मक्का में बीज उपचार के माध्यम से फॉल आर्मी वॉर्म कीट का करें नियंत्रण

How To Control Fall ArmyWorm In Maize By Seed Treatment
  • मक्का खरीफ की मौसम की मुख्य फसल है और हम जानते हैं की खरीफ के मौसम में मिट्टी में बहुत नमी रहती है जिसके कारण मक्का में फॉल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप बहुत अधिक मात्रा में होता है।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए मक्का की बुआई के समय ही उपाय करना बहुत आवश्यक होता है। ऐसा करने से मक्का की फसल को यह कीट नुकसान नहीं पहुंचा पाता है।

  • मक्का के बुआई से पहले खेत की जुताई करने से कीटों के प्यूपा को पक्षी खा जाते हैं।

  • फॉल आर्मी वर्म की रोकथाम के लिए बीजों को कीटनाशक से उपचारित करने के बाद ही बुआई करें।

  • इसके लिए सुझाये गए कीटनाशकों का उपयोग करें जैसे इमिडाक्लोप्रिड 48% FS @ 5 मिली/किलो बीज़ या क्लोरानिट्रानिलीप्रोल 19.8 + थियामेंथोक्साम 19.8 FS @ 6 मिली/किलो बीज़ से उपचारित करें।

  • जैविक बीज उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 5 ग्राम/किलो बीज उपचारित करें।

  • इसी के साथ कुछ और सावधानियाँ अवश्य अपनाएँ जैसे मक्का की बुआई पूरे खेत में एक साथ करें, अलग-अलग न करें।

  • फॉल आर्मी वर्म के प्रकोप को कम करने के लिए संकर मक्का किस्मों की बुआई करें क्योंकि इसका बीज कवच कड़ा होता है। मक्का के साथ अन्तर्वर्ती फसलों की भी बुआई कर सकते हैं।

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खरीफ की फसलों में बीज उपचार के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियाँ

Precautions to be followed during seed treatment in Kharif crops
  • खरीफ सीजन में मुख्य रूप से कपास, मिर्च, सोयाबीन, टमाटर आदि फसलों की बुआई की जाती है।

  • इन फसलों से अच्छे उत्पादन के लिए बुआई के पहले बीज़ उपचार करना बहुत लाभकारी होता है परंतु बीज उपचार करते समय सावधानी रखना बहुत आवश्यक होता है।

  • बीज उपचार को एफ.आई.आर (FIR) के क्रम में, यानी सबसे पहले कवकनाशी का उपयोग उसके बाद कीटनाशक का और सबसे आखिर में किसी भी जैविक उत्पाद (PSB / राइजोबियम) का उपयोग करें।

  • बीज़ को एक मिट्टी के बर्तन या पालीथीन शीट पर, फैला कर कवक नाशक एवं कीट नाशक के सूखे या तरल रूप को बीजों पर अच्छे से बिखेर कर मिला दें। इस प्रकार के उपचार में एक बात का ध्यान रखें कि रसायन अच्छे से बीजों पर चिपक जाये।

  • बीज उपचार की दूसरी विधि में रसायनों को बीजों पर चिपकाने वाले उत्पाद के साथ मिलाकर बीजों को उपचारित करें।

  • दवा की मात्रा या रसायन को बीजों पर लेपित करने के लिए आवश्यकता अनुसार पानी का उपयोग करें।

  • कवकनाशी एवं कीटनाशक की सुझाई गयी मात्रा का ही उपयोग करें।

  • बीजों को बुआई के समय से पहले उपचारित करके रख सकते है।

बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मध्य प्रदेश समेत पूरे भारत में भारी बारिश के आसार, जानें मौसम पूर्वानुमान

monsoon

इस बार मानसून समय से पहले भारत के ज्यादातर राज्यों में पहुँच गया है। दक्षिण भारत मध्य भारत तथा पूर्वी भारत के साथ-साथ उत्तर प्रदेश दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी अब अच्छी बारिश के आसार हैं। जल्दी ही मानसून दिल्ली में भी दस्तक दे सकता है। मुंबई में अगले 3 दिनों तक भारी बारिश की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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ग्रामोफ़ोन की नई पेशकश खेती प्लस से स्मार्ट खेती कर समृद्ध होंगे किसान

Gramophone's Kheti Plus

किसानों को व्यक्तिगत स्तर पर स्मार्ट कृषि सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ग्रामोफ़ोन लेकर आया है एक नई सौगात जिसका नाम है खेती प्लस। यह एक प्रीमियम कृषि सेवा उत्पाद है जिसके अंतर्गत किसान को व्यक्तिगत आधार पर कृषि सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसकी मदद से किसान फसल से कम खर्च में ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर पाएंगे।

खेती प्लस सेवा की ख़ास बातें

इस सेवा से जुड़ने वाले किसान अपनी फसल के पूरे फसल चक्र के दौरान ग्रामोफ़ोन के वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञों के सलाह प्राप्त करते रहेंगे और बुआई से कटाई तक के पूरे चक्र में वैज्ञानिक पद्धति से स्मार्ट खेती करेंगे।

खेती प्लस से जुड़ने पर आपको क्या क्या लाभ मिलेगा?

