कपास की वृद्धि अवस्था में कीट एवं रोगों प्रबंधन के उपाय

👉🏻किसान भाइयों, कपास फसल की शुरुआती अवस्था में अनेक प्रकार के कीट एवं फफूंदी जनित रोगों का प्रकोप होने की संभावनाएं होती है l इनके बचाव के उपाय यदि सही समय पर किये जाये तो इनका नियंत्रण बहुत अच्छी तरह से किया जा सकता है। 

👉🏻फफूंदी जनित रोगों के प्रभावी नियंत्रण के लिए कोनिका (कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी) @ 300 ग्राम/एकड़ या मिल्ड्यू विप (थियोफैनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी) @ 300 ग्राम/एकड़ या कीटाजिन @ 200 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें या कॉम्बैट (ट्राइकोडर्मा विरिडी) @ 1 किलो/एकड़ की दर से पकी हुई गोबर के साथ मिलाकर उपयोग करें।

👉🏻कीटों के प्रभावी नियंत्रण के लिए असाटाफ (ऐसीफेट 75% एसपी) @ 300 ग्राम/एकड़ + फॉसकील (मोनोक्रोटोफॉस 36% एसएल) @ 400 मिली/एकड़ या मीडिया (इमिडाक्लोरोप्रिड 17.8% एसएल) @ 100 मिली/एकड़ या नोवासीटा (एसिटामेंप्रिड 20% एसपी) @ 100 ग्राम/एकड़ या बवे कर्ब (बेवेरिया बेसियाना) @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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