- विभिन्न फसलों तथा उनकी अवस्था के अनुसार बोरान की कमी के लक्षण अलग अलग होते हैं पर सामान्यतः इसके लक्षण नई पत्तियों पर देखने को मिलते हैं |
- इसकी कमी से नई पत्तिया मोटी तथा रंगविहीन हो जाती हैं |
- बोरान की कमी अधिक होने पर पौधे का शीर्ष गलने लगता हैं ,कई फसलों में फलो का फटना भी बोरान की कमी के लक्षण होते हैं |
- बोरान की कमी आमतौर पर अधिक pH वाली मिट्टी में देखी जाती है क्योंकि ऐसी मिट्टी में बोरान उस मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में हो, तो भी पौधे को उपलब्ध नहीं हो पाता।
- कम कार्बनिक पदार्थ वाली मिट्टी (<1.5%) या रेतीली मिट्टी (जिसमे पोषक तत्वों की लीचिंग के द्वारा नष्ट हो जाते हैं) में भी बोरान की कमी अधिक होती हैं।
- बोरान की कमी से बचने के उपाय:-
- अधिक pH वाली मिट्टी में फसल की बुवाई नहीं करे |
- सुखी मिट्टी में तथा अधिक वातावरण की नमी बोरान की उपलब्धता को कम करती हैं |
- अधिक उर्वरक और चुना का प्रयोग नहीं करना चाहिए |
- अधिक सिंचाई न करे |
- मिट्टी का नियमित परीक्षण कर अपने क्षेत्र के पोषक तत्वों के स्तर की पूरी जानकारी लेते रहे।
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