जानिए दलहनी फसलों में मोलिब्डेनम का महत्व

  • किसान भाइयों मोलिब्डेनम पौधों द्वारा ग्रहण किये जाने वाले आठ आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक है। पौधे मोलिब्ढेथ के रूप में मोलिब्डेनम को अवशोषित करते हैं।

  • मोलिब्डेनम मुख्य रूप से फ्लोएम और नाड़ी पैरेन्काइमा में स्थित होता है और पौधों में चलायमान तत्व के रूप में होता है। पौधों में नाइट्रोजन के रासायनिक परिवर्तन के लिए मोलिब्डेनम की आवश्यकता होती है। 

  • मोलिब्डेनम तत्व दलहनी फसलों की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीवाणुओं के कार्य में सहयोगी होता है। इसकी कमी से पौधे में होने वाली एमिनो एसिड तथा प्रोटीन निर्माण की समस्त क्रियाएं शिथिल हो जाती हैं। इससे पौधों की रोगरोधी क्षमता कम होने लगती है साथ ही यह पौधों में विटामिन-सी व शर्करा के संश्लेषण में सहायक है।

  • कमी के लक्षण- नई पत्तियां सूख जाती हैं, हल्के हरे रंग की हो जाती हैं, मध्य शिराओं को छोड़कर पूरी पत्तियों पर सूखे धब्बे दिखाई देते हैं। नाइट्रोजन के उचित ढंग से उपयोग न होने के कारण पुरानी पत्तियां हरित महीन होने लगती हैं। 

  • मोलिब्डेनम की कमी जिन पौधों में होती है, वहां नाइट्रेट पत्तियों में जमा हो जाता है और पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का निर्माण नहीं होने देता है। इसका परिणाम ये होता है कि नाइट्रोजन की कमी के कारण पौधों का विकास अवरुद्ध हो जाता है।

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