प्याज की फसल 90 से 100 दिन की होने पर, इसके पौध की वृद्धि को रोककर कंद विकास को बढ़ाया जा सकता है। फसल की इस अवस्था में बेहतर कंद विकास और बेहतरीन उपज पाने के लिए यह आवश्यक छिड़काव जरूर करें –
टाबोली – पैक्लोबुट्राज़ोल 40% एससी यह एक पौध की वृद्धि नियंत्रक है। जो पौधों की वृद्धि को रोककर जड़ की वृद्धि को बढ़ाता है। जिससे कंद के आकार एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
जीका – जीका में पैक्लोबुट्राजोल 23 % एससी होता है। यह एक पौध वृद्धि नियंत्रक है, जो जिबरेलिन के संश्लेषण को रोकता है। इसकी मदद से वानस्पतिक विकास में कमी और कंद की गुणवत्ता (रंग, आकार, परिपक्वता और उपज) में वृद्धि होती है। जीका का अवशोषण जड़ों के माध्यम से भी किया जाता है।
मात्रा – जब फसल 90 से 100 दिन की हो जाये, टाबोली (पैक्लोबुट्राज़ोल 40% एससी) @ 30 मिली या जीका (पैक्लोबुट्राजोल 23 % एससी) @ 40 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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