“Pink bollworm” Nature of damage

  • यह कपास का एक मुख्य कीट हैं जो, कपास के उत्पादन तथा गुणवत्ता दोनों को नुकसान पहुँचता हैं | 
  • इस कीट की  4 अवस्थाए होती हैं, इस कीट की इल्ली कोमल गुलाबी रंग की होती हैं | इस कीट की इल्ली ही फसल को नुकसान पहुँचती हैं |
  • इस कीट के वयस्क कपास के फूलो के अंदर अंडे देते हैं इन अंडो से निकली इल्ली अंदर ही अंदर बॉल को खाती हैं इसी वजह से बाहर की तरफ कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं | 
  • बॉल को खोलकर देखने पर अंदर की रुई सड़ी हुई दिखाई देती हैं यह इल्ली बीज को काट कर दो भागो में बाँट देती हैं|
  • संक्रमित पौधे से बॉल खुलने से पहले गिर जाते हैं जिससे उत्पादन कम हो जाता हैं |

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Management of Thrips in Cotton

कपास में थ्रिप्स का प्रबंधन:-

  • थ्रिप्स के शिशु एवं वयस्क पत्तियों के ऊपर एवं नीचे से उत्तकों को फाड़ कर रस चूसते हैं | वे लार उत्तकों में छोड़ते हैं और पौधों की कोशिकाओं का रस को चूसते हैं जिसके परिणामस्वरूप चांदी जैसे या भूरे रंग के उत्तकक्षय धब्बे बनते हैं।
  • थ्रिप्स से ग्रसित छोटे पौधे की बढ़वार धीमे हो जाते हैं और पत्तियां के ऊपर चमकदार कर्ल बन जाती हैं और सफेद चमकदार पैच के साथ विकृत हो जाती हैं। पत्तियों की सतह के नीचे जंग जैसे पेंच विकसित होती है|
  • फसल के वनस्पति विकास के दौरान अधिक प्रकोप होने पर कली देर से बनती हैं|
  • फल वाली अवस्था में अधिक थ्रिप्स लगने से घेटे गिरते हैं और फसल देर से आती है और उपज काम होती है | घेंटे बनते समय थ्रिप्स लगने से रेशे के गुणवत्ता कम हो जाती है |

प्रबंधन:-

  • बीज उपचार :- कपास के बीज को इमिडाक्लोप्रिड 60 एफएस @ 10 मिलीग्राम / किलोग्राम या थायोमेथॉक्सम 70 डब्ल्यूएस @ 5 ग्राम / किलोग्राम बीज से उपचारित करने से रस चूसक कीटों का प्रकोप शुरुआती अवस्था में कम हो जाता है |
  • कपास की फसल को खरपतवार मुक्त रखने से थ्रिप्स का फैलाव कम होता हैं|
  • जब थ्रिप्स का प्रकोप अधिक हो एवं मौसम साफ़ हो तब कीटनाशी का प्रयोग करना चाहिए|
  • फसल की शुरुआती अवस्था में खेत पर तैयार नीम सीड करनैल एक्सट्रेक्ट या नीम तेल @ 75 ml प्रति पंप तथा अच्छे फैलाव के लिए इसमें वाशिंग पाउडर 1 ग्राम प्रति लीटर पानी के अनुसार मिला कर स्प्रे करने से थ्रिप्स की संख्या को रोका हैं|
  • कीटनाशक का प्रयोग:- निम्न में से किसी एक कीटनाशक का स्प्रे करें |
  1. प्रोफेनोफॉस 50% @ 50 मिली प्रति पम्प
  2. ऐसीटामाप्रीड 20% @ 15 ग्राम प्रति पम्प
  3. इमीडाक्लोरप्रिड 17.8% @ 7 मिली प्रति पम्प
  4. थायोमेथॉक्सम 25% @ 5 ग्राम प्रति पम्प
  5. फिप्रोनिल 5% @ 50 मिली प्रति पम्प

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Control of White fly in Tomato

टमाटर में सफ़ेद मक्खी का नियंत्रण:-

  • वयस्क एवं निम्फ दोनों पौधों का रस चूसते है ।
  • यह पत्ती मोड़क रोगों को फैलाते है ।
  • इससे ग्रसित पत्तियाँ मुड़ी हुई एवं धीरे धीरे घुमावदार हो जाती है ।   

नियंत्रण:-

  • डायमिथोएट 30% ईसी @ 300 मिली. प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर फसल की प्रारंभिक अवस्था में छिड़काव करें ।
  • नर्सरी अवस्था में सफेद मक्खी को रोकने के लिये नर्सरी के चारों तरफ नाइलोन की 100 मेश की जाली लगा दें ।   

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

How to Control false wireworm in soybean

इस कीट के नियंत्रण के लिए इनमे से किसी एक  कीटनाशक का स्प्रे करे |

  • लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 5% EC @ 200- 300 मिली/एकड़ | या
  • क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 9.3% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 4.6% ZC @ 100-150 मिली/एकड़ | या 
  • स्पिनोसैड 45% एससी @ 80-100 मिली/एकड़।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

