ये हैं दुनिया की सबसे महंगी सब्जियां, जानें इनकी खूबियां

These are the world's most expensive vegetables

सब्जियाँ हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, और इसकी मुख्य वजह इसमें मौजूद पोषक तत्व होते हैं। ज्यादातर सब्जियों के बारे में तो आप जानते ही हैं पर आज के लेख में हम ऐसी सब्जियों के बारे में जानेंगे जो दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में शुमार होती हैं।

ला बोनेट के आलू: यह दुनिया का सबसे महंगा आलू है। इसकी खेती रेतीली मिट्टी में होती है। इसका स्वाद थोड़ा नमकीन होता है वहीं इसका इस्तेमाल प्यूरी, सलाद, सूप व क्रीम आदि बनाने में होता है।

हॉप शूट: यह दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में से एक है और इसकी कीमत 1000 यूरो प्रति किलो यानी 80,000 रूपए प्रति किलो तक रहती है। इस सब्जी से बियर बनाया जाता है।

यामाशिता पालक: यह पालक की तरह ही दिखता है और इसकी खेती मुख्यतः फ्रांस में होती है। एक यामाशिता पालक 13 अमेरिकी डॉलर का होता है।

मैंग चपटा मटर: यह सब्जी मटर के जैसी होती है। यह पश्चिमी देशों की सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक मानी जाती है। यह 2 यूरो प्रति 100 ग्राम के भाव में मिलता है।

ताईवानी मशरूम: यह मशरूम भी सबसे महंगी सब्जियों में से एक है। यह 80,000 प्रति पीस की कीमत में मिलती है। यह सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है।

गुलाबी पत्तागोभी: पत्तागोभी की तरह नजर आने वाली इस सब्जी में कई लाभकारी पोषक तत्व मिलते हैं। इटली और दक्षिणी फ्रांस के वेरोना क्षेत्र में इसकी खेती होती है। इसकी कीमत लगभग 10 अमेरिकी प्रति पाउंड होता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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सोयाबीन भाव में तेजी जारी, देखें मंदसौर मंडी में 20 जनवरी को क्या रहे भाव?

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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इस योजना से मिलेंगे 10000 रूपये, इन लोगों को मिलेगा इसका लाभ

Pradhan Mantri Svanidhi Yojana

बहुत सारे लोग स्ट्रीट वेंडिंग का कार्य कर के अपनी आजीविका चलाते हैं। ये लोग गलियों में घूम कर फल सब्जी व अन्य कई चीजें बेचते हैं। इनमें नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री सेवाएं देने वाले लोग भी शामिल हैं। ऐसे सभी लोगों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना के तहत इन्हें बिना किसी गारंटी के 10000 रुपये का ऋण मिल जाता है। देने की शुरुआत की गई थी।

10000 रूपये के इस ऋण को लेने के लिए कोई गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होती है। अगर आप इस ऋण को समय पर लौटा देते हैं, तो आपको सब्सिडी का भी लाभ मिल सकता है। इस योजना का काफी लोगों ने फायदा उठाया है, आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

इस योजना का मोबाइल एप भी है जिसके माध्यम से बड़ी आसानी से यह ऋण प्राप्त किया जा सकता है। इस एप का नाम है पीएम स्वनिधि मोबाइल एप। इस एप से बिना किसी कागजी लिखा पढ़ी के आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है। बता दें की इस ऋण को एक साल में वापिस करना होता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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फसलों में कहीं मावठ से फायदा, तो कहीं ओलावृष्टि से नुकसान

Somewhere the weather is beneficial and somewhere it is getting fatal
  • प्रिय किसान भाइयों राज्य में इन दिनों मौसम से कहीं किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है तो कहीं नुकसान का। मावठ ज्यादातर फसलों के लिए अमृत की तरह है। लेकिन मावठ के साथ ही हो रही ओलावृष्टि से किसान फसल खराब होने से परेशान हैं।

