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यह रोग किसी भी फसल के शुरुआती दौर में अंकुरण के समय लगता है।
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इस रोग के कारण जड़ गलने लग जाती है और पौधे नष्ट होने लग जाते हैं।
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मौसम की अनुकूलता, अधिक नमी एवं तापमान में परिवर्तन इस रोग का मुख्य कारण है।
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इसके प्रबंधन के लिए थियोफैनेट मिथाइल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या मेटालेक्सिल 4% + मेंकोजेब 64% WP@ 500 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
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जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ दर से उपयोग करें।
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