करेले में पोषक तत्व प्रबंधन:-
- खेत की तैयारी करते समय 25-30 टन गोबर की खाद खेत में मिलाना चाहिये |
- अंतिम जुताई के समय 75 कि.ग्रा. यूरिया, 200 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट एवं 75 कि.ग्रा. पोटाश की मात्रा खेत में मिलाये |
- शेष बचे हुये 75 कि.ग्रा. यूरिया की मात्रा को दो से तीन बार में बराबर भागों में बाँट कर डाले |
- फोस्फोरस, पोटाश की सम्पूर्ण मात्रा एवं नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा को बोये गये बीज से 8 से 10 से.मी. के पूरी पर डाले |
- खेत में नाइट्रोजन पोषक तत्व की कमी होने पर पत्तियाँ एवं लताए पीले रंग की हों जाती हैं,साथ ही पौधों की वृद्धि रुक जाती है |
- अधिक नाईट्रोजन देने से वानस्पतिक वृद्धि अधिक होती हैं और फलन कम होता हैं नर फूलों की संख्या बढ़ जाती हैं |
- यदि भूमि में पोटेशियम की कमी होती, तब पौधे की बढ़वार और पत्तियों का क्षेत्रफल कम हों जाता हैं और फूल झड़ने लगते है व फल लगने बंद हों जाते है |
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