लहसुन की 25 दिन की अवस्था में इन आवश्यक सिफारिशों को जरूर अपनाएँ

  • कंद वर्गीय फसल होने की वजह से लहसुन की फसल में पोषण प्रबंधन एवं रोग प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।

  • इस समय फसल प्रबंधन करने से लहसुन की फसल में कवक जनित रोगों जैसे जड़ गलन, तना गलन, पीलापन आदि से फसल की सुरक्षा की जा सकती है। इसके लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63%@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • लहसुन की फसल में लगने वाले कीटो से फसल की रक्षा करने के लिए लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS 250 मिली/एकड़ या जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • लहसुन की फसल की एक समान वृद्धि के लिए जल घुलनशील उर्वरक 19:19:19 या 20:20:20 @ 1 किलो प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। अच्छे परिणाम के लिए छिड़काव के साथ स्टिकर 5  मिली प्रति टैंक की दर से मिलाएं।

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