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सोयाबीन की फसल में बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार बहुत आवश्यक होता है।
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मिट्टी उपचार दो बार किया जाता है, पहला उपचार पहली बारिश के पहले या बाद में, वहीं दूसरा उपचार बुआई के पहले किया जाता है
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इसके लिए निम्न तरीके अपनाये जाते हैं
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बीजों के अच्छे अंकुरण के लिए मिट्टी का भुरभुरा होना आवश्यक है, पिछली फसल की कटाई के बाद एक जुताई सामान्य हल से तथा 2-3 जुताई हैरो की सहायता से करें।
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पकी हुई गोबर की खाद की 50 किलो मात्रा को मेट्राजियम कल्चर की 1 किलो मात्रा/एकड़ को मिलाकर सफ़ेद ग्रब का जैविक नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है।
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बुआई के पहले मिट्टी उपचार करने के लिए किसान सोयबीन समृद्धि किट का उपयोग कर सकते हैं। इस किट में कई उपयोगी उत्पाद हैं जो फसल में पोषक तत्वों की पूर्ति करने में मदद करते हैं।
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इस किट में पीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया है जो पोटाश एवं फॉस्फोरस की पूर्ति करते हैं, इसमें ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो जड़ गलन एवं तना गलन जैसे रोगों से फसल की रक्षा करता है। इसमें ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा भी है। यह प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है एवं सफेद जड़ों का विकास करता है। राइज़ोबियम सोयाबीन कल्चर में नाइट्रोजन का जीवाणु पाया जाता है जो सोयाबीन की जड़ों में रह कर वायुमंडलीय नाइट्रोज़न को स्थिर कर पौधों को प्रदान करता है और पौधों को अच्छी तरह से विकसित करने में मदद करता है।
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