रबी की फसल में अच्छे उत्पादन के लिए तापमान नियंत्रण के उपाय

  • आइये जानते हैं अच्छी फसल उत्पादन के लिए तापमान (कम होने की दशा में) नियंत्रण के क्या क्या उपाय उपयोग किये जा सकते हैं।

  • खेतों की सिंचाई जरूरी: जब भी तापमान कम होने की संभावना हो या मौसम पूर्वानुमान विभाग से पाले की चेतावनी दी गई हो तो फसल में हल्की सिंचाई देनी चाहिए। जिससे तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को तापमान कम से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है सिंचाई करने से 0.5 – 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में बढ़ोतरी हो जाती हैं।

  • पौधों को ढकें: तापमान कम होने का सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढकने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से प्लास्टिक के अंदर का तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है। जिससे सतह का तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुंच पाता। पॉलीथिन की जगह पर पुआल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। पौधों को ढकते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि पौधों का दक्षिण पूर्वी भाग में खुला रहे, ताकि पौधों को सुबह व दोपहर को धूप मिलती रहे।

  • वायु अवरोधक: ये अवरोधक शीत लहरों की तीव्रता को कम करके फसल को होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इसके लिए खेत के चारों ओर ऐसी फसलों की बुवाई करनी चाहिए जिससे की हवा को कुछ हद तक रोका जा सके जैसे चने के खेत में मक्का की बुवाई करनी चाहिए। फलवृक्षों की पौध को पाले से बचाने के लिए पुआल या किसी अन्य वस्तु से धूप आने वाली दिशा को छोड़कर ढक देना चाहिए।

  • खेत के पास धुंआ करें: तापमान नियंत्रण के लिए आप अपने खेत में धुंआ पैदा कर दें, जिससे तापमान जमाव बिंदु तक नहीं गिर पाता और फसलों को नुकसान से बचाया जा सकता है।

  • पाले से बचाव के लिए स्यूडोमोनास का छिड़काव 500 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब करें।

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