पशुओं में आफरा की समस्या होने पर उपचार कैसे करें?

How to treat when the animals have Afra
  • आफरा हो जाने पर इलाज में देर करने से पशु की मृत्यु तक हो जाती है। इसलिए इलाज में देरी नही करनी चाहिए। तुरन्त चिकित्सक बुलाये या निम्न में से कोई एक उपाय करने से भी पशु की जान बचाई जा सकती है।
  • एक लीटर छाछ में 50 ग्राम हींग और 20 ग्राम काला नमक मिला कर उसे पिलाए। या
  • सरसों, अलसी या तिल के आधा लीटर तेल में तारपीन का तेल 50 से 60 मी.ली. मिला कर पिलाये। या
  • आधा लीटर गुनगुने पानी में 15 ग्राम हींग घोल कर नाल द्वारा पिलाये।
  • ऊपर दिए गये आफरे के घरेलू उपचार है तथा कुछ दवाइयाँ भी पशुपालक को अपने पास रखनी चाहिए ताकि चिकित्सक के समय पर ना आने पर उचित इलाज हो सके।
  • आफरा नाशक दवाइयों में एफ़्रोन, गार्लिल, टीम्पोल, टाईम्पलेक्स आदि प्रमुख है जिसे चिकित्सक के परामर्श पर ही पशु को देना चाहिए।
Share

पशुओं में आफरा रोग के लक्षण और कारण

Symptoms and Causes of Afra disease in animals
  • पशु को सांस लेने में कठिनाई होना, पशु का पेट अधिक फूल जाना, ज़मीन पर लेट कर पाँव पटकना,पशु का जुगाली नही करना, चारा-पानी बंद कर देना, नाड़ी की गति तेज हो जाना किन्तु तापमान सामान्य रहना आदि आफरे के प्रमुख लक्षण है।
  • आफरा का असर बढ़ने पर पशु की हालत गंभीर हो जाती है और कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है।
  • बरसीम, जई और दूसरे रसदार हरे चारे, विशेषकर जब यह गीले होते है तब पशु द्वारा खाया जाना आफरे का कारण बनते है।
  • गेहूं, मक्का जैसे अनाज ज्यादा मात्रा में खाने से भी आफरा हो जाता है क्योंकि इनमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है।
  • बरसात के दिनों में कच्चा चारा अधिक मात्रा में खा लेना, गर्मी के दिनों में उचित तापमान न मिलना, पाचन क्रिया गड़बड़ाना, अपच हो जाना, पशु को खाने के तुरन्त बाद खूब सारा पानी पिलाने आदि से भी आफरा हो जाता है।
Share