धान की नर्सरी तैयार करने के लिए उचित जल-निकास एवं उच्च पोषक तत्व युक्त दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। साथ हीं इसमें सिंचाई की उचित व्यवस्था भी होनी चाहिए।
धान की नर्सरी तैयार करते समय, उचित मात्रा में खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग नहीं करने से धान के पौधों में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, और पौधे का विकास, ठीक से नहीं हो पाता है।
नर्सरी तैयार करते समय सबसे पहले जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें। इसके बाद 1.25 मीटर चौड़ी एवं 8 मीटर लंबी क्यारियां तैयार करें।
पौधे के अच्छे विकास के लिए धान नर्सरी में प्रति 100 वर्ग मीटर के हिसाब से 2-3 किलोग्राम यूरिया, 3 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, 1 किलोग्राम पोटाश, 10 किलोग्राम गोबर की खाद और 1 किलो ट्राई-कोट मैक्स का उपयोग करना चाहिए। पौधों के अच्छे अंकुरण के लिए पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है साथ हीं क्यारियों में पर्याप्त नमी भी रखनी चाहिए।
धान के बीज को बोने से पूर्व बीजोपचार जरूर कर लेना चाहिए। इसके लिए, कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरडी) 8 ग्राम/किलो बीज या धानुस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% WP) 2.5 ग्राम/किलो बीज या विटावैक्स पावर (कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% WS)- 2.5 ग्राम/किलो बीज से उपचारित करें।
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