जीरो बजट खेती अपनाएं, कम लागत में अधिक उत्पादन पाएं

👉🏻किसान भाइयों जीरो बजट खेती एक प्रकार से प्राकृतिक खेती होती है।

👉🏻यह खेती देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र पर निर्भर होती है।

👉🏻इस विधि से खेती करने वाले किसान को बाजार से किसी प्रकार की खाद और कीटनाशक, रसायन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। 

👉🏻इसमें रासायनिक खाद के स्थान पर किसान गोबर से तैयार की हुई खाद बनाते हैं। 

👉🏻देसी गाय के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत तथा घनजीवामृत बनाया जाता है।

👉🏻इनका खेत में उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है। 

👉🏻जीवामृत का महीने में एक अथवा दो बार खेत में छिड़काव किया जा सकता है। साथ ही जीवामृत का इस्तेमाल बीजों को उपचारित करने में भी किया जा सकता है।

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स्पीड कम्पोस्ट के इस्तेमाल से फसल अवशेष को खाद में बदले

👉🏻किसान दोस्तों स्पीड कम्पोस्ट एक उत्पाद है जिसका उपयोग फसल अपशिष्ट (गेहूं के डंठल/नरवाई, धान की पराली इत्यादि) से त्वरित खाद के निर्माण में किया जाता है। 

👉🏻यह 1 किलो उत्पाद 1 टन फसल अपशिष्ट को खाद में परिवर्तित कर देता है।  

👉🏻इसमें बेसिलस, एज़ोटोबैक्टर, ट्राइकोडर्मा, सेल्युलोलिटिक, एस्परजिलस, पेनिसिलियम इत्यादि जाति के सूक्ष्मजीव पाए जाते है जो त्वरित खाद निर्माण के अलावा मिट्टी में हानिकारक कवक को नष्ट करता है। अतः यह पौध संरक्षण का कार्य भी करता है।   

👉🏻सबसे पहले फसल के अवशेषों, को रोटोवेटर की सहायता से भूमि में मिला दें। 

👉🏻उसके बाद 4 किलो स्पीड कम्पोस्ट और 45 किलो यूरिया प्रति एकड़ की दर से खेत में बिखेर दें और तुरंत बाद पानी लगा दे। ताकि सूक्ष्मजीव अपना कार्य तेजी से कर सके।  

👉🏻लगभग 15-20 दिन बाद यह फसल अपशिष्ट खाद में बदल जाता है।

 

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बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान से इन राज्यों में मचेगा क़हर

know the weather forecast

बंगाल की खाड़ी में आया नया तूफान रविवार को और और ज्यादा तेज होकर चक्रवात में बदल गया है। इस तूफान की रफ्तार 75 किलोमीटर प्रति घंटे से भी अधिक है। मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को कहा कि चक्रवाती तूफान ‘असानी’ के अगले 24 घंटों में और तेज होने की आशंका है। हालांकि, चक्रवात के तटीय क्षेत्र से टकराए बिना अगले हफ्ते तक कमजोर पड़ने की भी संभावना है।

स्रोत: लाइव हिंदुस्तान

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सरपंच के कार्यों को जानें और अपने गांव का करवाएं विकास

Know the works of Sarpanch and get your village developed

देश को सुचारू ढंग से चलाने के लिए संविधान में राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्थाएं की गई हैं। हालांकि देश के विकास के लिए देश के प्रत्येक गांव का विकास होना बेहद जरूरी है। ऐसे में गांव के उत्थान के लिए ग्राम पंचायत की व्यवस्था की गई है।

इस व्यवस्था के अनुसार हर गांव में एक ग्राम पंचायत होती है, जिसका कार्यभार संभालने का काम ग्राम प्रधान करता है। ग्राम प्रधान को गांव के मुखिया और सरपंच के नाम से भी जाना जाता है। इस पद के लिए उसी गांव के किसी योग्य व्यक्ति को ग्रामीणों द्वारा चुना जाता है। जो 5 साल तक मुखिया के रूप में हर स्तर पर गांव का विकास करता है।

इसके साथ ही ग्राम प्रधान गांव का पहला नागरिक भी होता है। गांव का पहला नागरिक होने के नाते गांव की सभी जिम्मेदारियां उसके कंधों पर होती हैं। गांव में शांति बनाए रखने से लेकर विकास कार्यों तक सरपंच को सब पर ध्यान रखना होता है। वहीं गांव की उन्नति के लिए ग्राम प्रधान द्वारा किए जाने वाले काम इस प्रकार हैं।

