आफरा हो जाने पर इलाज में देर करने से पशु की मृत्यु तक हो जाती है। इसलिए इलाज में देरी नही करनी चाहिए। तुरन्त चिकित्सक बुलाये या निम्न में से कोई एक उपाय करने से भी पशु की जान बचाई जा सकती है।
एक लीटर छाछ में 50 ग्राम हींग और 20 ग्राम काला नमक मिला कर उसे पिलाए। या
सरसों, अलसी या तिल के आधा लीटर तेल में तारपीन का तेल 50 से 60 मी.ली. मिला कर पिलाये। या
आधा लीटर गुनगुने पानी में 15 ग्राम हींग घोल कर नाल द्वारा पिलाये।
ऊपर दिए गये आफरे के घरेलू उपचार है तथा कुछ दवाइयाँ भी पशुपालक को अपने पास रखनी चाहिए ताकि चिकित्सक के समय पर ना आने पर उचित इलाज हो सके।
आफरा नाशक दवाइयों में एफ़्रोन, गार्लिल, टीम्पोल, टाईम्पलेक्स आदि प्रमुख है जिसे चिकित्सक के परामर्श पर ही पशु को देना चाहिए।