दुनिया भर के मुख्य खाद्यान्न फ़सलों में गेहूँ एवं धान के बाद तीसरी मुख्य फसल के रूप में मक्का का स्थान आता है।
इसका मुख्य कारण है इसकी उत्पादकता – क्योंकि इसकी उत्पादन क्षमता गेहूँ एवं धान से 25-75 प्रतिशत तक अधिक रहती है। खरीफ मौसम में इसकी बुआई हेतु 15-30 जून तक का समय सबसे उपयुक्त होता है।
अधिकतम लाभ के लिए बुआई से पहले मिट्टी की जांच करवाना आवश्यक होता है।
बुआई से पूर्व खेत में भली भाँती सड़ी हुई 4-6 टन प्रति एकड़ की दर से गोबर या FYM को मिला देनी चाहिए।
मक्का की संकर एवं संकुल किस्मों द्वारा अधिकतम उपज लेने के लिए खाद एवं उर्वरक की पर्याप्त मात्रा उपयुक्त समय पर ही देनी चाहिए।
मक्का की फसल में बुआई के बाद 40-50 दिनों में भी उसी तरह पोषण प्रबंधन करना आवश्यक होता है जैसे बुआई के समय किया जाता है।
इसके लिए यूरिया@ 35 किलो/एकड़ + सूक्ष्मपोषक तत्व@ 8 किलो/एकड़ का उपयोग मिट्टी उपचार के रूप में करें साथ हीं 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
उपयोग के समय यह सुनिश्चित करें की खेत में पर्याप्त नमी हो।