धान की नर्सरी में खरपतवार प्रकोप पहुंचाएगा नुकसान, जल्द करें नियंत्रण के उपाय

धान की नर्सरी में खरपतवार निकलने के कारण पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। दरअसल धान के पौधों के लिए जो पोषक तत्व नर्सरी में उपलब्ध रहते हैं या बाहर से डाले जाते हैं उसका उपभोग ये खरपतवार कर लेते हैं और पौधों को बढ़िया पोषण नहीं मिल पाता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण धान के पौधे कमजोर हो जाते हैं, जिससे पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इससे धान के पौधों का विकास धीमी गति से होने लगता है।

इससे बचाव के लिए बीज की बुवाई से 1 सप्ताह पहले हीं खेत में सिंचाई कर देनी चाहिए, और कुछ समय बाद खरपतवार निकलते ही गहरी जुताई करनी चाहिए। ऐसा करने से खेत में पहले से मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाएंगे। बुवाई के 10 से 15 दिनों बाद यदि नर्सरी में खरपतवार नजर आ रहे हों तो निराई-गुड़ाई के द्वारा इन पर नियंत्रण करें।

रासायनिक नियंत्रण के लिए, बुवाई के 3 से 4 दिन बाद, साथी (पायराजोसल्फ्यूरॉन इथाइल 10% WP) 4 ग्राम/15 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।  

15 से 20 दिन बाद नॉमिनी गोल्ड (बिस्पायरीबैक सोडियम 10% SC) 8 मिली/15 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें। 

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