मक्का की फसल में 40 से 45 दिन की अवस्था में पोषक प्रबंधन

  • मक्का खरीफ ऋतु की प्रमुख फसल है। हालांकि जहां सिंचाई के साधन हैं, वहां रबी और खरीफ की अगेती फसल के रूप में मक्का की खेती की जा सकती है। मक्का कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है। यह एक बहुपयोगी फसल है, मनुष्य के साथ- साथ पशुओं के आहार का प्रमुख अवयव भी है तथा मक्का की खेती का औद्योगिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान है।

  • मक्का फसल को खरपतवार रहित होना चाहिए। जिससे सीधे मुख्य फसल ही पोषक तत्व ग्रहण करेंगे और पोषक तत्व का नुकसान नहीं होगा एवं फसल भी स्वस्थ रहेगी।

  • मक्का की अधिक पैदावार लेने के लिये पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण उपाय हैं।  यूरिया 35 किग्रा, सूक्ष्म पोषक तत्व  मिश्रण केलबोर (बोरॉन 4 + कैल्शियम 11 + मैग्नीशियम 1 + पोटेशियम 1.7 + सल्फर 12 %) @ 5 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से भुरकाव करें। 

  • मक्का की फसल में 40 से 45 दिन की अवस्था में फूल आना शुरू होता है। ज्यादा फूल लगने के लिए, होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्ल्यू/डब्ल्यू (डबल) @ 100 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 24 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

11

लखनऊ

प्याज़

13

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

18

लखनऊ

लहसुन

25

लखनऊ

लहसुन

30

लखनऊ

लहसुन

30

38

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

आलू

18

19

लखनऊ

आम

30

32

लखनऊ

अनन्नास

25

30

लखनऊ

हरा नारियल

40

43

लखनऊ

मोसंबी

28

32

लखनऊ

केला

15

लखनऊ

हरी मिर्च

40

45

लखनऊ

नींबू

45

50

रतलाम

अदरक

22

24

रतलाम

आलू

21

22

रतलाम

टमाटर

22

24

रतलाम

हरी मिर्च

44

50

रतलाम

कद्दू

15

18

रतलाम

भिन्डी

25

28

रतलाम

नींबू

35

42

रतलाम

फूलगोभी

15

16

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

12

14

रतलाम

शिमला मिर्च

28

30

रतलाम

केला

30

34

रतलाम

करेला

32

35

कोयंबटूर

प्याज़

13

कोयंबटूर

प्याज़

16

कोयंबटूर

प्याज़

18

कोयंबटूर

आलू

26

कोयंबटूर

लहसुन

25

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

21

25

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

9

रतलाम

प्याज़

9

12

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

लहसुन

7

12

रतलाम

लहसुन

13

19

रतलाम

लहसुन

20

28

रतलाम

लहसुन

30

34

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव ?

Indore onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़वाह, ब्यावर, देवास, इछावर, इंदौर और मन्दसौर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

बड़वाह

1000

2000

ब्यावरा

300

1000

देवास

500

1200

इछावर

175

905

इंदौर

100

1300

कालापीपाल

110

1255

खरगोन

500

1000

खरगोन

500

1500

कुक्षी

500

900

मन्दसौर

201

1040

सनावद

800

1000

सांवेर

600

1050

शाजापुर

225

1110

शामगढ़

520

820

थांदला

1000

1400

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे पिपलिया, इछावर, सिंगरौल, देवास और कालापीपल आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

पिपलिया

300

7500

इछावर

205

1165

सिंगरौल

2000

2000

देवास

400

800

कालापीपल

350

3550

स्रोत: एगमार्कनेट

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गोबर के बाद अब गौ-मूत्र भी इस दर पर खरीदेगी सरकार

किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार कई योजनाएं चला रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने गाय के गोबर के बाद अब गौ-मूत्र खरीदने की घोषणा की है। इस योजना के तहत जहां एक ओर किसानों और पशुपालकों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। वहीं दूसरी ओर जैविक खेती के लिए जीवामृत और गौ-मूत्र से कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे, इससे खेती में भी कीटनाशकों के लिए कम लागत खर्च होगी।

घोषणा के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री विशेष कार्यक्रम के जरिए राज्य के गौठानों में 28 जुलाई के दिन गौमूत्र खरीदी का कार्य शुरू कर रह हैं। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में गौठान प्रबंध समिति द्वारा पशुपालक से गौ-मूत्र खरीदी के लिए न्यूनतम राशि 4 रूपए प्रति लीटर तय की गई है। कहने का मतलब यह है कि, किसानों को गौ-मूत्र बेचने पर कम से कम 4 रूपए प्रति लीटर के भाव मिलेंगे। यह क्रय राशि बढ़ भी सकती है जो कि गोठान समिति पर निर्भर करेगी। बहरहाल गोबर के बाद गौ-मूत्र के खरीदे जाने से किसानों और पशुपालकों को दोहरा लाभ प्राप्त होगा।

