- पत्तियाँ ऊपर की ओर मुड़ जाती हैंं एवं पत्तियों का आकार छोटा रह जाता हैंं।
- पौधे में अत्यधिक मात्रा में शाखाएँ निकल आती हैंं एवं वृद्धि रूक जाती हैंं।
- पुरानी पत्तियाँ मोटी चमड़े जैसी एवं भंगुर हो जाती हैंं।
- प्रभावित अवस्था में पौधों को उखाड़कर अलग करे।
- खेत में टमाटर की रोपाई के 2 महीने पहले खेत के चारों तरफ ज्वार, बाजरा एवं मक्के की 5-6 कतार को इस विषाणु को फैलने से रोकने के लिये लगाना चाहिये।
- वाहक (सफेद मक्खी) को रोकने के लिये डायमेथोएट 30% EC का 300 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 15 दिन के अंतराल से छिड़काव करें।
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