मध्य भारत में फिर बेमौसम वर्षा के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र अब डिप्रेशन बन जाएगा तथा तमिलनाडु के तट की तरफ आगे बढ़ेगा। तमिलनाडु तथा दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भारी बारिश संभव है। केरल व दक्षिणी कर्नाटक में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 6 और 7 मार्च को पहाड़ों पर भारी हिमपात होगा तथा दक्षिणी राजस्थान पश्चिमी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सब्सिडी पर गांव में खोलें कृषि मशीनरी बैंक और किराए से कमाएं मोटा मुनाफा

Open Farm Machinery Bank in the village on subsidy and earn big profit from rent

बिना मशीन का इस्तेमाल किये खेती करना अब काफी मुश्किल हो गया है। इसीलिए सरकार ने फार्म मशीनरी बैंक योजना की शुरुआत की है। इस योजना से आम किसानों को भी मंहगे कृषि यंत्र उपलब्ध होंगे।

दरअसल इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ लेकर कोई भी व्यक्ति अपने गांव में फार्म मशीनरी बैंक शुरू कर सकता है और मशीनरी किराए पर दे सकता है। इस बैंक की शुरुआत के लिए सरकार 80% की भारी सब्सिडी देने वाली है। इसके अंतर्गत 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी मिल जायेगी। इस योजन की ज्यादा जानकारी के लिए आधिकारिक वेवसाइट https://agrimachinery.nic.in/ पर जाएँ।

स्रोत: कृषि जागरण

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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रतलाम मंडी में 3 मार्च को क्या रहे सोयाबीन व मटर भाव?

Soybean Onion Garlic Rates

सोयाबीन व मटर भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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देखें 3 मार्च को नीमच मंडी में क्या रहे लहसुन के भाव?

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के नीमच मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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दुर्घटना होने पर किसानों को मिलेगा पैसा, इस योजना से मिलेगा लाभ

Farmers will get money in case of accident, benefit from this scheme

दुर्घटनाएं कभी भी हो सकती हैं और दुर्घटनाओं की वजह से किसानों की मृत्यु और आंशिक या स्थायी अपंगता हो जाने पर कई सारी परेशानियों का सामना पूरे परिवार को करना पड़ता है। किसानों और उनके परिवारों की इस परेशानी को कम करने और उन्हें आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकारें अपने अपने स्तर पर कई योजनाएं चलाती हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना।

मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा शुरू की गई यह योजना किसानों के लिए संजीवनी की तरह है। प्रदेश में हर साल कृषि कार्यों को करते समय कई हादसे होते हैं और किसानों की मृत्यु या फिर विकलांगता भी हो जाती है। ऐसे सभी किसानों को इस योजना से आर्थिक संबल मिलता है।

इस योजना का लाभ लेने के लिए योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.rajasthan.gov.in पर जाएं और होमपेज पर मौजूद “ऑनलाइन आवेदन करें” बटन पर क्लिक करें। इससे आपके सामने आवेदन पत्र पृष्ठ स्क्रीन आ जायेगा। इस फॉर्म में विवरण दर्ज करें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर के सबमिट बटन पर क्लिक करें।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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इंदौर मंडी में 3 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 3 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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नींबू में डाइबैक रोग की पहचान एवं नियंत्रण के उपाय

Measures for identification and control of dieback disease in lemon
  • प्रिय किसान भाइयों, भारत में उगाए जाने वाले सभी फलों में से नींबू प्रजाति के फलों का एक प्रमुख स्थान है, नींबू वर्ग के अंतर्गत माल्टा, किन्नो, संतरा, मौसमी, नींबू आदि आते हैंl

  • इन फलों के वृक्षों में होने वाले प्रमुख रोगों में से एक रोग है डाइबैक रोग जिसे विदर टिप के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग नींबू की फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है। 

  • लक्षण: इस रोग के प्रमुख लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं जैसे – पत्तियां पीली होने लगती हैं। शाखाएं ऊपर से नीचे की ओर सूखने लगते हैं। पौधों की वृद्धि रुक जाती है। फूल एवं फल कम आते हैं और अंत में पौधा पूरा सूख जाता है। पौधों की जड़ें देखने पर काले रंग की दिखाई देती है।