  • गांव के हित में सरकारी योजनाओं को लागू करना

  • सार्वजनिक वितरण व्यवस्था की निगरानी करना

  • मनरेगा जैसी योजनाओं को सुचारू रूप से चलाना

  • गांव में सड़कों का रखरखाव करना

  • प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना

  • आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारु रूप से चलाना

  • खेल का मैदान बनवाना व खेल को बढ़ावा देना

  • स्वच्छता अभियान के तहत गांव को साफ सुधरा रखना

  • किसानों के हित में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करना

  • सिंचाई के साधन की व्यवस्था कराना

  • पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना

  • दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रखरखाव करना

  • गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखना

  • आपसी विवादों का निपटारा करना

  • ग्राम सभा की बैठकों में ग्रामिणों के भागीदारी सुनिश्चित करना

  • पिछड़े वर्गों और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना

गांव के प्रति जिम्मेदारियों की इतनी लंबी लिस्ट देखने के बाद आप सरपंच की सैलरी के बारे में सोच रहे होंगे। तो आपको बता दें कि राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक ही सरपंच की सैलरी निर्धारित होती है। यानि कि हर राज्य में सरपंच की सैलरी अलग होती है। जैसे कि उत्तर प्रदेश में सरपंच को 3500 रूपए प्रतिमाह और हरियाणा में सरपंच को 3000 रूपए प्रतिमाह मिलते हैं। हालांकि योजनाओं का क्रियान्वयन के लिए सरकार की ओर से मुखिया को लाखों रूपए दिये जाते हैं। जिसे वह गांव के विकास कार्यों में लगाता है।

स्रोत: दी रूरल इंडिया

ग्रामीण क्षेत्र व कृषि सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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अब गौपालन के लिए यह काम होगा अनिवार्य, सरकार ने बदले नियम

Now this work will be mandatory for cow rearing

अक्सर आपने शहरों और ग्रामीण क्षेत्र में गायों को अवारा घूमते देखा होगा। दरअसल ये पालतू गाय होती हैं जिन्हें दूध न देने या असहाय होने की स्थिति में सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। ऐसे में कई पशुओं की बीमारी या भूख की वजह से मौत हो जाती है।

गायों को इस संकट से बचाने के लिए राजस्थान सरकार ने सख्त नियम लागू किए हैं। नए गौपालन नियम के तहत राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गौपालन करने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी हो गया है। हालांकि यह लाइसेंस सिर्फ एक साल तक के लिए ही मान्य होगा। इसके अलावा सरकार ने गौपालन सुरक्षा हेतु और भी नए नियम जारी किए हैं।

  • गौपालन के लिए पशु मालिक के पास 100 गज जगह होनी चाहिए।

  • सड़कों पर आवारा पशु पाए जाने पर 10 हजार का जुर्माना भरना होगा।

  • पशुओं के कान पर पशु मालिक के नाम/पता वाला टैग लगाना होगा।

  • पशुओं को व्यवस्थित स्थान पर रखना होगा, खुले स्थान में बांधना वर्जित होगा।

वहीं राज्य सरकार द्वारा जारी इन नियमों का उल्लंघन करता कोई पाया जाता है तो, जुर्माने के तौर पर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद वह कभी भी पशु पालन व्यवसाय नहीं कर सकेगा। राज्य सरकार के अनुसार इन नियमों के चलते प्रदेश के करीब 90% पशुओं की सुरक्षा की जा सकेगी।

स्रोत: गांव कनेक्शन

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आगे कैसा रहेगा प्याज भाव, देखें इंदौर मंडी की साप्ताहिक समीक्षा

Indore onion Mandi Bhaw,

पिछले हफ्ते इंदौर मंडी में प्याज के भाव की साप्ताहिक समीक्षा वीडियो के माध्यम से देखें और जानें आने वाले दिनों में प्याज भाव कैसा रह सकता है?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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अगले हफ्ते किन फसलों के भाव में आएगी तेजी, देखें विशेषज्ञ समीक्षा

The prices of which crops will increase in the coming week

वीडियो के माध्यम से जानें आने वाले दिनों में किस फसल के भाव में आ सकती है तेजी।

वीडियो स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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मिर्च की दोहरे उद्देश्य वाली कुछ खास किस्में

  • एडवांटा AK-47- इस किस्म का पौधा आधा सीधा होता है एवं इस किस्म की पहली फल तुड़ाई बुबाई के 60-65 दिनों में होती है फल का रंग गहरा लाल एवं गहरा हरा होता है, फल की लम्बाई 6-8 सेंटीमीटर होती है एवं फल की मोटाई 1.1-1.2 सेंटीमीटर होती है, इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है l यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए प्रतिरोधी किस्म है। 

  • नुन्हेम्स इन्दु 2070 – इस किस्म का पौधा छाता नुमा अधिक शाखाओं वाला सेहतमंद होता है। फल की लम्बाई – मोटाई 8.0-10 x 0.8-1.0 सेमी होती है। लम्बे यातायात एवं भण्डारण के लिए उपयुक्त ठोस फल। सूखे लाल एवं ताज़ा हरे दोनों प्रयोजनों के लिए उपयुक्त लम्बे समय तक लाल रंग बरकरार रहने की मध्यम प्रतिरोधक क्षमता वाली l 