स्रोत : किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मिर्च की फसल में पत्तियाँ मुड़ने की समस्या और समाधान

मिर्च की फसल में पत्ता मोडक बीमारी सबसे घातक एवं ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी है। जिसे विभिन्न स्थानों में कुकड़ा या चुरड़ा-मुरड़ा रोग के नाम से जाना जाता है। यह रोग न होकर, थ्रिप्स, सफ़ेद मक्खी, व मकड़ी के प्रकोप के कारण होता है। 

सफेद मक्खी –

इस कीट का वैज्ञानिक नाम (बेमेसिया टेबेसाई) है इस कीट के शिशु एवं वयस्क, शिशु पत्तियों की निचली सतह पर चिपके रहकर रस चूसते रहते हैं। भूरे रंग के शिशु अवस्था पूरी होने के बाद वहीं पर रहकर प्यूपा में बदल जाते हैं। ग्रसित पौधे पीले व तैलीय दिखाई देते हैं। जिन पर काली फंफूदी लग जाती हैं। यह कीड़े न केवल रस चूसकर फसल को नुकसान करते हैं। बल्कि पौधों पर चिपचिपा पदार्थ छोड़ती हैं, जिससे फफूंद जनित रोग की सम्भावना बढ़ जाती है। इसका प्रकोप होने पर पौधों की पत्तियां सुकड़कर मुड़ने लगती हैं।

नियंत्रण के उपाय

  • इसके नियंत्रण के लिए, मेओथ्रिन (फेनप्रोपेथ्रिन 30% ईसी) @ 120 मिली + (सिलिको मैक्स) @ 50 मिली प्रति एकड़, 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

  • जैविक नियंत्रण के लिए, (बवे-कर्ब) बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

मकड़ी

इस कीट का वैज्ञानिक नाम पॉलीफैगोटार्सोनमस लैटस है। यह छोटे-छोटे जीव होते हैं, जो पत्तियों की निचली सतह से रस चूसते हैं। परिणामस्वरूप पत्तियां सिकुड़ कर नीचे की ओर मुड़ जाती हैं। जिन्हें साधारण आंखों से देखना संभव नहीं हो पाता है। यदि मिर्च की फसल में थ्रिप्स व मकड़ी का आक्रमण एक साथ हो जाये तो पत्तियां विचित्र रूप से मुड़ जाती हैं। इसके प्रकोप से फसल के उत्पादन में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

नियंत्रण के उपाय

  • इसके नियंत्रण के लिए, ओबेरोन (स्पाइरोमेसिफेन 22.90% एस सी) @ 160 मिली या ओमाइट (प्रोपरजाईट 57% ईसी) @ 600 मिली + (सिलिको मैक्स) @ 50 मिली प्रति एकड़, 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

थ्रिप्स

इस कीट का वैज्ञानिक नाम (सिर्टोथ्रिप्स डोरसालिस) है। यह छोटे एवं कोमल शरीर वाले हल्के पीले रंग के कीट होते है, इस कीट का शिशु एवं वयस्क दोनों ही मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाते है। यह पत्तियो एवं अन्य मुलायम भागों से रस चूसते हैं। थ्रिप्स के प्रकोप के कारण मिर्च की पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ कर नाव का आकार धारण कर लेती है। 

नियंत्रण के उपाय –

  • फिपनोवा  (फिप्रोनिल 5% एससी) @ 320 मिली या लैमनोवा (लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% सीएस) @ 200 मिली + (सिलिको मैक्स) @ 50 मिली प्रति एकड़, 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

  • जैविक नियंत्रण के लिए, (बवे-कर्ब) बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम / एकड़ के हिसाब  से 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

इसके अलावा किसान भाई कीट प्रकोप की सूचना के लिए, नीले  चिपचिपे ट्रैप (ब्लू  स्टिकी ट्रैप ) @ 8 -10, प्रति एकड़ के हिसाव से खेत में स्थापित करें| । यह कीट प्रकोप को इंगित करें जिसके आधार पर किसान भाई ऊपर बताए गए उपाय अपनाकर फसल को कीट प्रकोप से बचा सकते हैं।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 23 जुलाई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

अदरक

22

24

रतलाम

आलू

21

22

रतलाम

टमाटर

28

32

रतलाम

हरी मिर्च

44

48

रतलाम

कद्दू

15

18

रतलाम

भिन्डी

25

28

रतलाम

नींबू

35

42

रतलाम

फूलगोभी

15

16

रतलाम

बैंगन

13

16

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

पपीता

14

16

रतलाम

खीरा

12

14

रतलाम

शिमला मिर्च

28

30

रतलाम

केला

30

लखनऊ

प्याज़

10

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

12

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

17

लखनऊ

लहसुन

25

लखनऊ

लहसुन

30

लखनऊ

लहसुन

30

38

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

आलू

17

18

लखनऊ

आम

30

32

लखनऊ

अनन्नास

20

25

लखनऊ

हरा नारियल

43

46

लखनऊ

मोसंबी

28

32

लखनऊ

शिमला मिर्च

50

60

लखनऊ

हरी मिर्च

40

45

लखनऊ

नींबू

40

45

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

20

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

गुवाहाटी

लहसुन

23

26

गुवाहाटी

लहसुन

27

35

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

लहसुन

40

42

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

9

रतलाम

प्याज़

9

12

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

लहसुन

7

12

रतलाम

लहसुन

13

22

रतलाम

लहसुन

22

32

रतलाम

लहसुन

32

43

शाजापुर

प्याज़

3

5

शाजापुर

प्याज़

6

8

शाजापुर

प्याज़

9

13

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भीषण बारिश की बन रही है संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

