मिर्च की 60 से 80 दिनों की फसल में छिड़काव प्रबंधन

  • मिर्च एक कीट प्रिय पौधा है और इसी कारण मिर्च की फसल में बहुत अधिक मात्रा में अलग-अलग प्रकार की इल्लियों एवं रस चूसक कीटों का प्रकोप होता है।
  • इन कीटों के साथ-साथ कुछ कवक जनित एवं जीवाणु जनित बीमारियाँ भी मिर्च की फसल को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं।

इनके प्रबंधन के लिए निम्न उत्पादों का उपयोग करें 

  • रस चूसक कीट प्रबंधन के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL@ 100 मिली/एकड़ या एसिटामिप्रीड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 60 मिली।एकड़ का उपयोग करें।
  • इल्ली के प्रबंधन हेतु प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या फेनप्रोप्रेथ्रिन 10% EC @ 400 मिली/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • इसके जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • रोग प्रबंधन के लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 300 मिली/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% WP @300 ग्राम/एकड़ या कसुंगामायसीन 3% SL @ 400 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
  • इसके जैविक उपचार के रूप में सूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • पोषण प्रबंधन: मिर्च की फसल में अच्छी वृद्धि के लिए एमिनो एसिड @ 300 मिली/एकड़ + 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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