जानिए, रबी प्याज की नर्सरी कैसे तैयार करें?

लगभग 55-60% प्याज रबी मौसम में और 40-45% खरीफ मौसम और पछेती खरीफ मौसम में उगाया जाता है। रबी प्याज सिंचित फसल के लिए अधिक प्रचलित है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े आकार के बल्बों के साथ अधिक उपज प्राप्त होती है। “अक्टूबर से नवंबर” नर्सरी तैयार करने का सही समय होता है –

  • प्याज की नर्सरी के लिए क्यारी ऐसे स्थान पर बनानी चाहिए जहां पर जलभराव नहीं होता हो एवं जल निकासी की उत्तम व्यवस्था हो। नर्सरी के लिए भूमि समतल तथा उपजाऊ हो क्योंकि समतल क्यारियों में पानी एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाता है। साथ ही आसपास छायादार वृक्ष न हो। 

  • पौध तैयार करने के लिए 3-7 मीटर लम्बी तथा 1 मीटर चौड़ी क्यारी भूमि से लगभग 10 से 15 सेमी ऊँची बना लेनी चाहिए। इस आकार की 20 क्यारियाँ एक एकड़ की नर्सरी के लिए पर्याप्त होती हैं।

  • भूमि की 4 से 5 जुताई करें, सामान्यतः पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से उसके बाद देसी हल या हैरो से करनी चाहिए। यदि खेती में ढेले हो तो प्रत्येक जुताई के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बनाकर खेत को समतल कर लें। जिससे बीज का अंकुरण भी अच्छा होगा एवं जल धारण क्षमता भी बनी रहेगी। 

  • गोबर की खाद 10 किग्रा  + कॉम्बैट (ट्राईकोडर्मा विरिडी 1.0% डब्ल्यूपी) @ 25 ग्राम + मैक्समायको (अमीनो एसिड + ह्यूमिक एसिड + समुद्री शैवाल का अर्क +  माइकोराइजा) @ 25 ग्राम + कालीचक्रा (मेटाराइजियम एनीसोपली) 25 ग्राम प्रति क्यारी, के हिसाब से मिट्टी में समान रूप से मिला लें। जल निकासी सुविधा के साथ ऊंची क्यारियां तैयार करें।

  • बुवाई से पूर्व, जैविक बीज उपचार के रूप में, कॉम्बैट (ट्राईकोडर्मा विरिडी 1.0% डब्ल्यूपी) @ 5 ग्राम या मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरेंस 1.0% डब्ल्यूपी) @ @ 5 ग्राम / किग्रा बीज के हिसाब से उपचार करे|

  • रासायनिक बीज उपचार के रूप में, स्प्रिंट (कार्बेन्डाजिम 25%+ मैंकोजेब 50% डब्ल्यूएस) 3 ग्राम प्रति किग्रा बीज के हिसाब से अवश्य उपचारित कर लेना चाहिए, इससे शुरुआती अवस्था में लगने वाले बीमारी नहीं लगेगी। 

  • बुवाई 1-2 सेंटीमीटर की गहराई एवं 5 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में की जानी चाहिए।  

  • इस प्रकार, उपचारित बीज को तैयार क्यारियों में बुआई करें। बुवाई के बाद, बी।जों को बारीक पिसे हुए खाद या मिट्टी से कवर करें। 

  • बीज बोने के तुरंत बाद क्यारी में फव्वारे या हजारे से हल्की सिंचाई करना चाहिए। इसके बाद एक दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए। 

  • इस तरह से डाली गई नर्सरी लगभग 35-45 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।

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