स्टेटस चेक करने के लिए :

  • योजना की अधिकारिक वेबसाइट ? pmkisan.gov.in पर जाएँ और फार्मर कॉर्नर पर क्लिक करें। इसके बाद आपको लाभार्थी की स्थिति दिखाई देगी। अब आप उस पर क्लिक कर दें।

  • लाभार्थी की स्थिति पर क्लिक करने के बाद आपको अपना आधार नंबर, खाता नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।

  • इतना करने के बाद आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की सूची में है या नहीं।
  • अगर आपका नाम इस लिस्ट में है और उसमें किसी प्रकार की गलती नहीं है, तो आपको योजना का लाभ जरूर मिलेगा।

स्रोत : कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

 

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मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में बढ़ेगा तापमान, जाने मौसम पूर्वानुमान

Weather Update Hot

मध्य भारत में धीरे धीरे अब तापमान बढ़ने लगा है। ख़ास कर के पश्चिमी राजस्थान, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों में हिट वेव कंडीशन आने की संभावना है। आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में गर्मी और ज्यादा बढ़ेगी, और फिलहाल गर्मी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।

स्रोत : स्काईमेट वेदर

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नीम लेपित यूरिया के उपयोग से फसलों को मिलेंगे कई लाभ

Crops will get many benefits from the use of Neem Coated Urea
  • नीम लेपित यूरिया ऐसा यूरिया होता है जिस पर नीम को लेपित करके तैयार किया जाता है।
  • नीम लेपित या कोटेड यूरिया बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया जाता है।
  • यह लेप नाइट्रीफिकेशन अवरोधक के रूप में काम करता है। नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है।
  • इसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोषक तत्व की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
  • नीम लेपित यूरिया सामान्य यूरिया की तुलना में लगभग 10% कम लगता है, जिससे 10% तक यूरिया की बचत की जा सकती है।

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टमाटर की फसल में लीफ माइनर रोग का नियंत्रण कैसे करें?

How to control leaf miner disease in tomato

टमाटर के पौधे पर लीफ माइनर रोग के लक्षण

? लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) कीट बहुत ही छोटे होते हैं और पत्तियों के अंदर जाकर सुरंग बनाते हैं।

? इससे पत्तियों पर सफेद धारी जैसी लकीरें दिखती हैं। इसके वयस्क कीट हल्के पीले रंग के एवं शिशु कीट बहुत छोटे तथा पैर विहीन पीले रंग के होते हैं। कीट का प्रकोप पत्तियों पर शुरू होता है।

?यह कीट पत्तियों में सर्पिलाकार सुरंग बनाता है पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया बाधा होती है। अंततः पत्तियां गिर जाती हैं।

क्या है उपचार के उपाय?

? रासायनिक प्रबंधन:  इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 75 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।

? जैविक उपचार: जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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तरबूज की फसल में उकठा रोग से बचाव के तरीके

Wilt management in Watermelon
  • यह रोग जीवाणु एवं कवक जनित है जो तरबूज की फसल को नुकसान पहुँचाता है।
  • बैक्टीरियल विल्ट संक्रमण के लक्षण संक्रमित पौधों के सभी भागों पर देखे जा सकते हैं।
  • इसके कारण पत्तियां पीली हो जाती हैं, फिर पूरा पौधा सूख जाता है और मर जाता है।
  • तरबूज की फसल गोल घेरे में सूखना शुरू हो जाती है।
  • कासुगामायसिन 5% + कॉपरआक्सीक्लोराइड 45% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 3% SL @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ छिड़काव के रूप में उपयोग करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें । इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

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