चाहिए गेहूँ की बंपर उपज तो बुआई से पहले जरूर करें बीज उपचार

  • बुआई के पहले बीजों का सही तरीके से उपचार कर लेने से बुआई के बाद गेहूँ के सभी बीजों का एक सामान अंकुरण होता है।

  • इससे मिट्टी जनित एवं बीज जनित रोगों से गेहूँ की फसल की सुरक्षा हो जाती है।

  • बीज उपचार करने से करनाल बंट, गेरुआ, लुज स्मट, ब्लाइट जैसे घातक रोगों से गेहूँ की फसल की रक्षा होती है।

  • गेहूँ की फसल में हम रासायनिक और जैविक दो विधियों से बीज उपचार कर सकते हैं।

  • रासायनिक उपचार के लिए बुआई से पहले बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज या कार्बोक्सिन 17.5% + थायरम 17.5% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज से बीज उपचार करें।

  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम/किलो + PSB @ 2 ग्राम/किलो बीज़ या PSB @ 2 ग्राम + माइकोराइजा @ 5 ग्राम/किलो बीज की दर से बीज उपचार करें।

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

See all tips >>