लहसुन व प्याज में मृदुरोमिल आसिता रोग की रोकथाम के उपाय

  • किसान भाइयों इस समय लहसुन एवं प्याज की फसल में मृदुरोमिल आसिता रोग का प्रकोप देखा जा रहा है। इस रोग के संक्रमण से प्याज एवं लहसुन की फसल के उत्पादन के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है।

  • इस रोग को आसानी से पहचाना जा सकता है, जब सुबह पत्तियों पर ओस जमी हुई हो उस समय पत्तियों तथा बीज डंठलों की सतह पर बैंगनी रोयेंदार लक्षण दिखाई देते हैं इस रोग के प्रकोप से पौधा बौना रह जाता है।

  • पत्तियाँ हल्के हरे रंग की हो जाती हैं। धीरे-धीरे पत्तियाँ हल्के पीले से गहरे भूरे रंग की हो जाती हैं और अंत में सूख जाती हैं।

  • रोगी पौधे से ग्रसित कंद आकार में छोटे होते रह जाते हैं तथा इनकी भंडारण अवधि भी कम हो जाती है।

  • इस रोग की रोकथाम के लिए एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% एससी @ 200 मिली या एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% एससी @ 300 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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