खैरा रोग धान की फसल में लगने वाला एक प्रमुख रोग है। इस रोग में पत्तियों पर हल्के पीले रंग के धब्बे बनते हैं जो बाद में कत्थई रंग के हो जाते हैं। रोग की तीव्र अवस्था में रोग से ग्रसित पत्तियां सूखने लगती हैं। इसकी वजह से फसल में कल्ले भी कम निकलते हैं और पौधों की वृद्धि रुक जाती है। यह रोग मिट्टी में जस्ते (जिंक) की कमी के कारण होता है।
इसकी रोकथाम के लिए, ग्रोमोर (जिंक सल्फेट) 5 किग्रा प्रति एकड़ की दर से समान रूप से भुरकाव करें, या तलवार जिंक सुपर-14 (चिलेटेड जिंक 12%) को 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
Shareकृषि क्षेत्र एवं किसानों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना ना भूलें।