सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण
1.यांत्रिक विधिया ( श्रमिकों से निंदाई एवं डोरा ):-सोयाबीन में 20-25 दिन तथा 40 -45 दिनों में दो बार निंदाई करना आवश्यक हें | सुविधानुसार फसल में डोरा कुलपा बोवनी से 30 दिन, पहले तक करना चाहिए उपयोग के समय यह सावधानी रखनी चाहिए की पौधो की जड़ो को नुकसान नही हो |
2.खरपतवार नाशक रसायनो का उपयोग :- खरपतवार नाशक दवा की अनुशंसित मात्रा को 700 -800 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें| यन्त्र में फ्लेट पेन या फ्लड जेट नोजल लगाकर प्रयोग करें | नमीयुक्त भूमि पर ही छिडकाव करना चाहिए सोयाबीन की फसल हेतु अनुशंसित खरपताबर नाशक रसायनो में से किसी एक का ही प्रयोग करे एवं प्रत्येक वर्ष रसायन बदल कर प्रयोग करें |
सोयाबीन की फसल में अनुशंसित खरपतवार
प्रयोग का समय | रासायनिक नाम | मात्रा/ हे |
बोवनी के पूर्व | 1 फ्लुक्लोरालीन | 2.2 लीटर |
2 ट्राईफ्लुरालीन | 2.0 लीटर | |
बोवनी के तुरन्त बाद | 1 मेटालोक्लोर | 2 लीटर |
2 क्लोमाझोन | 2 लीटर | |
3 पेंडीमेथालीन | 3.25 लीटर | |
4 डाक्लोरोसुलन | 26 ग्राम | |
बोवनी के 10-15 दिन बाद | 1 क्लोरोम्युरान इथाइल | 36 ग्राम |
बोवनी के 15-20 दिन बाद | 1 इमेझेथापर | 1 लीटर |
2 क्बिज़ेलोफाप इथाइल | 1 लीटर | |
3 फेनाक्सीफ्रोप इथाइल | 0.75 लीटर | |
4 प्रोपाक्विजाफोप | 0.75 लीटर |
source:- https://iisrindore.icar.gov.in/
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