गेहूँ भंडारण करते समय रखें इन बातों का ख़ास ख्याल

Important tips for the storage of wheat crop
  • किसान भाइयों इस समय खेतों में गेहूँ फसल कटाई थ्रेसिंग का काम शुरू हो गया है या होने वाला है। इसके बाद की अगली प्रक्रिया गेहूँ भंडारण की होती है। 

  • गेहूँ का भंडारण करते समय निम्न बातों का ध्यान रखकर अनाज को लम्बे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। 

  • सुरक्षित भंडारण हेतु दानों में 10-12% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए। अधिक नमी से अनाज में कीट तथा फफूंद का प्रकोप होने की संभावना रहती है। इसलिये भंडारण से पहले गेहूँ को अच्छी तरह सुखा लें, सूखने के बाद यदि दाना दांतों से दबाने पर कट्ट की आवाज के साथ टूटे तो समझ लीजिए की वह पूरी तरह सूख गया है और संग्रहण के लायक है। 

  • दानों को धूप में सुखाने के बाद संग्रहण से पूर्व कुछ समय के लिये छाया में रखें जिससे दानों की गर्मी निकल जाये।

  • कीटों से अनाज को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण करने के पहले गोदामों की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें, एवं नीम की पत्तियां जलाकर, भण्डार गृह में धुआं करें।

  • भंडारित करते समय रसायन ग्रेन गोल्ड 1 एम्पुल प्रति क्विंटल अनाज की दर से उपयोग करें या भंडारण के बाद एल्यूमिनियम फास्फाइड 3 ग्राम की दो गोली प्रति टन अनाज की दर से रखकर भंडारगृह बंद कर देना चाहिए।

स्मार्ट कृषि से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख रोजाना पढ़ें। इस लेख को शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

मक्का की फसल में कटवर्म या कटुआ कीट का नियंत्रण

Control of cutworm in maize
  • यह सूंडी काले रंग की होती है जो पूरी तरह से विकसित होने पर अर्थात 1 से 2 इंच लम्बी होने पर दिन के समय मिट्टी में छुपी रहती है और रात में नए पौधे को मिट्टी के पास वाले भाग से काट देती है l

  • कटुआ कीट की इल्लियां पत्तियों पर ही रहती है और पत्तियों को बीच में से खाकर, उन पर जालीनुमा संरचना बना देते है। 

  • इसके क्षति के लक्षणों में पत्तियां कटी हुई और पौधे मुरझाए हुए दिखाई देते है।

  • इसके नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफास 20 ईसी @ 1 लीटर 20 किलो बालू में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से खेत में डालें या लीथल 10 जी (क्लोरपायरीफॉस 10% दानेदार) @ 4 किलो प्रति एकड़ बुवाई के समय उपयोग करें।

  • कटे पौधे के पास की मिट्टी खोदकर सुंडी को बाहर निकालकर नष्ट करें। 

  • खड़ी फसल में प्रोफेनोवा (प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 04% ईसी) @ 400 मिली या इमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एससी) 100 ग्राम या बैराज़ाइड (नोवालुरॉन 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% एससी) @ 600 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • जैविक नियंत्रण के लिए बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share

देश के कुछ क्षेत्रों में आज भी बारिश की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

पिछले चौबीस घंटों के दौरान पहाड़ों पर भारी हिमपात हुआ है तथा उत्तर भारत में बारिश के साथ मेघ गर्जना तथा ओलावृष्टि देखने को मिली है। अब उत्तर भारत का मौसम साफ होने लगेगा हालांकि पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में आज भी वर्षा संभव है। पूर्वी भारत का मौसम शुष्क रहेगा उत्तर पूर्वी राज्यों सहित दक्षिण तमिलनाडु और केरल में हल्की वर्षा हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

किसान ऐसे पा सकते हैं सिंचाई यंत्रों पर 65% की सब्सिडी

Farmers of MP can get a 65% subsidy on irrigation equipment like this

आज के जमाने में कृषि प्रक्रियाओं में आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है। सिंचाई प्रक्रिया में भी कई आधुनिक यंत्रों का उपयोग किया जाने लगा है। किसानों को अपनी फसल के लिए बेहतर सिंचाई मिले इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से मिनी, माइक्रो, पोर्टेबल स्प्रिंकलर और ड्रिप जैसे आधुनिक सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है। मध्यप्रदेश के किसानों से इसके लिए आवेदन आमंत्रित किये गए हैं।

अनुसुचित जाति व जनजाति के किसानों को इसके तहत 65% तक की सब्सिडी दी जाती है। वहीं सामान्य वर्ग के किसानों को इसके तहत 60% तक की सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा सभी वर्गों के सम्पन्न किसानों भी इसके तहत 55% की सब्सिडी दी जाती है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसान उधानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://bit.ly/3iKOJ5g पर जाएँ और आवेदन करें।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

मात्र 4 हजार में बनाएं 40 फ़ीट लम्बा पशु शेड, दो दिन बनकर होगा तैयार

Build 40 feet long animal shed in just Rs 4000

बरसात के मौसम में पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए पशु शेड की जरूरत होती है। आज के इस वीडियो के माध्यम से आप जानेंगे देशी जुगाड़ से महज 4000 रूपये में तैयार हो जाने वाले 40 फ़ीट लम्बे पशु शेड को कैसे तैयार किया जाता है। विस्तृत जानकारी के लिए देखें पूरा वीडियो।

