Improved Varieties of Cauliflower

1.SV 3630 सेमिनस

  • अवधि 55 – 60  दिन
  • रंग दूधिया सफ़ेद
  • औसत वजन 800 – 1000  ग्राम
  • स्व आवरण – मध्यम अच्छा
  • गुम्बद के आकार की ठोस फूल गोभी

2.डायमंड मोती

  • यह किस्म आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जाती है।
  • इसके तने लंबे और चौड़े होते हैं।
  • उच्च वर्षा प्रतिरोध किस्म हैं।
  • फूल का औसत वजन 750 ग्राम से 1.5 किलो होता हैं।
  • फूल दूधिया सफेद रंग का तथा सख्त होता हैं जो मोती जैसा दिखता है।
  • इस किस्म की बुवाई के लिए सर्वोत्तम समय 15 मई से जुलाई है।
  • 22 से 30 दिनों में नर्सरी तैयार हो जाती हैं।
  • फसल तैयार होने में 50 से 60 दिनों का समय लगता हैं।

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An Improved Variety of Soybean:- JS 20-29

  • जेएस 20-29 एक नई किस्म हैं जो JNKVV  द्वारा विकसित की गई हैं यह ज्यादा उपज लगभग 10 -12 क्विण्टल/एकड़ होती हैं |
  • इस किस्म की अंकुरण क्षमता अधिक होती हैं तथा यह विभिन्न रोगो के प्रति प्रतिरोधी हैं |
  • पत्ती नुकीली और अण्डाकार  गहरे हरे रंग की होती हैं । शाखाएं तीन से चार, पौधा मध्यम लम्बाई लगभग 100 सेमी का होता हैं
  • फूल का रंग सफ़ेद होता हैं |
  • यह  किस्म लगभग 90-95  दिन में पक कर तैयार हो जाती हैं एवं इसके 100 दानो का वजन 13 ग्राम होता हैं |   

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Nutrient Management in Okra Crop

  • उर्वरक की मात्रा खेत व फसल में उपलब्ध जैविक पदार्थ की उर्वरता और मात्रा पर निर्भर करती है। भूमि तैयारी के समय लगभग 20-25 टन / हेक्टेयर खेत की खाद को मिलाया जाना चाहिए |
  • 15 से 20 टन/हे. अच्छी पकी हुई गोबर की खाद, 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन (200 किलो यूरिया), 60 कि.ग्रा. फॉस्फोरस (400 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट) तथा 60 कि.ग्रा. पोटाश (100 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश ) प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना चाहिये।
  • गोबर की खाद, फॉस्फोरस एवं पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा तथा नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा खेत की अन्तिम तैयारी करते समय मिट्टी में अच्छी तरह से मिला देना चाहिये।
  • नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा बीज बोने के 20 दिन बाद तथा शेष एक तिहाई मात्रा बुवाई के 40 दिन बाद कतरों में देना चाहिये।
  • संकर किस्मों के लिये अनुमोदित मात्रा-150 कि.ग्रा. नाइट्रोजन (300 किलो यूरिया), 120 कि.ग्रा. फॉस्फोरस( 800 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट) व 75 कि.ग्रा पोटाश (100 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश) प्रति/हेक्टेयर है।
  • इनमें से 30% नत्रजन, 50% स्फूर व पोटाश की मात्रा मूल खाद के रूप में दें।
  • बाकी 50% फॉस्फोरस, 40% नाइट्रोजन व 25% पोटाश की मात्रा बीज बोने 28 दिन बाद तथा शेष मात्रा बुवाई के 30 दिन बाद खेत में मिला दें।

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Sowing method and seed rate of Bottle gourd

  • अच्छे अकुरण के लिये बीजों को बुवाई के पहले 24-48  घंटे पानी में डूबा कर रखे।
  • एक एकड़ भूमि के लिये उन्नत किस्म के 1 से 1.5 कि. ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • एक गढ्ढे में चार से पाँच बीजों को बोया जाता है।
  • बीजों के अंकुरण के दो सप्ताह के बाद अस्वस्थ एवं छोटी वृद्धि वाले पौधों को उखाड़कर अलग कर देना चाहिये, ताकि प्रत्येक गढ्ढे में 2 से 3 स्वस्थ पौधे ही रहे।
  • संकर एवं प्राइवेट कम्पनी के किस्मों की बीज दर 300-500 ग्राम/एकड़ होती हैं| बीजदर किस्मों एवं लगाने के तरीकों पर निर्भर करती हैं|

