शाकनाशी (चारामार) रसायनों का प्रयोग करते समय रखें ये सावधानियाँ

  • उचित नोजल फ्लड जेट या फ्लैट फैन का ही उपयोग करना चाहिए।
  • शाकनाशी रसायनों की उचित मात्रा का ही प्रयोग करना चाहिए। यदि संस्तुति दर से अधिक शाकनाशी का प्रयोग किया जाता है तो खरपतवारों के अतिरिक्त फसल को भी क्षति पहुँच सकती है।
  • शाकनाशी रसायनों को उचित समय पर छिड़कना चाहिए। अगर छिड़काव समय से पहले या बाद में किया जाता है तो लाभ की अपेक्षा हानि की संभावना रहती है।
  • शाकनाशी रसायनों का घोल तैयार करने के लिए रसायन व पानी की सही मात्रा का उपयोग करना चाहिए।
  • एक ही रसायन का बार-बार फसलों पर छिड़काव न करें बल्कि बदल-बदल कर करें अन्यथा खरपतवारों में लगातार उपयोग में लाने वाले शाकनाशी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो सकती है।
  • छिड़काव के समय मृदा में पर्याप्त नमी होना चाहिए तथा पूरे खेत में छिड़काव एक समान होना चाहिए।
  • छिड़काव के समय मौसम साफ़ होना चाहिए।
  • यदि दवा इस्तेमाल से ज्यादा ख़रीद ली गई है तो उसे ठंडे, शुष्क एवं अंधेरे स्थान पर रखें तथा ध्यान रखें कि बच्चे एवं पशु इसके सम्पर्क में न आये।
  • प्रयोग करते समय ध्यान रखिए कि रसायन शरीर पर न पड़े। इसके लिए विशेष पोशाक दस्ताने, चश्में का प्रयोग करें अथवा उपलब्ध न होने पर हाथ में पॉलीथीन लपेट लें तथा चेहरे पर गमछा (तौलिया) बांध लें।
  • प्रयोग के पश्चात खाली डिब्बों को नष्ट कर मिट्टी में दबा दें। इसे साफ़ कर इसका प्रयोग खाद्य पदार्थों को रखने के लिए कतई न करें।
  • छिड़काव समाप्त होने के बाद दवा छिड़कने वाले व्यक्ति साबुन से अच्छी तरह हाथ व मुँह अवश्य धो लें।
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