मक्का में होल्कस पत्ती धब्बा रोग के लक्षणों को पहचानें व अपनाएं बचाव के उपाय

    • होल्कस पत्ती धब्बा रोग दरअसल स्यूडोमोनास सिरिंज जीवाणु के कारण होता है। इसकी वजह से पत्तियों पर गोल आकार के, सफेद से लेकर हल्के भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं। धब्बों के किनारे आमतौर पर भूरे रंग के होते हैं।

    • यह रोग अक्सर बरसाती तूफ़ान के बाद के गर्म तापमान(75-85°F अनुकूल) में प्रकट होता है। तूफ़ान के दौरान, पानी के छींटों से रोगज़नक़ फैल जाता है और होने वाले घाव रोगज़नक़ को पत्ती में प्रवेश करने में सक्षम बनाते हैं। इससे आखर में पत्ते पूरी तरह से सूख जाते हैं।

    • 2 होल्कस पत्ती के दागों को एक कवक रोग के रूप में आईस्पॉट में भी देखा जा सकता है, जिसमें भूरे रंग की सीमा और पीले आभामंडल के साथ गोल दाग भी होते हैं।

      नियंत्रण के उपाय

    • रोग फैलाने वाली आर्द्र जलवायु परिस्थितियों से बचने के लिए देर से पौधे लगाएं।

    • जब पत्ते गीले हों तो खेतों में काम करने से बचें।

    • ऊपरी सिंचाई से भी बचें।

    • खेत को खरपतवार से मुक्त रखें।

    • खेत के पास पेड़ हो तो वहां खाद न डालें या पौधों के अवशेष न छोड़ें।

    • संक्रमित पौधों को तुरंत हटा दें और उनके अवशेषों को जला दें।

    • गैर-संवेदनशील फसलों के साथ फसल चक्र की सिफारिश की जाती है।

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