इंदौर मंडी में 24 फरवरी को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 24 फरवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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नींबू वर्गीय पौधों में ग्रीनिंग या हरितमा रोग के लक्षण व नियंत्रण उपाय

Symptoms of greening disease in citrus
  • ग्रीनिंग या हरितमा रोग नींबू वर्गीय पौधों का सबसे विनाशकारी रोग है। एक बार पौधा संक्रमित होने के बाद इस बीमारी का कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं है। 

  • इस रोग का वाहक सिट्रस सिल्ला कीट एवं ग्राफ्टिंग प्रक्रिया है। 

  • इस रोग से पौधों की पत्तियां छोटी रह जाती है एवं ऊपर की ओर बढ़ती है।

  • पौधों से पत्तियां एवं फल अधिक गिरने लगते है एवं पौधा बौना रह जाता है। 

  • संक्रमित शाखाओं में डाई बैक के लक्षण दिखाई देते है, जबकि अन्य शाखा स्वस्थ दिखाई देती है।

  • रोगी पौधों के फल पकने पर भी हरे रह जाती है। अगर ऐसे फलों को सूर्य की रोशनी के विपरीत देखते है तो उनके छिलको पर पीले धब्बे दिखाई देते है। 

  • संक्रमित पौधों के फल छोटे, विकृत, कम रस वाले एवं अरोचक स्वाद वाले होते है। 

  • प्रबंधन:- यह रोग ग्राफ्टिंग से फैलता है इसलिए बडवुड को स्वस्थ पौधे से लेकर प्रयोग करना चाहिए।

  • सेलक्विन (क्विनालफोस) @ 700 मिली या प्रोफेनोवा (प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 04% ईसी) @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते है।

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इस हफ्ते फसलों में किये जाने वाले आवश्यक कृषि कार्य

Important agricultural work to be done in crops this week
  • किसान भाइयों यह सप्ताह रबी फसलों की कटाई एवं कई नई फसलों की बुवाई दोनों ही दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। 

  • अगर सरसों की 75% फलिया सुनहरे रंग की हो गई तो कटाई शुरू कर दें। 

  • चने के दानों में लगभग 15 प्रतिशत तक नमी होने पर फसल की कटाई प्रक्रिया शुरू करें। 

  • गेहूँ के दाने पककर सख्त हो जाए और फसल में नमी की मात्रा 20 प्रतिशत से कम हो तब कटाई कर लेनी चाहिए।

  • धान रोपाई के 25 से 30 दिनों बाद खरपतवार नियंत्रित कर यूरिया का भुरकाव करें।

  • जिन किसान भाई के पास सिर्फ एक से दो सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, वे रबी फसल को काटने के बाद गर्मी के मूंग या उड़द की खेती की योजना बना सकते है। 

  • गर्मी के मौसम में पशुओं को सुगमता से चारा उपलब्ध कराने के लिए इस समय मक्का, लोबिया तथा चरी की कुछ खास किस्मों की बुवाई कर सकते हैं। वहीं सब्जियों में कद्दू वर्गीय फसलों की बुवाई कर सकते हैं एवं टमाटर, मिर्च, बैंगन की रोपनी डाल सकते हैं।

  • तरबूज, खरबूज की फसल में पर्ण सुरंगक कीट की समस्या दिखाई देने पर अबासीन (एबामेक्टिन 1.9 % ईसी) @ 150 मिली या ट्रेसर (स्पिनोसैड 45% एससी) @ 60 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • अगर किसान भाइयो ने रबी फसल की कटाई कर ली है तो पराली ना जलाएं।

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पूर्वी मध्य प्रदेश सहित देश के कई क्षेत्रों में बारिश के आसार

Madhya Pradesh Weather Update Madhya Pradesh Weather Update

पहाड़ों पर लगातार 25 फरवरी तक हिमपात जारी रहेगी। 25 और 26 फरवरी के आसपास पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश संभव है। पूर्वी भारत में भी बारिश की संभावना है। पूर्वोत्तर सहित दक्षिणी तमिलनाडु और केरल में हल्की बारिश।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस योजना में रोजाना 7 रुपये करें निवेश और पाएं 5000 रुपये का मासिक पेंशन

Invest Rs 7 daily in this scheme and get a monthly pension of Rs 5000

भारत सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली अटल पेंशन योजना में निवेश कर के आप एक सुरक्षित और अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत 18 से 40 वर्ष के वे सभी भारतीय लोग लाभ उठा सकते हैं जिनके पास बैंक या पोस्ट ऑफिस का खाता हो।

अटल पेंशन योजना में आपको रोजाना सिर्फ 7 रुपए के हिसाब से 210 रुपए प्रति माह जमा कराने होते हैं। इस योजना में नामांकन करते समय आवेदक को अनिवार्य रूप से अपने पति या पत्नी की जानकारी देनी होती है।

इस योजना में निवेश की गई रकम के आधार पर कम से कम 1000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और अधिक से अधिक से 5000 रुपये प्रति माह की पेंशन 60 वर्ष की आयु के पश्चात दी जाती है।

स्रोत: कृषि जागरण

आपके जीवन से जुड़ी ऐसी ही लाभकारी सरकारी योजनाओं से सम्बंधित जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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सरकारी सब्सिडी पर लगाएं मशरूम शेड, किसानों को होगा लाभ

