गेहूँ की 40-45 दिनों की फसल अवस्था में जरूर करें ये छिड़काव

  • गेहूँ की 40-45 दिन बाद की अवस्था फसल वृद्धि की बहुत महत्वपूर्ण अवस्था होती है। इस समय कल्ले निकलते रहते हैं और किसान भाई इस समय दूसरी सिंचाई दे चुके होते है। जिससे पौधे तेजी से बड़े होते हैं साथ हीं नए कल्ले भी अधिक आते रहते हैं।

  • इस समय कवक जनित रोगों एवं कीटों से फसल की सुरक्षा अति आवश्यक होती है।

  • फसल में कीट नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 60 मिली या थियामेंथोक्साम 25% WG @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • कवक जनित रोगों के लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर उपयोग करें।

  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • फसल वृद्धि विकास में कमी दिखाई देने पर होमोब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली या जिब्रेलिक एसिड @ 300 मिली/एकड़ की दर से उपयोग कर सकते हैं।

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