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Weed Management in Corn

  • एट्राजीन 50% डब्लू.पी. @500 ग्राम/एकड़ को 200 लीटर पानी में घोलकर बुवाई के दूसरे या तीसरे दिन अंकुरण से पूर्व प्रयोग करने से खरपतवार नष्ट हो जाते हैं |
  • बुवाई के 20-25 दिन बाद या 4-5 पत्ती की अवस्था में 2,4-D डाइमेथाइल अमीन साल्ट 58% एस.एल.@ 600 मिली/एकड़ घोल बनाकर फ्लेट फेन नोज़ल से स्प्रे करें |
  • जब खरपतवार 4-6 पत्ती की अवस्था में हो तब टेम्बोट्रायोन 42% एससी @ 115 मिली/एकड़ की दर से स्प्रे करें |
  • जब खरपतवारनाशी का उपयोग किया जाए उस समय मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए |
  • खरपतवारनाशी के प्रयोग के बाद मिट्टी से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए |
  • यदि दलहन फसल साथ में लगी हैं तो एट्राजीन तथा 2,4-D का उपयोग नहीं करना चाहिए इसके जगह पेंडीमेथलीन @ 300 ग्राम/एकड़ का प्रयोग अंकुरण पूर्व बुवाई के 3-5 दिन में करना चाहिए |

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Qualities of selected Maize Variety

 

क्रमांक . किस्मो के नाम बीज दर प्लांट स्पेसिंग बुवाई की गहराई बुवाई का समय दानो का रंग अधिक जानकारी
1 ADV 759 8 किलो/एकड़ 60 सेमी x 22.5 सेमी (पंक्ति x पौधा) 4-5 सेमी.. खरीफ-115-120 दिन, रबी -125-135 दिन अधिक उपज क्षमता, समान रूप से लंबा भुट्टा, टिप तक भरने के साथ साथ बड़े दाने, पंक्तियों की संख्या 14, वर्षा आधारित क्षेत्र के लिए उपयुक्त
2 PAC 751 एलीट 60 x 30-45 सेमी (पंक्ति x पौधा) 4-5 सेमी. खरीफ-115-120 दिन, रबी -125-135 दिन नारंगी पीला रेनफेड क्षेत्र के लिए उपयुक्त, समान छोटे अनाज के साथ नारंगी पीले चमकदार दाने, उच्च शैलिंग प्रतिशत  (85%)। 18-20 पंक्तियों की संख्या, पौधे की ऊँचाई 5.5-6.5 फीट (मध्यम), उपज – 30 क्विंटल/एकड़ चौड़ी पत्तियां, भुट्टे परिपक्व होने के बाद भी पौधे हरे रहते हैं जोकि चारे के लिए उपयुक्त हो।
3 6240 सिनजेंटा 5 किग्रा / एकड़ 60 x 30-45 सेमी (पंक्ति x पौधा) 4-5 सेमी खरीफ और जायद (80-85 दिन) नारंगी पीला चारे के लिए उपयुक्त किस्म, अधिक उपज, दाने टिप तक भरे होते हैं, सेमी-डेंट प्रकार के दाने,  पौधे परिपक्व होने पर भी हरे ही रहते हैं। लगभग सभी जगह के लिए अनुकूलन। अच्छी उपज, डंठल और जड़ सड़न रोग तथा रस्ट के प्रति प्रतिरोध किस्म |

 

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Improved Varieties of Soybean

किस्मों का चयन कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार किया जाना चाहिए| हल्की भूमि व वर्षा आधारित क्षेत्रों में जहाँ औसत वर्षा 600 से 750 मि.मी. है वहाँ जल्दी पकने वाली (90-95 दिन) किस्म लगाना चाहिए| मध्यम किस्म की दोमट भूमि व 750 से 1000 मिमी. औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में मध्यम अवधि में पकने वाली किस्में जो 100 से 105 दिन में आ जाएँ, लगाना चाहिए | 1250 मिमी. से अधिक वर्षा वाले तथा भारी भूमि में देर से पकने वाली किस्में लगाना चाहिये| इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिये की बीज की अंकुरण क्षमता 70 % से अधिक हो एवं खेत में अच्छी फसल हेतु पौधों की संख्या 40 पौधे प्रति वर्ग मीटर प्राप्त हो सकें, अंत: उपयुक्त किस्म के प्रमाणित बीज का ही चयन करना चाहिये |

मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त सोयाबीन की उन्नत किस्में:-

क्र. किस्म का नाम अवधि दिन में उपज प्रति हेक्टेयर
1. JS-9560 82-88 18-20
2. JS-9305 90-95 20-25
3. NRC-7 90-99 25-35
4. NRC-37 99-105 30-40
5. JS-335 98-102 25-30
6. JS-9752 95-100 20-25
7. JS-2029 93-96 22-24
8. RVS-2001-4 92-95 20-25
9. JS-2069 93-98 22-27
10. JS-2034 86-88 20-25

 

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Nursery Management in Chilli

अच्छी पैदावार के लिए नर्सरी का ठीक से तैयार होना अति आवश्यक है अगर नर्सरी में पौध रोग रहित एवं स्वस्थ रहेगी तभी खेत में रोपाई के बाद तैयार मिर्च का पौधा भी मजबूत रहेगा इसलिए नर्सरी में पौधे की उचित देखभाल अवश्य करे | अच्छी पौधे तैयार करने हेतु ग्रामोफोन मिर्च की नर्सरी में तीन बार स्प्रै करने की सलाह देता हैं जो इस प्रकार है

  • पहला स्प्रे – थायोमेथोक्साम 25% डब्ल्यूजी 8 ग्राम/पम्प + एमिनो एसिड 20 मिली/पम्प (पत्तियों का रस चूसने वाले कीटो के नियंत्रण में सहायक) |
  • दुसरा स्प्रे – मेटलैक्सिल-M (मेफानोक्सम) 4% + मैनकोज़ब 64% डब्ल्यूपी 30 ग्राम/पम्प + 19:19:19 @ 100 ग्राम/पम्प ( डम्पिंग ऑफ के नियंत्रण में सहायक ) |
  • तीसरा स्प्रे – थायोमेथोक्साम 25% डब्ल्यूजी 8-10 ग्राम/पम्प + हुमिक एसिड 10-15 ग्राम/पम्प
  • समयानुसार अन्य कीट व रोग लगने पर उनका नियंत्रण करें |

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Weed Management in Cotton :-

  1. संकीर्ण पत्ती के लिए: – क्विज़ेलोफॉप एथिल 5% ईसी @ 400 मिली/एकड़ या प्रोपाकिजाफाप 10% ईसी 300 मिली/एकड़ की दर से स्प्रे करें।
  2. चौड़ी पत्ती के लिए: – ग्रामोक्सोन 24% SL @ 500 मिली/एकड़ जब फसल 1.5 फीट ऊँचाई की हो जाए तो फसल को बचाते हुए, मिट्टी की सतह पर स्प्रे करें। यह एक नॉन-सेलेक्टिव खरपतवार नाशी हैं। इसका स्प्रे करने के लिए नोजल को टोपा पहना कर उपयोग करे |

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Importance of Magnesium in Plants

  • मैग्नीशियम पौधों में होने वाली फोटोसिंथेसिस (पौधों की खाना बनाने की प्रक्रिया) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा यह पत्तियों के हरेपन का प्रमुख तत्व है। मैग्नीशियम (Mg) सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है,जो पौधों में कई एंजाइम गतिविधियों और पादप ऊतकों को बनाने में महत्वपूर्ण  भूमिका निभाता है।
  • मैग्नीशियम की मात्रा मिट्टी में औसतन 0.5 – 40  ग्राम / किलोग्राम तक होती है, परन्तु वर्तमान समय में अधिकांशतः मिट्टी में मैग्नीशियम की मात्रा 3 -25  ग्राम / किलोग्राम तक पायी जाती है |
  • मैग्नेशियम की कमी के पहले लक्षण नीचे की पुरानी पत्तियों पर दिखाई देते है, पत्तियों की शिराएं गहरे रंग एवं शिराओं के बीच का भाग पीले  लाल रंग का हो जाता है ।
  • भूमि में नाइट्रोजन की कमी, मैग्नेशियम की कमी को बढ़ा देती है ।
  • खेत की तैयारी करते समय बेसल डोज के साथ 10 किलोग्राम/एकड़ की दर से मैग्नीशियम सल्फेट ( 9.5 %) की मात्रा को मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाकर दे|
  • मैग्नेशियम की कमी को दूर करने के लिये 70-80 ग्राम/एकड़  की दर से मैग्नेशियम सल्फेट का घोल बनाकर दो बार सप्ताहिक अंतराल से पत्तियों पर छिड़काव करें।
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