- फलों की तुड़ा़ई अपरिपक्व एवं मुलायम अवस्था में की जाती हैंं, किन्तु इस बात का ध्यान रखा जाता हैंं कि फल अपना संपूर्ण आकार ग्रहण कर ले।
- ककड़ी के छिल्के की सतह पर उपस्थित सफेद रंग के छोटे रोये यह दर्शाते हैंं कि फल खाने योग्य हो गये हैंं।
- प्रायः व्यवसायिक उदेश्य हेतु फल परागण की क्रिया के 10 से 12 दिनों बाद तैयार हो जाते हैंं।
- फल की तु़ड़ाई 2 से 3 दिनों के अंतराल से की जाती हैंं। यदि परिपक्व फल को सही समय पर तोड़ा न जाये तब नये फल के लगने एवं उनके विकास की दशा प्रभावित होती हैंं।
नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके अन्य किसानों के साथ साझा करें।
Share