फॉल आर्मीवर्म फसलों का खराब करने वाला बहु भक्षी कीड़ा है, जो तंबाकू की इल्लियों की प्रजाति में शामिल है। ये कीड़े टिड्डियों की तरह खाने की तलाश में 100 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर करते हैं। ये कीड़े खेतों में खड़ी फसलों की पत्तियों और भुट्टों को ढकने वाले खोल पर घर बनाते हैं और उन्हें खुरचकर खा जाते हैं। इनके प्रकोप से मक्के की पत्तियों पर सफेद रंग की धारियां भी बनने लगते हैं। वैसे तो ये सिर्फ 30-35 दिनों तक ही जीते हैं, लेकिन एक ही रात में ये फसलों को नुकसान पहुंचाने की ताकत भी रखते हैं। खासकर मादा आर्मीवर्म फसलों में अंडे देकर समस्या को और बढ़ा देती हैं।
फ़ॉल आर्मीवॉर्म की पहचान कैसे करें?
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वे हरे, गुलाबी, भूरे या काले रंग के होते हैं।
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उनकी आंखों के बीच एक सफेद रंग का अंग्रेजी के उल्टे Y अक्षर जैसा पैटर्न बना होता है।
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उनके शरीर के प्रत्येक खंड में ट्रेपेज़ॉइड पैटर्न के धब्बे होते हैं।
रासायनिक नियंत्रण
रासायनिक नियंत्रण में नोवलक्सम (थियामेथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 09.50% ZC) @ 80 मिली/एकड़ या इमानोवा (एमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG) @ 100 ग्राम/एकड़ या कवर (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% W/W SC) @ 60 मिली/एकड़ की दर से इस्तेमाल करें।
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