  • नुन्हेम्स मिर्च यूएस 720 – इस किस्म का पौधा सीधा एवं अच्छा होता है। इस किस्म की पहली तुड़ाई प्रत्यारोपण के 60-65 दिनों में होती है। हरी मिर्च का रंग गहरा हरा एवं पकने पर गहरा लाल होता है। फल की लम्बाई 18-20 सेंटीमीटर होती है एवं फल की मोटाई 1-2 सेंटीमीटर होती है इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है। फल अच्छा एवं वज़न में भी अधिक होता है। 

  • स्टार फील्ड 9211 एवं स्टार फील्ड शार्क-1 इन किस्मों की पत्तियां मोटी होने के साथ साथ अच्छा पौधा होता है। इस किस्म की पहली तुड़ाई रोपण के 60-65 दिनों में होती है। फलों का रंग गहरा हरा, पके फलों का रंग गहरा लाल होता है फल की लम्बाई 8-9 सेंटीमीटर होती है एवं फल की मोटाई 0.8-1.0 सेंटीमीटर होती है यह किस्में बहुत तीखी होती हैं। इस किस्म का फल सुखाकर बेचने के लिए उपयुक्त होता है फफूंदी जनित रोगो के प्रति प्रतिरोधी किस्म है।

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बंगाल की खाड़ी में बनेगा नया तूफ़ान, कई क्षेत्रों को करेगा प्रभावित

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन में बदल गया है। अब यह जल्द ही समुद्री तूफान ‘असानी’ बन सकता है और उत्तरी आंध्र प्रदेश तथा उड़ीसा की तरफ बढ़ सकता है। उत्तर पश्चिम तथा मध्य भारत में मौसम शुष्क हो जाएगा तथा तापमान बढ़ेंगे कुछ स्थानों पर लू का प्रकोप शुरू हो सकता है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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देश के विभिन्न मंडियों में 7 मई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