False wireworm (Gonocephalum) damage symptoms in soybean

  • वयस्क कीट नए अंकुर के पत्तों को, या बढ़ती हुई नोक को, या जमीन के स्तर के पास तने को ‘रिंग बार्किंग’ करके खा जाती हैं जिसकी वजह से उभरते हुए अंकुर नष्ट हो जाते हैं। 
  • इसके वयस्क मिट्टी की सतह पर सक्रिय होते हैं | यह अनाज वाली फसलों की तुलना में दलहनी फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। 
  • यह कीट सोयबीन की फल्लियो में नवविकसित दानो को खाता हैं तथा फलियों को काट कर गिरा देता हैं | 

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Paddy Blast Symptoms

  • धान का यह रोग अधिक नुकसान पहुंचाने वाला रोग हैं |
  • लीफ ब्लास्ट रोग धान की फसल को किसी भी अवस्था में संक्रमित कर सकता हैं |
  • संक्रमण की गंभीर अवस्था में यह रोग पत्ती के सतही भाग को कम कर देता हैं जिससे दाने कम भरते हैं परिणामस्वरूप उपज कम होती हैं |
  • शुरवाती लक्षण के रूप में सफेद से धूसर हरे रंग के धब्बे पत्तियों पर दीखते हैं जिसके किनारे गहरे हरे रंग के होते हैं | 
  • पुराने धब्बे अण्डाकार या धुरी के आकार के जिसका केंद्र सफ़ेद से धूसर रंग का तथा लाल से भूरे रंग की परिगलित किनारे होते हैं | 

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

How to Control Downy Mildew in Cauliflower

  • उचित जल प्रबंधन करे ताकि मिट्टी की सतह पर अतिरिक्त नमी न रहे |
  • साफ़ (कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% WP) @ 300-400 ग्राम/एकड़ या 
  • रीडोमिल गोल्ड (मेटलैक्सिल-एम 4% + मैनकोजेब 64% WP) @ 300-400 ग्राम/एकड़
  • अमीस्टार (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% एससी)@ 200 मिली/एकड़ | 
  • नेटिवो (टेबुकोनाज़ोल 50% + ट्राइफ्लोक्सिरोबिन 25% WG) @ 120 ग्राम/एकड़ का छिड़काव किया जा सकता है।
  • फसल चक्र अपनाये एवं खेत में साफ़ सफाई रखे।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके यह जानकारी अन्य किसानों के साथ साझा करें।

 

Share

What’re the Symptoms of Downy Mildew in Cauliflower

  • तनो पर भूरे दबे हुए धब्बे दिखाई देते हैं जिन पर फफूदी की सफेद मृदुरोमिल वृद्वि होती है।
  • पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है जिनमे भी मृदुरोमिल फफूदी की वृद्वि होती है।
  • इस रोग के प्रभाव से फूलगोभी का शीर्ष संक्रमित होकर सड़ जाता है।

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके यह जानकारी अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Management of Fruit borer in chilli

  • वयस्क कीट के नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप @ 3-4/एकड़ का उपयोग करें |
  • पहला स्प्रे प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 300 मिली/एकड़ + क्लोरोपायरीफॉस 20% ईसी @ 500  मिली/एकड़ |
  • दूसरा स्प्रे प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 300  मिली/एकड़ + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80 -100 ग्राम/एकड़ या प्रोफेनोफॉस 300 मिली/एकड़ + फ्लुनिकामिड़ @100 ग्राम/एकड़ | 
  • तीसरा स्प्रे इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80 -100 ग्राम/एकड़ + फेन्प्रोप्रेथ्रिन 10% ईसी @ 250-300 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 80-100 ग्राम/एकड़ + डेल्टामेथ्रिन @ 150 मिली/एकड़ |  
  • चौथा स्प्रे क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 9.3% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 4.6% जे सी@100 मिली/एकड़ या थायोडिकार्ब 75% डब्ल्यूपी @ 250 ग्राम/एकड़।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 1 लीटर या किलो/एकड़ की दर से स्प्रे करे 

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके यह जानकारी अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share

Symptoms of damage “Chilli Fruit Borer”

  • मिर्ची के फल के आधार पर एक गोलाकार छेद पाया जाता हैं हुर फल और फूल परिपक्व होने से पहले ही गिर जाते हैं | 
  • सामन्यतः इल्ली की लार्वा फलो के अंदर ही विकसित होती हैं | 
  • इल्ली की छोटी अवस्था में वह फलो पर एक छेद बनाकर नए विकसित फल को खाती हैं तथा जब फल परिपक्व हो जाते हैं तब यह बीजो को खाना पसंद करती हैं इस दौरान इल्ली अपने सर की फल के अंदर रख कर बीजो को खाती हैं एवं इल्ली का बाकी शरीर फल के बाहर रहता हैं | 

नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके यह जानकारी अन्य किसानों के साथ साझा करें।

Share