Make Mushroom shed on government subsidy

मशरूम की खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा है। कई किसान जो पहले पारम्परिक खेती करते थे आज मशरूम की खेती से जबरदस्त कमाई कर रहे हैं। मशरूम की खेती की तरफ हिमाचल प्रदेश के किसानों का रुझान काफी बढ़ा है। अब तक जम्मू में करीब 17 हजार क्विंटल मशरूम की पैदावार हो रही है। इन राज्यों के अलावा दूसरे राज्यों के किसान भी इसकी खेती की तरफ बढ़ रहे हैं।

मशरूम की खेती के प्रति किसानों की इस बढ़ती रूचि को देखते हुए कई राज्य सरकारें भी इस बाबत जागरूकता अभियान चला रही है। इसके साथ साथ राज्य सरकार किसानों को मशरूम शेड निर्माण हेतु सब्सिडी भी उपलब्ध करवा रही है। यही नहीं सरकार किसानों को इसकी उन्नत खेती के लिए जैविक खाद भी उपलब्ध करवा रही है।

स्रोत: कृषि जागरण

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सोयाबीन भाव हुआ आठ हजार के पार, देखें आगे क्या है संभावना?

Ratlam soybean and gram rates Ratlam soybean and gram rates

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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इंदौर मंडी में 23 फरवरी को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 23 फरवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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ग्रीष्मकालीन मूंग की उन्नत किस्में एवं विशेषताएं

Suitable varieties and characteristics of summer moong
  • किसान भाइयों मूंग फसल की उन्नत खेती के लिए उन्नत किस्मों के बीजों का चयन करना आवश्यक है ताकि फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सके।

  • शक्ति वर्धक विराट:- मूंग की ये उन्नत किस्म जबरदस्त उपज देने वाली है। इस किस्म के पौधे सीधे, मजबूत एवं ज्यादा फैलने वाले होते हैं। इसकी फलियाँ लंबी और दाने बड़े होते हैं। फलियों में दानों की सँख्या 10 से 12 रहती है जो चमकीले हरे रंग की होती है। इस किस्म की बुवाई ग्रीष्म ऋतू के अलावा खरीफ ऋतू में भी कर सकते है।

  • शक्तिवर्धक SVM 88:- मूंग की ये किस्म भी जबरदस्त उपज देती है। इस किस्म के पौधे सीधे रहते हैं, फलियाँ लंबी होती हैं और दाने छोटे एवं चमकीले हरे रंग के होते हैं। यह कम अवधि में तैयार होने वाली किस्म है जो ग्रीष्म एवं खरीफ दोनों समय की बुवाई के लिए उपयुक्त है।

  • अवस्थी सम्राट PDM-139, प्रसाद सम्राट PDM-139, एक्सलेंट PDM-139, विनायक PDM-139:- मूंग की अच्छी उपज के लिए इन उन्नत किस्मों का चयन आप कर सकते हैं। यह किस्म ग्रीष्म व खरीफ दोनों मौसम में बुवाई के लिए उपयुक्त होती है। मूंग की यह किस्म 70 से 80 दिनों में अच्छी उपज देने के लिए तैयार हो जाती है।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें। उपर्युक्त बताये गए बीजों की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।

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जानें प्याज में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण और रोकथाम के उपाय

Know the symptoms and identification of nutrient deficiency in onion crop

किसान भाइयों प्याज की फसल में मुख्य पोषक तत्वों के अलावा सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है l मिट्टी में इन पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं होने पर यह फसल पर अपनी कमी के लक्षण प्रदर्शित करने लगते है l

कुछ प्रमुख तत्वों के कमी के लक्षण निम्न है –  

  • नाइट्रोजन:- नाइट्रोजन की कमी होने पर पत्तियां पीली हरे रंग के साथ ऊपर से घुमावदार एवं छोटी रह जाती हैं। कंद पकने की अवस्था में कंद के ऊपर के उत्तक मुलायम रह जाते हैं।

  • फास्फोरस:- फास्फोरस की कमी होने पर पत्तियों का रंग हल्का हरा हो जाता है, पत्तियों के सिरे जले हुए दिखाई देते हैं और फसल देर से पकती है।

  • पोटाश:- पोटाश की कमी होने पर पत्तियां गहरी हरी एवं सीधी हो जाती है। पुरानी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं एवं उन पर धब्बे दिखाई देते हैं। 

  • सल्फर- सल्फर की कमी होने पर पत्तियों का हरा रंग समाप्त हो जाता है एवं एक समान पीली दिखाई देती है।

  • मैंगनीज- मैंगनीज की कमी होने पर पत्तियों का रंग हल्का हो जाता है और ऊपर की ओर घूमने लगती हैं। पतियों के सिरे जलने लगते है, फसल वृद्धि रुक जाती है। कंद देरी से बनते है एवं गर्दन के यहाँ से मोटे हो जाते हैं। 

  • जिंक- जिंक की कमी होने पर पत्तियों पर हल्के पीले और सफेद रंग की धारियां बन जाती हैं।

  • आयरन- आयरन की कमी होने पर सर्वप्रथम लक्षण नई पत्तियों पर दिखाई देते हैं, नई पत्तियों की मध्य शिरायें पीली हो जाती हैं।

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