मानसून अब मध्य भारत में सक्रिय हो जाएगा तथा मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सहित गुजरात और पूर्वी राजस्थान में कई स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। दिल्ली में हल्की बारिश और बौछारें संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव ?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे मन्दसौर, मनावर, खरगोन, रतलाम, कालापीपल और खातेगांव आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

आगर

2500

6008

अशोकनगर

3000

6114

बड़नगर

4280

6087

बदनावर

4025

6450

बाणपुरा

4500

5977

बैतूल

5700

6001

भीकनगांव

5450

6271

बीन

5500

6205

छिंदवाड़ा

5300

6037

गोरखपुर

5800

5800

इछावर

4000

6090

ईसागढ़

5400

6100

इटारसी

4500

5750

झाबुआ

5650

5700

जोबात

5900

5900

कालापीपाल

4420

6250

खाचरोडी

5451

5981

खंडवा

4000

6080

खरगोन

5736

6159

खातेगांव

3120

6161

खातेगांव

3400

6195

खिरकिया

4000

6065

कोलारास

4400

5985

लटेरी

5855

5855

मक्सी

4500

6200

मनावर

6140

6245

मन्दसौर

4700

6051

महू

3400

3400

मोमान बडोडिया

5900

6050

नागदा

5426

6026

नसरुल्लागंज

5500

5980

पचौरी

5550

6040

पथरिया

5175

6150

पिपल्या

3000

6100

रतलाम

2740

6131

सनावद

5600

5800

सांवेर

5600

6200

सतना

5681

5780

श्योपुरकलां

5760

5865

शुजालपुर

5000

6001

टिमरनी

3011

6050

उज्जैन

2302

6090

स्रोत: एगमार्कनेट

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प्याज़ की फसल में खरपतवार प्रबंधन कैसे करें

  • प्याज़ के अच्छे उत्पादन के लिए, फसल में पहली निराई बुवाई के 25-30 दिन बाद और दूसरी निराई बुवाई के 60-65 दिनों बाद करनी जरूरी हो जाता है। ये अवस्था क्रांतिक अवस्था कहलाती है। 

  • मृदा में प्राकृतिक रूप  से, बहुत से मुख्य एवं सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो अधिक खरपतवारों के प्रकोप के कारण प्याज़ की फसल को पूरी तरह नहीं मिल पाते हैं | 

  • इसके कारण फसलों में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फसल की कुल उपज पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है |  

  • प्याज़ की अच्छी फसल उत्पादन के लिए खरपतवार प्रबंधन समय – समय पर करना बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए निम्र प्रकार से खरपतवार प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है। ध्यान रहे कि खरपतवार प्रबंधन बुवाई के ठीक 20-25 दिन पूरे होने पर और खरपतवार निकलने के तुरंत बाद करना चाहिए।

 डेकेल (चौड़ी व सकरी पत्ती के लिए)

  • डेकेल (प्रोपाक्विज़ाफोप 5% + ऑक्सीफ्लुरोफेन 12% ईसी) @ 350 मिली/एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। फ्लैट फैन नोज़ल का प्रयोग करें एवं खेतो में नमी बनाये रखें। खरपतवार की 2-4 पत्ती के अवस्था में छिड़काव करने पर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है।  

टरगा सुपर (सकरी पत्ती के लिए)

  • टरगा सुपर (क्विज़ालोफॉप एथिल 5% ईसी) @ 300 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। यह एक चयनात्मक शाकनाशी है। फ्लैट फैन नोज़ल का प्रयोग करें एवं खेतो में नमी बनाये रखें। साथ ही 2-4 पत्ती के चरण में छिड़काव करने पर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है। इसका उपयोग चौड़ी पत्ती वाली फसलों में संकरी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

एजिल (सकरी पत्ती के लिए)

  • प्रोपाक्विज़ाफॉप 10% ईसी @ (एजिल) 250 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। यह एक चयनात्मक खरपतवारनाशी है। इसका उपयोग वार्षिक और बारहमासी घास को नियंत्रण के लिए किया जाता है। फ्लैट फैन नोज़ल का प्रयोग करें एवं खेतो में नमी बनाये रखे। खरपतवार की 2-4 पत्ती के अवस्था में छिड़काव करने पर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होता है।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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