गेहूँ में लगने वाले कवक रोग से फसल को होगा नुकसान, ऐसे करें बचाव

  • गेहूँ की फसल में लगने वाले कवक एवं जीवाणु जनित रोगों के प्रकोप की वजह से फसल की बढ़वार कम होने के साथ ही कल्ले भी कम निकलते हैं।
  • इसलिए सही वक्त पर इन रोगों की पहचान कर समुचित फसल प्रबंधन करना बेहद जरूरी होता है। ऐसा करने से उपज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • गेहूँ में लगने वाले रोगों में प्रमुख हैं पत्ती धब्बा रोग, करनाल बन्ट, गेरुआ या रतुआ रोग, अनावृत्त कण्डुआ इत्यादि।
  • इन रोगों के नियंत्रण के लिए निम्न उत्पादों का उपयोग करना लाभकारी होता है।
  • हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 ग्राम/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 25.9% EC@ 200 मिली/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC @ 200 मिली/एकड़  की छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार रूप  में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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