स्वागत किट: स्वागत किट में आपको मिलेगा स्वागत पत्र, आधुनिक व वैज्ञानिक कृषि प्रक्रियाओं की जानकारी वाली कृषि गाइड, ग्रामोफ़ोन उपहार एवं मैक्सरूट, प्रोएमिनोमैक्स व विगरमैक्स जैसे बेहतरीन फसल पोषण उत्पादों से सुसज्जित फसल समृद्धि किट। 

कृषि कार्यमाला: इस सेवा से जुड़ने वाले किसान को सम्पूर्ण कृषि कार्यमाला भी दी जायेगी। यह कार्यमाला किसान द्वारा चयनित फसल की वैज्ञानिक खेती से संबंधित सभी कृषि कार्यों की एक सूचीबद्ध कार्यमाला होगी जिसका उपयोग किसान खेती के दौरान करेंगे। 

कृषि कार्यमाला के कार्यों की पूर्व सूचना: कृषि कार्यमाला के अंतर्गत आने वाले हर कार्य से पहले किसान को ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों द्वारा फोन कॉल, एसएमएस और एप नोटिफिकेशन के माध्यम से पूर्व सूचना दी जाएगी ताकि आप इसकी तैयारी पहले से कर लें।

कृषि विशेषज्ञों से डायरेक्ट बात: इसके अलावा किसान की जरूरत के अनुसार कृषि समस्याओं के समाधान हेतु व्हाट्सअप ऑडियो/वीडियो कॉल निर्धारित होंगे और व्यक्तिगत रूप से त्वरित समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे।

लाइव कृषि कक्षाएं: सेवा से जुड़े किसानों के लिए हर 15 दिन पर ग्रामोफ़ोन के वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि क्षेत्र के अन्य गणमान्य विशेषज्ञों द्वारा लाइव कृषि कक्षाओं का आयोजन होगा। इस कक्षा में किसान कृषि की बारीकियां सीखने के अलावा अपनी कृषि समस्याओं का समाधान भी प्राप्त कर सकेंगे। 

ज्यादा मुनाफा कम लागत: किसान की कृषि खर्च को कम करते हुए फसल से अच्छा उत्पादन और बढ़िया मुनाफा दिलाने में ग्रामोफ़ोन खेती प्लस सेवा काफी मददगार होगा। 

स्मार्ट किसान समुदाय: खेती प्लस प्रोग्राम के साथ जुड़ने के साथ ही आप एक ऐसे समुदाय का हिस्सा बनेंगे जो स्मार्ट और आधुनिक खेती करते हुए समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

इतनी सारी सुविधाएँ आपको एक साथ मिलेंगी खेती प्लस सेवा से जुड़ने के बाद, तो देर किस बात की आज ही ग्रामोफ़ोन एप के बाजार विकल्प पर जाएँ और इस सेवा से जुड़कर इसका लाभ उठायें।  

खेती प्लस की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए यहाँ क्लिक करें 

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क्वालिटी अनुसार इंदौर मंडी में 12 जून को क्या रहे प्याज के भाव

mandi bhaw of onion

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे प्याज के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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कपास की फसल में लीफ माइनर कीट की पहचान एवं नियंत्रण

Identification and control of leaf miner pest in cotton crop
  • लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) कीट बहुत ही छोटे होते हैं। ये पत्तियों के अंदर जाकर सुरंग बनाते हैं। इससे पत्तियों पर सफेद लकीर दिखाई देती है।

  • इसके वयस्क कीट हल्के पीले रंग के एवं शिशु कीट बहुत छोटे व पैर विहीन पीले रंग के होते हैं।

  • कीट का प्रकोप पत्तियों पर शुरू होता है। यह कीट पत्तियों में सर्पिलाकार सुरंग बनाता है।

  • लार्वा पत्ती के अंदर प्रवेश करता है एवं पत्तियों को खाना शुरू करता है। इससे पत्तियों के दोनों तरफ भूरे रंग के सर्पिलाकार आकृति दिखाई देने लगते हैं।

