अधिक पैदावार पाने के लिए खेतों में अंधाधुंध उर्वरकों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता में भारी क्षति पहुंचती है। इस कारण फसलों की पैदावार में साल दर साल कमी आ रही है। इस मुश्किल का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना चला रही है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य परंपरागत खेती के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना है।
इस योजना के माध्यम से किसानों को उपज बढ़ाने और आय वृद्धि के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके तहत स्वेच्छा से परंपरागत खेती अपनाने वाले किसानों को 3 साल में 50 हजार रूपए की आर्थिक मदद की जाती है। जहां पहले साल में 31 हजार रूपए सीधे लाभार्थी के खाते में भेजे जाते हैं, ताकि किसान खेती के लिए जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशक और उत्तम बीजों की खरीद कर सके।
वहीं बाकि राशि आखिर के 2 साल में दिए जाते हैं। जिसका उपयोग किसान प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग करने के लिए कर सकें। इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवदेन कर सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट pgsindia-ncof.gov.in पर जाएं। यहां पर योजना से जुड़ी बाकी जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।
स्रोत: कृषि जागरण
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