मौसम परिवर्तन से होने वाले इल्लीवर्गीय कीटों के प्रकोप से फसलों का ऐसे करें बचाव

मौसम में अचानक हुए परिवर्तन के कारण रबी सीजन की सब्जी वर्गीय फ़सलों के साथ साथ आलू, गेहू, चना आदि फसलों में इल्लियों का प्रकोप बहुत अधिक मात्रा में होने की सम्भावना रहती है। कम तापमान एवं अधिक नमी वाले मौसम में इल्लियां अंडो से बाहर निकलती है एवं इनके शिशु फसलों की पत्तियों, तने, फलों, फूलों आदि को कुतर कर फसलों को बहुत नुकसान पहुँचाती है।

इस तरह के मौसम में हरी इल्ली, तम्बाकू की इल्ली, फल छेदक आदि इनके नियंत्रण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग बहुत प्रभावशाली होता है।

नियंत्रण: इन इल्ली वर्गीय कीटों के निवारण के लिए क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC @ 600 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।

हर छिड़काव के साथ जैविक उपचार रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से अवश्य उपयोग करें।

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