क्यों, कब और कैसे खेत में माइकोराइजा डालने से होगा लाभ?

  • माइकोराइजा पौधे की जड़ की वृद्धि और विकास में सहायक है।

  • यह फॉस्फेट को मिट्टी से फसलों तक पहुंचाने में मदद करता हैं।

  • साथ ही नाइट्रोजन, पोटैशियम, लोहा, मैंगनीज, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, बोरान, सल्फर और मोलिब्डेनम जैसे पोषक तत्वों को मिट्टी से जड़ों तक पहुंचाने का कार्य करता है जिससे पौधों को अधिक मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो पाते हैं।

  • यह पौधों को मजबूती प्रदान करता हैं जिससे यह कई रोग, पानी की कमी आदि के लिए कुछ हद तक सहिष्णु हो जाते हैं।

  • फसल की प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता है परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

  • माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसलिए फसल अधिक स्थान से जल ग्रहण कर पाती है।

  • मिट्टी उपचार: 50 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद/कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट/खेत की मिट्टी में @ 2 किलो माइकोराइजा को मिला कर फिर यह मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल बुवाई/रोपाई से पहले मिट्टी में मिला दें।

  • बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में उपरोक्त मिश्रण का भुरकाव करें।

  • ड्रिप सिंचाई द्वारा: माइकोराइजा को ड्रिप सिंचाई के रूप में बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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