कपास की फसल में डेंडु बनते समय पोषक तत्व प्रबंधन एवं जरुरी छिड़काव

किसान भाइयों, कपास की अधिक पैदावार लेने के लिये पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण उपाय है। कपास की फसल में डेंडु बनना बुवाई के 60-65 दिनों में शुरू हो जाता है। इस अवस्था में पोषण एवं कीट प्रबंधन उचित तरीके से इस प्रकार करें –  

पोषण प्रबंधन

  • कपास की अधिक पैदावार लेने के लिये, यूरिया 30 किलो + एमओपी 30 किग्रा + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करना बहोत आवश्यक है। 

डेंडू निर्माण के लिए आवश्यक छिड़काव 

  • कपास की फसल में 5 से 10 % पूड़ी बनना शुरू हो जाये, तब इस अवस्था में, न्यूट्रीफुल मैक्स (फुल्विक एसिड का अर्क 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम ट्रेस मात्रा में – 5 % + अमीनो एसिड) @ 250 मिली या डबल (होमोब्रासिनोलाइड 0.04% डब्ल्यू/डब्ल्यू) 100 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

उपयोग के फायदे 

  • न्यूट्रीफुल मैक्स – न्यूट्रीफुल फूल मैक्स पौध वृद्धि प्रवर्तक है। इसमें फुलविक एसिड का अर्क– 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम ट्रेस मात्रा में  5% + अमीनो एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं। यह फूलो के रंग, डेंडु के गुणवत्ता को बढ़ाता है, एवं पोषक तत्वों की उपलब्धता में भी वृद्धि करता है। सूखे, पाले आदि के खिलाफ रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देता है। 

  • एवं परागण की क्रिया पूरी हो जाती है, जिससे फूल व पूड़ी नहीं गिरते हैं। साथ ही ये पौधों को तनाव मुक्त रखता है। यह फसलों की उत्पादन के साथ साथ गुणवत्ता में भी वृद्धि करता है।

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