  • जानकारों का कहना है कि रबी सीजन में हल्की बारिश फसलों के लिए अमृत की तरह है, जबकि ओलावृष्टि फसलों के लिए नुकसानदायक। 

  • मावठ में बारिश सभी इलाकों में समान होती हैं। जिससे किसानों को सिंचाई खर्च बचाने में भी मदद मिलती है। वहीं इससे तापमान में परिवर्तन देखा जाता है। ऐसा होने से पाला पड़ने की संभावना कम हो जाती है। इससे फसलों को नुकसान नहीं पहुंचता है।

  • बरसात से फसलों के उत्पादन में फायदा होता है। क्योंकि बरसात के पानी के साथ नाइट्रोजन भी आता है। इससे किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता कम पड़ती है। वहीं सिंचाई से मुक्ति मिलती है। हालांकि जरूरत से ज्यादा बारिश होने पर यह नुकसानदायक होती है।

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मावठा है गेहूँ की फसल के लिए बेहद फायदेमंद

Winter rain is beneficial for the wheat crop
  • किसान भाइयों शीतकाल की बारिश जिसे आम भाषा में मावठा नाम से जाना जाता है, मावठा गेहूं के किसानों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है, हाँ पर तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि होती है तो गेहूं में कम एवं अन्य फसलों में काफी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

  • पिछले दिनों हुई बारिश से गेहूं की फसल में किसानों को अच्छा फायदा हुआ। जिससे कुल लागत में फसल की एक सिंचाई पर होने वाले पानी, बिजली खर्च के साथ मजदूरों का खर्च भी प्रति एकड़ की दर से बचा है।

  • खेत में खड़ी गेहूं की फसल में जिन किसानों ने पहला पानी दिया था, उसमें दूसरी बार पानी लग गया और जिन किसानों ने देरी से गेहूं बोए थे, उसमें पहले पानी की आवश्यकता थी, तो उसमें पहला पानी लग गया। 

  • जिन किसान भाइयो ने असिंचित गेहूं की बुवाई बिना उर्वरक के उपयोग की थी वो इस समय 20 किलो प्रति एकड़ के अनुसार यूरिया का उपयोग करें, भूमि में नमी होने से यूरिया धीमी गति से घुलकर पौधों को उपलब्ध होगी और निश्चित ही उपज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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प्याज की 50-60 दिनों की अवस्था में जरूरी हैं ये छिड़काव

Necessary spraying management in 50-60 days in onion crop

  • किसान मित्रों इस समय प्याज की फसल 50-60 दिन की अवस्था पर आने वाली है। इस समय प्याज की फसल में पोषक तत्वों की उचित पूर्ति के साथ साथ कीटों एवं फफूंद जनित रोगों से सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखना होता है l 

  • इस अवस्था में पोषक तत्व प्रबंधन करने के लिए कैल्शियम नाइट्रेट @ 10 किलो + पोटाश @ 25 किलो/एकड़ जमीन के माध्यम से उपयोग करें। 

  • पोषक तत्वों के प्रबंधन के लिए पानी में घुलनशील उर्वरक 00:52:34 @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर उपयोग करें।

  • कीटों एवं फफूंदीजनित रोगों से सुरक्षा के लिए थियामेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% जेडसी @ 80 मिली + क्लोरोथैलोनिल 75% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • मौसम में बदलाव, जैसे कोहरा, ओस, बारिश जैसी संभावना दिखाई देने पर सिलिकॉन आधारित स्टीकर (सिलिकोमैक्स) 5 मिली प्रति पंप के अनुसार, उपयुक्त कीटनाशक एवं फफूंदी नाशक के साथ मिलाकर, छिड़काव करना चाहिए है l

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जल्द शुरू होगी वर्षा, कोहरे और ठंढ का कहर जारी, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

