चने की फसल कीट प्रकोप के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होती है क्योंकि चने की फसल रबी के कम तापमान वाले मौसम में लगायी जाती है।
चने की फसल में हेलिकोवरपा आर्मीजेरा (पोड बोरर) के प्रकोप का अभी अनुकूल समय है।
इसके प्रकोप के कारण चने की पत्तियों को बहुत अधिक नुकसान होता है एवं अविकसित फलों एवं फूलों को भी यह कीट बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।
इस कीट के निवारण के लिए क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60मिली/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।
जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।