ककड़ी/खीरे में एन्थ्रेक्नोज रोग नियंत्रण कैसे करें?

  • इस बीमारी के लक्षण पत्तियों, तने एवं फलों पर दिखाई देते हैं।
  • इसके कारण नये फलों के ऊपर अण्डाकार जल रहित धब्बे निर्मित होते है जो आपस में मिलकर बहुत बड़े हो जाते हैं।
  • अत्यधिक नमी के कारण इन धब्बों का निर्माण होता है और इन धब्बों से गुलाबी चिपचिपा पदार्थ निकलने लगता है।
  • इस बीमारी में प्रभावित भागों पर अंगमारी रोग के समान लक्षण निर्मित हो जाते हैं।
  • खेतों को साफ रखे एवं उचित फसल चक्र अपनाकर इस बीमारी को फैलने से रोकें।
  • बुआई से पहले बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP से 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
  • इस रोग के निवारण के लिए मैनकोज़ेब 75% WP@ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ या ट्राइकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ के रूप में उपयोग करें।
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