21 जनवरी को एक सशक्त वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर पहुंचेगा जो भारी हिमपात देगा। पंजाब राजस्थान तथा हरियाणा से शुरू होते हुए वर्षा की गतिविधियां मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित उड़ीसा को प्रभावित कर सकती हैं। अगले कई दिनों तक उत्तर पूर्वी राज्यों में वर्षा की गतिविधियां जारी रहेगी। 2 दिन बाद आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में भी वर्षा संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बिना गारंटी मिलेगा 1.60 लाख का लोन, इस योजना से मिलेगा लाभ

Pashu Kisan Credit Card

बहुत सारे किसान कृषि के साथ साथ अतिरिक्त कमाई के लिए पशुपालन करते हैं। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कम ब्याज पर लोन उपलब्ध करवाती है। यह लोन पशु किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर किसान प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अंतर्गत गाय, भैंस, भेड़, बकरी तथा मुर्गी पालन हेतु 3 लाख रुपये तक की रकम मिल जाती है। इस पूरी रकम में 1.60 लाख रुपये तक की राशि के लिए किसान को कोई गारंटी नहीं देनी होती है।

इस योजना को किसानों के बीच प्रचलित करने के लिए बैंक शिविर भी आयोजित कर रहे हैं। वहीं पशु चिकित्सक भी पशु चिकित्सालयों में इसके लिए विशेष होर्डिंग लगाकर जानकारी दे रहे हैं। फिलहाल यह योजना हरियाणा सरकार की तरफ से शुरू की गई है पर जल्द ही इस योजना के अन्य राज्यों में भी शुरू होने की संभावना है।

स्रोत: इंडिया डॉट कॉम

ये भी पढ़ें: पशुधन बीमा योजना से किसानों को मिलेगा लाभ, मवेशी की मौत पर सरकार देगी पैसा

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सोयाबीन, प्याज, लहसुन भाव में 19 जनवरी को दिखी कितनी तेजी?

Soybean Onion Garlic Rates

सोयाबीन प्याज व लहसुन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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जनवरी के दूसरे पखवाड़े में किये जाने वाले प्रमुख कृषि कार्य

Major agricultural works to be done in the second fortnight of January
  • किसान भाइयों जनवरी माह के दूसरे पखवाड़े में अधिकत्तर फसलें अपनी क्रांतिक बढ़वार की अवस्था में होती हैं। 

  • इस समय फसलों में सिंचाई से लेकर पौध संरक्षण तक विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। साथ ही तापमान में तीव्र गिरावट होने से कोहरे, पाले एवं बारिश की संभावना रहती है। फसलों को इन कुप्रभावों से बचाने के लिए तथा भरपूर उत्पादन प्राप्त करने के लिए निम्न उन्नत सस्य क्रियाओं को अपना सकते है –

  • इस समय रबी की सबसे प्रमुख फसल गेहूं कहीं कल्ले निकलने की अवस्था में है तो कहीं गांठे बनने वाली बनने की अवस्था पर है। इन दोनों ही अवस्थाओं में सिंचाई करना बेहद जरूरी है।

  • चने में फली बनते समय इल्ली एवं फफूंदी जनित रोगों का प्रकोप अधिक होने की सम्भावना रहती है l इसके प्रबंधन के लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी @ 400 मिली + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।    

  • आलू में कंदो का आकार बढ़ाने के लिए आलू खुदाई के 10-15 दिन पहले 00:00:50 @ 1 किलोग्राम एवं इसके साथ पिक्लोबूट्राज़ोल 40% एससी @ 30 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।  

  • कद्दू वर्गीय फसलों में डाउनी मिल्ड्यू के प्रबंधन के लिए एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकनाज़ोल 18.3% एससी @ 300 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करें।

  • तरबूज एक ऐसा फल जिसे गर्मियों के मौसम में लगाया जाता है, लेकिन तरबूज की बुवाई या नर्सरी तैयार करने के लिए जनवरी माह सर्वोत्तम माना गया है

  • बरसीम, रिजका व जई की हर कटाई के बाद सिंचाई करते रहें इससे बढ़वार अच्छी होती है। 

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