इंदौर समेत तीन जिले के प्याज किसानों को मिलेगी सरकारी सहायता

Onion farmers of three districts including Indore will get government assistance

केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे अमृत महोत्सव योजना में मध्यप्रदेश का सागर जिला शामिल है और सागर के प्याज किसानों की आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपयुक्त बाजार उपलब्ध करवाने का निर्देश कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि सागर जिले के प्याज की विशिष्ठ पहचान हेतु इसकी ब्रांडिंग भी होगी।

कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि “केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर अमृत महोत्सव योजना के तहत मध्य प्रदेश में 3 जिलों का चयन किया गया है जिसमें सागर, दमोह और इंदौर शामिल है।” बता दें की इन तीनों जिले में प्याज उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार कई स्तरों पर कार्य कर रही है।

स्रोत: कृषक जगत

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अब पशुओं के लिए भी सरकार शुरू करेगी एंबुलेंस सर्विस

Now the government will start ambulance service for animals too

केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से डेयरी क्षेत्र के लिए बड़े पैकेज की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि “अब इंसानों की तरह पशुओं के लिए भी एंबुलेंस सर्विस शुरू की जाएगी। सुदूर गांवों और दुर्गम क्षेत्रों में अब पशुपालकों को अपने पशुओं के इलाज के लिए भटकना नहीं होगा। उनके लिए भी एंबुलेस सर्विस को शुरू किया जाएगा।”

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि “सरकार ने पशुपालन विकास योजना का एलान किया है, जिसके तहत 54618 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होगा। यह फैसला ग्रामीण भारत के विकास से जुड़ा हुआ है। इससे किसानों और पशुपालकों की जिंदगी में बदलाव आएगा। इस पर केंद्र सरकार 9800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।”

स्रोत: टीवी 9 भारत वर्ष

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सोयाबीन व अन्य दलहनी फसलों में क्यों होती है कम नाइट्रोजन की आवश्यकता?

Why is the requirement of nitrogen less in pulse crops like soybean?
  • सोयाबीन व अन्य दलहनी फसलों की जडों की ग्रंथिकाओं में राइज़ोबियम नामक जीवाणु पाया जाता है, जो वायुमंडलीय इट्रोजन का स्थिरीकरण कर फसल को उपलब्ध कराता है।

  • राइजोबियम एक नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु है, यह दलहनी फसल के पौधों की जड़ों पर मौजूद रहता है और वायुमंडलीय नाइट्रोजन को उस रूप में परिवर्तित करता है जिस रूप में पौधे द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • यह किसानों के लिए एक मददगार जीवाणु है, यह पौधों को अच्छी तरह से विकसित करने में मदद करता है। यह पौधों को श्वसन आदि जैसी विभिन्न जीवन प्रक्रियाओं में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करता है।

  • इसके उपयोग से दलहनी फसल की उपज में 50-60 फीसदी तक का इज़ाफा होता है। राइजोबियम कल्चर के प्रयोग से भूमि में लगभग 30-40 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ जाती है।

  • इसलिए दलहनी फसल में, अतिरिक्त नाइट्रोज़न की आवश्यकता नहीं होती है। दलहनी फसल की कटाई के बाद, इनके अवशेष मृदा में नाइट्रोजन की मात्रा बनाए रखने में सहायक होते हैं। यह अगली फसल के उत्पादन में नाइट्रोजन उर्वरकों की मात्रा के उपयोग को भी कम कर देते हैं।

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मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में मानसून की बारिश बढ़ने की है संभावना

Madhya Pradesh Weather Update

मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बारिश की संभावना बन रही है। मुंबई में रुक रुक कर के मूसलाधार बारिश जारी है और जनजीवन अस्त व्यस्त है। दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में मानसून सक्रिय हो चुका है अब कई स्थानों पर तेज बारिश के आसार हैं। कर्नाटक के भी कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में जारी रहेगी मूसलाधार बारिश।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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देखें इंदौर मंडी में प्याज के भाव की साप्ताहिक समीक्षा व आगामी अनुमान

Mandi Bhaw

पिछले हफ्ते इंदौर मंडी में प्याज के भाव की साप्ताहिक समीक्षा वीडियो के माध्यम से देखें।

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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मध्य प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को सरकार देगी 25 लाख का लोन

The government will give a loan of Rs 25 lakh to the rural youth of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री की तरफ से बेरोजगार ग्रामीण युवाओं के लिए एक बड़ी घोषणा की गई है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने युवकों को 25 लाख रूपये तक के लोन देने की घोषणा की है। यह लोन युवाओं को अनाज की ग्रेडिंग – क्लीनिंग प्लांट, दाल मिल, राइस मिल आदि के लिए देने की योजना है।