मंडी

कमोडिटी

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

हरी मिर्च

45

50

रतलाम

आलू

12

15

रतलाम

टमाटर

18

22

रतलाम

कद्दू

10

14

रतलाम

तरबूज

5

8

रतलाम

खरबूजा

20

26

रतलाम

अदरक

22

25

रतलाम

नींबू

190

200

रतलाम

आम

20

25

रतलाम

आम

40

45

रतलाम

पपीता

12

16

पटना

टमाटर

15

18

पटना

आलू

10

12

पटना

लहसुन

10

पटना

लहसुन

26

पटना

लहसुन

32

पटना

तरबूज

18

पटना

कटहल

25

पटना

अंगूर

60

पटना

खरबूजा

26

पटना

सेब

65

पटना

अनार

95

पटना

हरी मिर्च

20

पटना

करेला

16

पटना

खीरा

12

पटना

कद्दू

8

सोलापुर

आलू

16

सोलापुर

आलू

15

19

सोलापुर

प्याज

4

7

सोलापुर

प्याज

5

8

सोलापुर

प्याज

8

10

सोलापुर

प्याज

10

15

सोलापुर

लहसुन

13

20

सोलापुर

लहसुन

17

22

सोलापुर

लहसुन

25

38

सोलापुर

लहसुन

40

55

सोलापुर

अनार

70

90

सोलापुर

अनार

75

150

सोलापुर

अनार

100

180

सोलापुर

अंगूर

28

50

कोलकाता

आलू

15

कोलकाता

प्याज

16

कोलकाता

प्याज

13

कोलकाता

प्याज

12

कोलकाता

अदरक

33

कोलकाता

लहसुन

32

कोलकाता

लहसुन

33

कोलकाता

लहसुन

34

कोलकाता

तरबूज

18

कोलकाता

अनन्नास

45

55

कोलकाता

सेब

115

125

सिलीगुड़ी

प्याज

14

सिलीगुड़ी

प्याज

10

सिलीगुड़ी

प्याज

8.5

सिलीगुड़ी

आलू

12

सिलीगुड़ी

अदरक

22

सिलीगुड़ी

लहसुन

18

सिलीगुड़ी

लहसुन

25

26

सिलीगुड़ी

लहसुन

35

सिलीगुड़ी

तरबूज

16

सिलीगुड़ी

अनन्नास

45

सिलीगुड़ी

सेब

115

जयपुर

अनन्नास

34

36

जयपुर

जैक फ्रूट

20

22

जयपुर

आम

140

जयपुर

आम

60

65

जयपुर

आम

50

55

जयपुर

नींबू

95

100

जयपुर

हरा नारियल

35

40

जयपुर

अदरक

27

28

जयपुर

आलू

9

12

भोपाल

प्याज

6

7

भोपाल

प्याज

8

भोपाल

प्याज

17

18

भोपाल

प्याज

8

9

भोपाल

प्याज

12

भोपाल

प्याज

18

19

भोपाल

प्याज

7

भोपाल

प्याज

13

भोपाल

प्याज

20

21

भोपाल

लहसुन

8

9

भोपाल

लहसुन

12

15

भोपाल

लहसुन

21

भोपाल

लहसुन

7

भोपाल

लहसुन

14

15

भोपाल

लहसुन

17

18

भोपाल

लहसुन

30

32

जयपुर

प्याज

11

12

जयपुर

प्याज

13

जयपुर

प्याज

14

जयपुर

प्याज

5

6

जयपुर

प्याज

7

8

जयपुर

प्याज

9

10

जयपुर

प्याज

11

जयपुर

लहसुन

13

15

जयपुर

लहसुन

18

25

जयपुर

लहसुन

30

35

जयपुर

लहसुन

40

43

जयपुर

लहसुन

10

13

जयपुर

लहसुन

17

20

जयपुर

लहसुन

23

26

जयपुर

लहसुन

33

36

शाजापूर

प्याज

6

7

शाजापूर

प्याज

7.5

8.5

शाजापूर

प्याज

9

10.5

रतलाम

प्याज

2.5

4

रतलाम

प्याज

4

6

रतलाम

प्याज

5.5

8.5

रतलाम

प्याज

8

10

रतलाम

लहसुन

6

13

रतलाम

लहसुन

12

24

रतलाम

लहसुन

22

36

रतलाम

लहसुन

30

56

गुवाहाटी

प्याज

11

गुवाहाटी

प्याज

15

गुवाहाटी

प्याज

18.5

गुवाहाटी

प्याज

11

गुवाहाटी

प्याज

15

गुवाहाटी

प्याज

17

गुवाहाटी

प्याज

18

गुवाहाटी

लहसुन

30

गुवाहाटी

लहसुन

38

गुवाहाटी

लहसुन

45

गुवाहाटी

लहसुन

50

गुवाहाटी

लहसुन

30

गुवाहाटी

लहसुन

40

गुवाहाटी

लहसुन

50

गुवाहाटी

लहसुन

55

लखनऊ

प्याज

9

10

लखनऊ

प्याज

11

13

लखनऊ

प्याज

11

12

लखनऊ

प्याज

13

लखनऊ

प्याज

14

लखनऊ

लहसुन

14

17

लखनऊ

लहसुन

20

25

लखनऊ

लहसुन

30

35

लखनऊ

लहसुन

40

45

तिरुवनंतपुरम

प्याज

14

तिरुवनंतपुरम

प्याज

17

तिरुवनंतपुरम

प्याज

19

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

52

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

55

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

65

आगरा

निंबू

80

आगरा

कटहल

15

18

आगरा

अदरक

20

आगरा

अनन्नास

34

आगरा

तरबूज

5

8

आगरा

आम

55

70

आगरा

कच्चा आम

12

15

आगरा

प्याज

6

7

आगरा

प्याज

7

8

आगरा

प्याज

8

9

आगरा

प्याज

9

11

आगरा

प्याज

8

9

आगरा

प्याज

9

10

आगरा

प्याज

10

11

आगरा

प्याज

11

12

आगरा

प्याज

5

6

आगरा

प्याज

6

7

आगरा

प्याज

7

8

आगरा

प्याज

8

10

आगरा

लहसुन

13

17

आगरा

लहसुन

20

23

आगरा

लहसुन

24

26

आगरा

लहसुन

28

31

वाराणसी

प्याज

8

9

वाराणसी

प्याज

10

11

वाराणसी

प्याज

12

वाराणसी

प्याज

10

11

वाराणसी

प्याज

12

वाराणसी

लहसुन

13

वाराणसी

लहसुन

8

12

वाराणसी

लहसुन

15

25

वाराणसी

लहसुन

25

35

वाराणसी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

प्याज

12

गुवाहाटी

प्याज

16

गुवाहाटी

प्याज

18

गुवाहाटी

प्याज

18

भुवनेश्वर

प्याज

12

भुवनेश्वर

प्याज

13.5

भुवनेश्वर

लहसुन

20

25

भुवनेश्वर

लहसुन

30

33

भुवनेश्वर

लहसुन

35

38

भुवनेश्वर

अदरक

28

30

भुवनेश्वर

अदरक

22

24

भुवनेश्वर

अदरक

30

35

भुवनेश्वर

आलू

16

17

भुवनेश्वर

आलू

18

19

कानपुर

प्याज

5

कानपुर

प्याज

6

7

कानपुर

प्याज

7

कानपुर

प्याज

9

कानपुर

लहसुन

10

11

कानपुर

लहसुन

14

15

कानपुर

लहसुन

25

कानपुर

लहसुन

30

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