सोयाबीन की फसल के लिए खेत की तैयारी गहरी जुताई से शुरू करनी चाहिए। इसके बाद 2-3 जुताई हैरो या मिट्टी पलटने वाले हल की सहायता से करें और मिट्टी को भुरभुरी बना लें, ताकि मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ जाए और बीज अंकुरण भी अच्छे से हो सकें।
मई-जून के महीनों में सूरज की रोशनी ज़मीन पर सीधे पड़ती है और उच्च तापमान बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में खेत की गहरी जुताई करने से मिट्टी में मौजूद खरपतवार, उनके बीज, हानिकारक कीट, उनके अंडे और प्युपा समाप्त हो जाते हैं। इसके साथ साथ मिट्टी में उपस्थित फफूंद जनित रोग के जनक भी खत्म हो जाते हैं।
खेत की तैयारी के वक़्त सोयाबीन समृद्धि किट के उन्नत उत्पादों का उपयोग बेहद फायदेमंद साबित होता है। ग्रामोफोन द्वारा तैयार की गई “सोया समृद्धि किट” की कुल मात्रा 8 किलो होती है जिसे प्रति एकड़ के हिसाब से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिला कर बीजों की बुवाई से पहले खेत में एक सामान रूप से बिखेर दें। इसके बाद पाटा चलाकर खेत को समतल बना लें। इस बात का ध्यान रखें की किट का उपयोग करते समय मिट्टी में पर्याप्त नमी जरूर हो।
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