  • इसके प्रकोप से प्रभावित पौधों पर फल कम लगते हैं और पत्तियां समय से पहले गिर जाती हैं।

  • इसके आक्रमण के कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया प्रभावित होती है।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC@ 150 मिली/एकड़ या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 8.8% + थायोमेथोक्जाम 17.5 SC @ 200 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 300 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ दर से छिड़काव करें।

आज ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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बस ग्रामोफ़ोन पर उपलब्ध है बंपर उपज देने वाली प्याज की ये किस्म, पढ़ें इसकी विशेषताएं

Bhoomi Onion Seeds of Hyveg

खरीफ सीजन में प्याज की खेती करने वाले किसान इस समय इस कश्मकश में हैं की वे बीज कौन सा चुनें? ग्रामोफ़ोन किसानों की इसी कश्मकश को दूर करने के लिए आज के इस लेख में एक बेहतरीन खरीफ प्याज की किस्म से जुड़ी जानकारियां देने जा रहा है। यह किस्म है हाइवेज की भुमी।

हाइवेज कम्पनी की भुमी खरीफ और पछेती खरीफ सीजन में लगाई जाने वाली एक उन्नत किस्म है। इस किस्म की परिपक्वता अवधि 140 से 150 दिन की होती है। इस किस्म के पौधे मजबूत होते हैं। इसके बल्ब आकार में गोल एवं लाल रंग के और चमकदार होते हैं तथा बल्ब का औसत वज़न 90 से 100 ग्राम तक रहता है।

यह किस्म आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो ना सिर्फ अच्छा उत्पादन देगी बल्कि उपज की गुणवत्ता भी ऐसी बेहतर होगी जिसे बाजार में अच्छा दाम मिलेगा। इस बार मध्य प्रदेश के किसानों के लिए ग्रामोफ़ोन ने विशेष तौर पर इस किस्म का चुनाव किया है। यह किस्म आपको सिर्फ ग्रामोफ़ोन पर ही मिलेगी। इसलिए देर ना करें और तुरंत इसकी खरीदी करें।

खरीदी करने के लिए यहाँ क्लिक करें

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मिट्टी में pH की कमी एवं अधिकता के कारण एवं इनसे फसलों को होने वाले नुकसान

Causes of low and excess pH in soil and damage to crops
  • pH कम होने का कारण: अधिक वर्षा के कारण मिट्टी की ऊपरी सतह से क्षारीय तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पानी में बह जाते हैं जिसके कारण मिट्टी का पी. एच. मान 6.5 से कम हो जाता है। ऐसी भूमि को हम अम्लीय भूमि कहते हैं।

  • pH की अधिकता का कारण: वैसी मिट्टी जिसमें क्षार तथा लवण उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। यह लवण भूरे-श्वेत रंग के रूप में मिट्टी पर जमा हो जाते हैं। इस प्रकार की मिट्टी पूर्णतया अनुपजाऊ एवं ऊसर होती हैं जिसके कारण मिट्टी का पी. एच. मान 7.5 से ज्यादा हो जाता है। इस प्रकार की मिट्टी क्षारीय कहलाती है। मिट्टी में कैल्शियम एवं मैग्नीशियम उर्वरकों के अधिक उपयोग के कारण मिट्टी का pH अधिक हो जाता है जिसके कारण मिट्टी में उर्वरक एवं पोषक तत्वों की उपलब्धता में कमी आ जाती है।

  • pH मान में कमी के कारण पौधों की जड़ों की समान्य वृद्धि रुक जाती है, जिसके कारण जड़ें छोटी, मोटी और इकट्ठी रह जाती हैं। भूमि में मैगनीज और आयरन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पौधे कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। इसके कारण फास्फोरस व मोलिब्डेनम की घुलनशीलता कम हो जाती है, पौधों को इसकी उपलब्धता कम हो जाती है, पौधे के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में असंतुलन आ जाता है और इन सब की वजह से पैदावार कम हो जाती है।

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अब पूरे मध्य प्रदेश में होगी मानसून की झमाझम बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

monsoon

महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश में भी मानसून का आगमन हो गया है और अब इसकी वजह से पूरे मध्य प्रदेश में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। दिल्ली सहित पंजाब हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश में आंधी बारिश तथा ओलावृष्टि की संभावना है। मुंबई में भी मूसलाधार बारिश के आसार हैं। मानसून अब तेजी से पूर्वी और उत्तर भारत की तरफ बढ़ेगा।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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