बता दें की दिए जाने वाले 25 लाख के लोन में 40% सरकार के तरफ से अनुदान भी दिया जाएगा। यह लोन मध्य प्रदेश के ‘कस्टम प्रोसेसिंग योजना’ के तहत युवाओं को दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को कृषि क्षेत्र में व्यापार व रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

स्रोत: एमपी ब्रेकिंग न्यूज़

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धीरे धीरे मानसून पूरे मध्य प्रदेश में कराएगा भारी बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

monsoon

मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिले में अच्छी बारिश की संभावना बन रही है। बिहार और उत्तर प्रदेश के कई भागों में भी भारी बारिश हो सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर तथा पूर्वी राजस्थान के कई भागों में हो सकती है तेज बारिश। गोवा व महाराष्ट्र के तटीय जिलों सहित कर्नाटक में भी भारी बारिश के आसार बन रहे हैं।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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मोथा घास को मक्का की फसल में ऐसे करें नियंत्रित

How to control cyperus grass in a maize crop
  • मोथा एक बहुवर्षीय पौधा है जो 75 सें.मी. तक ऊँचा हो जाता है। भूमि से ऊपर यह सीधा, तिकोना, बिना शाखा वाला तना होता है। वहीं नीचे जड़ों में इसके 6 से 7 कंद होते हैं। ये कंद गद्देदार सफेद और बाद में रेशेदार भूरे रंग के तथा अंत में पुराने होने पर लकड़ी की तरह सख्त हो जाते हैं। इसकी पत्तियाँ लम्बी और प्रायः तने पर एक दूसरे को ढके हुए रहती हैं।

  • यह एक बहुवर्षीय घास है एवं लगभग सभी फसलों को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है परंतु यह मुख्य रूप से मक्का की फसल को कुछ ज्यादा ही प्रभावित करता है|

  • मोथा को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक होता है, इसके नियंत्रण के लिए बुवाई के बाद 20-25 दिनों में, हेलोसल्फ्यूरॉन मिथाइल 75% WG @ 36 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • अच्छे एवं लम्बे परिणाम के लिए, खेत में लंबे समय तक नमी का होना बहुत आवश्यक है, इसलिए अगर नमी कम हो रही हो तो हल्की सिंचाई अवश्य करें।

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सोयाबीन की फसल को कम बारिश की स्थिति में दें ऐसे बेहतर सुरक्षा

How to protect soybean crop in case of low rainfall
  • वर्तमान मौसम की स्थिति के कारण सोयबीन की फसल बहुत अधिक प्रभावित हो रही है। सोयाबीन खरीफ की फसल है एवं इसके अच्छे उत्पादन के लिए पर्याप्त बारिश का होना बहुत आवश्यक होता है। पर इस समय जिस प्रकार से बारिश कहीं पर बहुत अधिक हो रही है और कही पर बिलकुल नहीं हो रही है, ऐसी परिस्थिति में, कम बारिश में सोयाबीन की फसल की सुरक्षा के निम्र प्रकार से की जानी चाहिए।

  • सोयाबीन की बुआई मानसून आने के पहले नहीं करना चाहिए, क्योंकि यदि मानसून पूर्ण रूप से नहीं आता है तो सोयाबीन की फसल का अंकुरण बहुत प्रभावित होता है। इसलिए सोयाबीन की फसल की बुआई सही समय एवं मानसून आने पर ही करें।

  • यदि किसी किसान ने बुवाई कर दी है, और खेत में नमी की मात्रा कम हो, तो ऐसे में खेत की हल्की सिंचाई अवश्य करें, ताकि सोयाबीन की फसल में, अंकुरण या विकास संबधी कोई समस्या ना हो।

  • एक बात का अवश्य ध्यान रखें की जब खेत में सिंचाई की जा रही हो तब खेत में नमी की मात्रा अधिक ना हो वर्ना सोयबीन की फसल अधिक नमी के कारण ख़राब हो सकती है।

  • कम बारिश की स्थिति में, यदि फसल में कवक एवं कीटों का प्रकोप दिखाई दे, तो आवश्यकतानुसार छिड़काव भी जरूर करते रहें।

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किसानों, पशुपालकों और मछली पालकों को मिलेगा लोन, जानें पूरा प्लान

Farmers livestock farmers and fish farmers will get loans

राजस्थान सरकार ने फसली ऋण को लेकर एक बड़ा फैसला किया है जिससे किसानों के साथ साथ पशुपालकों और मछली पालकों को भी लाभ मिलेगा। सरकार किसानों के साथ पशुपालकों और मछली पालकों को भी अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध करवाएगी।

बता दें की राजस्थान में लॉकडाउन के बाद भी 16 हजार करोड़ का फ़सली ऋण किसानों को दिया जा रहा है। राज्य सरकार इस वर्ष 3 लाख नए किसानों को फसली ऋण बांटने वाली है, इनमें किसानों के अलावा पशुपालक व मछली पालक भी ऋण प्राप्त कर पाएंगे।

स्रोत: ज़ी राजस्थान

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