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

स्मार्ट कृषि से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख रोजाना पढ़ें। इस लेख को शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

केकड़ा पालन किसानों को कर सकता है मालामाल, जानें पूरी प्रक्रिया

Crab farming can be beneficial for farmers

कीचड़ में पाए जाने वाले केकड़े की मांग विदेशों में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। भारतीय किसान भी केकड़ा पालन से अच्छी कमाई कर सकते हैं। केकड़ों की बड़ी प्रजातियां “हरे मड क्रैब” और छोटी प्रजातियां “रेड क्लॉ” के नाम से जानी जाती है। इन दोनों ही प्रजातियों की मांग घरेलू व विदेशी बाजार में बहुत अधिक है।

Crab Types

केकड़ा पालन दो विधि से कर सकते हैं। एक है ग्रो-आउट (उगाई) विधि और दूसरी है फैटनिंग विधि। ग्रो-आउट विधि के अंतर्गत छोटे केकड़ों को तालाब में 5-6 महीने तक छोड़ दिया जाता है जिससे वेअपेक्षित आकार बढ़ा सकें। वहीं फैटनिंग विधि में छोटे केकड़ों का पालन किया जाता है। इसमें 200 ग्राम के केकड़े का 1 महीने में 25-50 ग्राम वजन बढ़ता है। वज़न बढ़ने की ये प्रक्रिया 9-10 महीने तक जारी रहती है।

अच्छे से पालन करने के बाद केकड़ों का वज़न 1 से 2 किलो तक पहुँच जाता है। इसकी मांग विदेशी व देशी दोनों ही बाजारों में है तो इससे अच्छा मुनाफ़ा मिलने की संभावना अधिक होती है।

स्रोत: विकासपेडिया

कृषि क्षेत्र की ऐसी ही नई नई व महत्वपूर्ण जानकारी के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन एप के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

Share

ट्रैक्टर की खरीदी पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, पढ़ें पूरी जानकारी

PM Kisan Tractor Scheme

कृषि कार्यो में उपयोग आने वाला एक महत्वपूर्ण उपकरण है ट्रैक्टर, पर इसकी उपलब्धता हर किसान को नहीं होती क्योंकि यह बहुत ही ज्यादा महंगा होता है। किसानों की इसी को मद्देनज़र रखते हुए केंद्र सरकार ने पीएम किसान ट्रैक्टर योजना शुरू की है। इससे गरीब व छोटे किसानों को ट्रैक्टर खरीदने में मदद मिलेगी।

इस योजना का लाभ वैसे किसान ले सकते हैं जिन्होंने पिछले 7 साल में कोई ट्रैक्टर नहीं खरीदा हो। इसके अलावा इस योजना में एक किसान एक ही ट्रैक्टर खरीद सकता है। इस योजना में महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस किसान का लाभ लेने वाले किसानों के पास जमीन होनी चाहिए साथ ही जरूरी कागजात भी होने चाहिए।

इसके लिए किसान को अपने राज्य की योजना के तहत आवेदन करना है। किसान के बैंक खाते में सीधे सब्सिडी की रकम भेज दी जायेगी। किसान अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र या CSC डिजिटल सेवा (https://digitalseva.csc.gov.in/) के माध्यम से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

सोयाबीन भाव में जबरदस्त तेजी, देखें विशेषज्ञ रिपोर्ट

Ratlam soybean and gram rates Ratlam soybean and gram rates

वीडियो के माध्यम से देखें सोयाबीन का भाव आगे कहाँ तक पहुँच सकता है!

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

इंदौर मंडी में 26 फरवरी को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 26 फरवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

Share

तरबूज बुवाई के 30-35 दिनों बाद किये जाने वाले आवश्यक कार्य

Important tips to be done after 30-35 days of sowing watermelon
  • किसान भाइयों तरबूज़ की फसल में 30-35 दिनों की अवस्था में फूल निकलने की शुरुआत हो जाती है। 

  • इस समय कीट प्रकोप के रूप में थ्रिप्स, माहू, पर्ण सुरंगक जैसे रस चूसक कीटों का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है। इस समय रोगों की बात करें तो कवक एवं जीवाणु जनित रोगों के रूप में पत्ती झुलसा, जड़ गलन, तना गलन आदि प्रकार के रोगों का प्रकोप बहुत अधिक होता है। 

इस वृद्धि अवस्था में निम्नलिखित सिफारिशों को अपनाकर फसल संरक्षित रख सकते हैं 

  • रासायनिक सिफारिशें: नोवासीटा (एसिटामिप्रिड 20% एसपी) @ 100 ग्राम + मिल्ड्यूविप (थायोफिनेट मिथाइल 70% डब्ल्यू/डब्ल्यू) @ 300 ग्राम + अबासिन (एबामेक्टिन 1.9 % ईसी) @ 150 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • जैविक सिफारिशें: कीट नियंत्रण के रूप में बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना) @ 250 ग्राम एवं कवक जनित रोगों के नियंत्रण के लिए मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस) @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग कर सकते है। 

  • पौधों की इस अवस्था में ज्यादा फूल लगने के लिए डबल (होमब्रेसिनोलॉइड 0.04 डब्ल्यू/डब्ल्यू) @ 100 मिली प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

Share