इस रोग से पौधों के ऊपरी पत्ते, तने और नए बढ़ते भागों पर सफेद चूर्ण का विकास होता है, और जैसे ही संक्रमण बढ़ता है संपूर्ण पत्ते कवक के ढक जाते हैं। ग्रासित पौधों की पत्तियां समय से पहले झड़ने लगती हैं। अगर संक्रमण फल अवस्था के समय हो तो फल अविकसित रह जाते हैं एवं विकृत हो जाते हैं।
नियंत्रण: इस रोग के नियंत्रण के लिए रोग के लक्षण दिखाई देते ही नोवाकोन (हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी) @ 400 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में छिड़काव करें। साथ हीं अच्छे फूल एवं फल विकास के लिए न्युट्रीफुल मैक्स (फुलविक एसिड + एमिनो एसिड+ ट्रेस घटक) @ 250 मिली प्रति एकड़ से छिड़काव करें।
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