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- सफेद गेरुआ एक कवक जनित रोग है और इस रोग के कारण सरसों की फसल को बहुत अधिक नुकसान होता है।
- इस रोग में पत्तियो की निचली सतह पर सफ़ेद रंग के फफोले दिखाई देते हैं। कुछ समय बाद यह फफोले सफ़ेद पाउडर में बदल जाते हैं।
- इसके कारण पत्तियों के द्वारा भोजन बनाने की प्रक्रिया बहुत प्रभावित होती है।
- इससे बचाव हेतु हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 मिली/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG@ 500 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम की दर छिड़काव करें।
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