Season of planting of Cauliflower

फूलगोभी के रोपाई का समय

  • अगेती किस्मों की बुवाई मई से जून माह में की जाती हैं |
  • मध्यम किस्मों की बुवाई जून माह के अंतिम सप्ताह से लेकर जुलाई माह के मध्य की जाती हैं |
  • मध्य पछेती किस्मों की बुवाई अगस्त माह में की जाती हैं|
  • पछेती किस्मों की बुवाई सितम्बर से अक्टूबर माह के मध्य की जाती हैं|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Field preparation of Cabbage:-

पत्तागोभी में भूमि की तैयारी:-

  • खेत में 3-4 बार हल से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी कर पाटा चलाकर समतल करना चाहिए|
  • भूमि को तैयार करते समय 25 टन प्रति हेक्टेयर गोबर या कम्पोस्ट की पकी हुई खाद का प्रयोग करना  चाहिये |
  • नीम केक एवं पोल्ट्री फार्म खाद का उपयोग करने से पौधों की वृद्धि, गुणवत्ता एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही उर्वरकों की मात्रा को कम किया जा सकता है|
  • बुवाई मौसम व भूमि के प्रकार के अनुसार मेढ़ व नाली में करनी चाहिए|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Nutrient Management in Coriander

धनिया में पोषक तत्व प्रबंधन:-

  • 25 टन सड़ी गोबर की खाद, एजोस्पिरिलियम और पीएसबी कल्चर 2-2 kg प्रति हेक्टेयर बुआई के पहले दे |
  • 100 किलो नाईट्रोजन, 50 किलो फास्फोरस और 50 पोटाश प्रति हेक्टेयर दो भागो में आधा बुआई से पहले तथा आधा बुआई के 30 दिन बाद दे |
  • 50 किलो मैग्नीशियम सल्फेट प्रति हेक्टयर बुआई के पहले देना चाहिए |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें|

Share

Control of White fly in Green Gram

मुंग में सफ़ेद मक्खी का नियंत्रण:-

  • शिशु एवं वयस्क पत्तियों के निचले सतह से रस चूसते है एवं मधु स्त्राव के उत्सर्जन से प्रकाश संश्लेषण में बाधा आती है|
  • पत्तियाँ रोगग्रस्त दिखती है सुटी मोल्ड से ढक जाती है | यह कीट पत्ति मोड़क विषाणु रोग व पीला शिरा विषाणु रोग का वाहक होकर इसे फैलाता है|
  • नियंत्रण:- पीले रंग वाले चिपचिपे प्रपंच खेत में कई जगह लगाए|
  • डायमिथोएट 30 मिली./पम्प या थायमेथोक्जोम 5 ग्राम/पम्प या एसीटामीप्रिड 15 ग्राम/ पम्प का स्प्रे 4-5 बार 10 दिन के अंतराल पर करे|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Land preparation for Ginger/Turmeric

अदरक/हल्दी के लिए खेत की तैयारी:-

  • जमीन की 20 सेमी. गहराई तक जुताई करे |
  • ढ़ेलों को तोड़े |
  • इसके बाद एक और जुताई क्रास में करें |
  • लगभग 25 टन गोबर की खाद प्रति हे. की दर से मिलाये |
  • खाद मिलाने के लिए दो बार बखर करें |
  • फिर लेवलर की सहायता से जमीन समतल करे |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें|

Share

Land Preparation of Cotton

कपास के लिए खेत की  तैयारी:-

  • खेत की चार-बार जुताई करने के पश्चात पाटा चलाकर भूमि को नरम,भुरभुरी एवं समतल कर लेना चाहिये |
  • भूमि को तैयार करते समय 25 टन प्रति हेक्टेयर गोबर या कम्पोस्ट की पकी हुई खाद का प्रयोग करना  चाहिये |
  • नीम केक एवं पोल्ट्री फार्म खाद का उपयोग करने से पौधों की वृद्धि, गुणवत्ता एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही उर्वरकों की मात्रा को कम किया जा सकता है|
  • फास्फोरस एवं  पोटाश की पुरी मात्रा और नाइट्रोजन की 25 से 33 प्रतिशत मात्रा का प्रयोग करना चाहिये |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें|

Share

अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाए

क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया?
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को लेकर कई मान्यताएं हैं। जिसमें से ये कुछ हैं :-

1- भगवान विष्‍णु के छठें अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्‍म हुआ था। परशुराम ने महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुकादेवी के घर जन्‍म लिया था। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्‍णु की उपासना की जाती है। इसदिन परशुरामजी की पूजा करने का भी विधान है।

2- इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरीत हुई थीं। राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अवतरित कराने के लिए हजारों वर्ष तक तप कर उन्हें धरती पर लाए थे। इस दिन पवित्र गंगा में डूबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

3- इस दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है। इस दिन गरीबों को खाना खिलाया जाता है और भंडारे किए जाते हैं। मां अन्नपूर्णा के पूजन से रसोई तथा भोजन में स्वाद बढ़ जाता है।

4- अक्षय तृतीया के अवसर पर ही म‍हर्षि वेदव्‍यास जी ने महाभारत लिखना शुरू किया था। महाभारत को पांचवें वेद के रूप में माना जाता है। इसी में श्रीमद्भागवत गीता भी समाहित है। अक्षय तृतीया के दिन श्रीमद्भागवत गीता के 18 वें अध्‍याय का पाठ करना चाहिए।

5- बंगाल में इस दिन भगवान गणेशजी और माता लक्ष्मीजी का पूजन कर सभी व्यापारी अपना लेखा-जोखा (ऑडिट बुक) की किताब शुरू करते हैं। वहां इस दिन को ‘हलखता’ कहते हैं।

6- भगवान शंकरजी ने इसी दिन भगवान कुबेर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने की सलाह दी थी। जिसके बाद से अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और यह परंपरा आज तक चली आ रही है।

7- अक्षय तृतीया के दिन ही पांडव पुत्र युधिष्ठर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी हुई थी। इसकी विशेषता यह थी कि इसमें कभी भी भोजन समाप्त नहीं होता था।

स्त्रोत:- नवभारत टाइम्स

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Land Preparation of Coriander

धनिया के लिये खेत की तैयारी:-

  • दो बार गहरी जुताई करने के बाद दो या तीन बखर से भूमि को भुरभुरी एवं ज़रुरी हो तो पाटा चला कर समतल बना लेना चाहिए|
  • खेत की तैयारी के समय अंतिम बखर करने से पहले 25 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर की दर से मिलाना चाहिए|
  • धनिया की बुवाई समतल ज़मीन पर की जाती है |
  • नीम केक एवं पोल्ट्री फार्म खाद का उपयोग करने से पौधों की वृद्धि, गुणवत्ता एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही उर्वरकों की मात्रा को कम किया जा सकता है|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Red Pumpkin Beetle in Bitter Gourd

करेला में लाल कीट का नियंत्रण:-

  • अंडे से निकले हुये ग्रब जड़ो, भूमिगत भागो एवं जो फल भूमि के संपर्क में रहते है उन्है खाता है|
  • उसके बाद ग्रसित जड़ो एवं भूमिगत भागों पर मृतजीवी फंगस का आक्रमण हो जाता है जिसके फलस्वरूप अपरिपक्वफल व लताएँ सुख जाती है|
  • इसमें ग्रसित फल उपयोग करने हेतु अनुपयुक्त होते है|
  • बीटल पत्तियों को खाकर छेद कर देते है |
  • पौध अवस्था में बीटल का आक्रमण होने पर मुलायम पत्तियों को खाकर हानि पहुचाते है जिसके कारण पौधे मर जाते है |

नियंत्रण:-

  • गहरी जुताई करने से भूमि के अन्दर उपस्थित प्यूपा या ग्रब ऊपर आ जाते है सूर्य की किरणों में मर जाते है |
  • बीजो के अंकुरण के बाद पौध के चारों तरफ भूमि में कारटाप हाईड्रोक्लोराईड 3 G दाने डाले|
  • बीटल को इकट्ठा करके नष्ट करें|
  • साईपरमेथ्रिन (25 र्इ.सी.) 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी + डायमिथोएट 30% ईसी. 2  मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिडकाव करें। या कार्बारिल 50% WP 3 ग्राम प्रति ली पानी की दर से घोल बना दो छिड़काव करें। पहला छिडकाव रोपण के 15 दिन व दूसरा इसके 7 दिन बाद करें|

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Land Preparation of Chilli

मिर्च  के लिए खेत की  तैयारी:-

  • खेत की चार-बार जुताई करने के पश्चात पाटा चलाकर भूमि को नरम,भुरभुरी एवं समतल कर लेना चाहिये |
  • भूमि को तैयार करते समय 25 टन प्रति हेक्टेयर गोबर या कम्पोस्ट की पकी हुई खाद का प्रयोग करना  चाहिये |
  • फास्फोरस  एवं  पोटाश की पुरी मात्रा  और नाइट्रोजन की 25 से 33  प्रतिशत मात्रा का प्रयोग करना चाहिये |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें|

Share