  • प्रबंधन: रोगग्रस्त शाखाओं को काटकर बोर्डों मिश्रण या कॉपर युक्त कवकनाशी से लेप करें।   

  • फरवरी एवं अप्रैल माह में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करें। 

  • यूरिया खाद का 100 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी का घोल बनाकर पौधों के ओज बढ़ाने के लिए छिड़काव करना चाहिए। 

  • मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस) @ 50 ग्राम/टैंक की दर से छिड़काव करें।    

  • ब्लू कॉपर (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 % डब्ल्यूपी) @ 3 ग्राम या एम-45 (मैंकोज़ेब 75 % डब्ल्यूपी) @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिकड़ाव करें।

  • आवश्यकता होने पर 15 से 20 दिनों के अंतराल पर कवकनाशी का दोबारा छिड़काव करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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कई राज्यों में मेघ गर्जना के साथ बारिश के आसार, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

पंजाब हरियाणा दिल्ली सहित राजस्थान के कई जिलों में बारिश और मेघ गर्जना जारी रहेगी। पहाड़ों पर हिमपात जारी रहने की संभावना है। 6 और 7 मार्च को पहाड़ों पर भारी हिमपात संभव है। बंगाल की खाड़ी में बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र तमिलनाडु सहित दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल तथा दक्षिणी आंध्र प्रदेश में तेज बारिश देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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31 मार्च तक नहीं हुई ई-केवाईसी तो नहीं मिलेगा पीएम किसान योजना का लाभ

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पंजीकृत हो चुके किसानों को ई-केवाईसी करना जरूरी है और इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत सभी लाभार्थी किसानों को आगामी 31 मार्च तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर वेरिफिकेशन करवाना जरूरी होगा।

ई-केवाईसी का यह काम पीएम-किसान पोर्टल और संबंधित ऐप से मुफ्त में किया जा सकता है। इसके साथ ही कामन सर्विस सेंटर से भी यह वेरिफिकेशन का काम हो सकता है। इस बाबत सरकार द्वारा कृषि विभाग के सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है की विशेष जागरूकता अभियान चलाएं और किसानों को जागरूक करें।

स्रोत: दैनिक जागरण

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मोती की खेती कर देगी मालामाल, लागत से ज्यादा होगा मुनाफ़ा

आजकल बहुत सारे किसान अपनी कृषि में नवाचार ला कर अपनी आमदनी को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के एक किसान ने भी अपनी खेती में नवाचार ला कर बढियाँ मुनाफ़ा प्राप्त किया है। ये किसान हैं खंडवा जिले के सुरेंद्रपालसिंह सोलंकी जिन्होंने मोती की खेती कर के जबरदस्त मुनाफ़ा कमाया है।

बता दें की प्राकृतिक मोती के उत्पादन हेतु मोती की खेती की जाती है। इसकी खेती तालाब में होती है और इसके लिए लगभग दस गुना दस साइज के तालाब की जरुरत पड़ती है। इसकी खेती के लिए सीपियों को एकत्रित कर के हर सीपी में छोटी-सी शैली क्रिया किया जाता है। इसके बाद इनके अंदर 4 से 6 मीटर व्यास वाले साधारण या फिर डिजाइन वाले बीड जैसे गणेश, बुध, पुष्पक आकृति डाले जाते हैं और फिर सीपी बंद कर दिया जाता है।

इसके बाद सीपियों को नायलान बैग के अंदर 10 दिनों तक एंटीबायोटिक व प्राकृतिक चारे पर रखा जाता है साथ ही रोजाना इनका निरीक्षण भी किया जाता है। तालाब में डालने से पहले मोतियों को नायलॉन बैग में रखकर बाँस या फिर पीवीसी पाइप की मदद से लटकाया जाता है फिर तालाब में एक मीटर तक की गहराई में इसे छोड़ा जाता है।

इसके अंदर से निकलने वाला पदार्थ सीपी के चारों तरफ जमना शुरू हो जाता है और आखिर में मोती के रूप में आकार ले लेता है। इसकी खेती के लिए तालाब तैयार करने में 10 से 12 हजार रूपए का खर्च आता है और तालाब से प्राप्त हर प्रत्येक मोती की बाजार में कीमत 10 से 25 रूपये तक की रहती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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