मोथा घास को मक्का की फसल में ऐसे करें नियंत्रित

How to control cyperus grass in a maize crop
  • मोथा एक बहुवर्षीय पौधा है जो 75 सें.मी. तक ऊँचा हो जाता है। भूमि से ऊपर यह सीधा, तिकोना, बिना शाखा वाला तना होता है। वहीं नीचे जड़ों में इसके 6 से 7 कंद होते हैं। ये कंद गद्देदार सफेद और बाद में रेशेदार भूरे रंग के तथा अंत में पुराने होने पर लकड़ी की तरह सख्त हो जाते हैं। इसकी पत्तियाँ लम्बी और प्रायः तने पर एक दूसरे को ढके हुए रहती हैं।

  • यह एक बहुवर्षीय घास है एवं लगभग सभी फसलों को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है परंतु यह मुख्य रूप से मक्का की फसल को कुछ ज्यादा ही प्रभावित करता है|

  • मोथा को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक होता है, इसके नियंत्रण के लिए बुवाई के बाद 20-25 दिनों में, हेलोसल्फ्यूरॉन मिथाइल 75% WG @ 36 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • अच्छे एवं लम्बे परिणाम के लिए, खेत में लंबे समय तक नमी का होना बहुत आवश्यक है, इसलिए अगर नमी कम हो रही हो तो हल्की सिंचाई अवश्य करें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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सोयाबीन की फसल को कम बारिश की स्थिति में दें ऐसे बेहतर सुरक्षा

How to protect soybean crop in case of low rainfall
  • वर्तमान मौसम की स्थिति के कारण सोयबीन की फसल बहुत अधिक प्रभावित हो रही है। सोयाबीन खरीफ की फसल है एवं इसके अच्छे उत्पादन के लिए पर्याप्त बारिश का होना बहुत आवश्यक होता है। पर इस समय जिस प्रकार से बारिश कहीं पर बहुत अधिक हो रही है और कही पर बिलकुल नहीं हो रही है, ऐसी परिस्थिति में, कम बारिश में सोयाबीन की फसल की सुरक्षा के निम्र प्रकार से की जानी चाहिए।

  • सोयाबीन की बुआई मानसून आने के पहले नहीं करना चाहिए, क्योंकि यदि मानसून पूर्ण रूप से नहीं आता है तो सोयाबीन की फसल का अंकुरण बहुत प्रभावित होता है। इसलिए सोयाबीन की फसल की बुआई सही समय एवं मानसून आने पर ही करें।

  • यदि किसी किसान ने बुवाई कर दी है, और खेत में नमी की मात्रा कम हो, तो ऐसे में खेत की हल्की सिंचाई अवश्य करें, ताकि सोयाबीन की फसल में, अंकुरण या विकास संबधी कोई समस्या ना हो।

  • एक बात का अवश्य ध्यान रखें की जब खेत में सिंचाई की जा रही हो तब खेत में नमी की मात्रा अधिक ना हो वर्ना सोयबीन की फसल अधिक नमी के कारण ख़राब हो सकती है।

  • कम बारिश की स्थिति में, यदि फसल में कवक एवं कीटों का प्रकोप दिखाई दे, तो आवश्यकतानुसार छिड़काव भी जरूर करते रहें।

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किसानों, पशुपालकों और मछली पालकों को मिलेगा लोन, जानें पूरा प्लान

Farmers livestock farmers and fish farmers will get loans

राजस्थान सरकार ने फसली ऋण को लेकर एक बड़ा फैसला किया है जिससे किसानों के साथ साथ पशुपालकों और मछली पालकों को भी लाभ मिलेगा। सरकार किसानों के साथ पशुपालकों और मछली पालकों को भी अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध करवाएगी।

बता दें की राजस्थान में लॉकडाउन के बाद भी 16 हजार करोड़ का फ़सली ऋण किसानों को दिया जा रहा है। राज्य सरकार इस वर्ष 3 लाख नए किसानों को फसली ऋण बांटने वाली है, इनमें किसानों के अलावा पशुपालक व मछली पालक भी ऋण प्राप्त कर पाएंगे।

स्रोत: ज़ी राजस्थान

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17 जुलाई को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

What were the prices of onions in Indore's mandi today

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 17 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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ड्रिप और स्प्रिंकलर के लिए मध्य प्रदेश के किसान 18 जुलाई तक कर सकते हैं आवेदन

Farmers of Madhya Pradesh can apply for drip and sprinkler till 18th July

मध्य प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सिंचाई उपकरणों (ड्रीप व स्प्रिंकलर) के लक्ष्य जारी कर दिए हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन 7 जुलाई से लिए जा रहे हैं और यह प्रक्रिया 18 जुलाई तक जारी रहेगी।

बताई गई तिथियों के दौरान आये आवेदनों में से लक्ष्यों के विरूद्ध लॉटरी दिनांक 19 जुलाई 2021 को सम्पादित की जायेगी। वहीं लॉटरी में चुने गए किसानों की सूची एवं प्रतीक्षा सूची दोपहर 12 बजे बाद https://dbt.mpdage.org पोर्टल पर प्रस्तुत कर दी जायेगी।

स्रोत: कृषक जागरण

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अब खेती प्लस के एक ऑर्डर में मिलेगा दोगुना फायदा, दो फसलों को मिलेगा फसल डॉक्टर

Now with one order of Kheti Plus farmers can get a double benefit

ग्रामोफ़ोन द्वारा शुरू किए गए खेती प्लस सेवा को लेकर किसानों के बीच एक नई होड़ शुरू हो गई है। बहुत ही कम समय में इस सेवा से सैकड़ों किसानों ने खुद को जोड़ लिया है और स्मार्ट खेती कर रहे हैं। गौरतलब है की खेती प्लस सेवा किसानों के लिए एक फसल डॉक्टर की तरह है जो फसल की बुआई से लेकर कटाई तक के पूरे फसल चक्र में हर तरह की कृषि सहायता प्रदान करता है।

जिन किसानों ने इस इस सेवा उत्पाद की खरीदी की है उन सभी ने इसकी खूब तारीफ की है। किसानों इस सेवा से जुड़ने पर मिले फसल समृद्धि किट और कृषि कार्यमाला के साथ अपनी फोटो भी साझा की है। सभी किसानों ने इस सेवा से जुड़ने के बाद अपनी खेती में स्मार्ट बदलाव किये हैं जिससे फसल भी स्वस्थ और रोगमुक्त नजर आ रही है। किसानों ने अन्य किसानों से भी सेवा से जुड़ का स्मार्ट खेती करने को कहा है।

इस सेवा के प्रति किसानों का उत्साह देख कर ग्रामोफ़ोन ने सावन ऑफर के माध्यम से एक ही ऑर्डर में दो फसल की कार्यमाला देने का निर्णय लिया है। अब इस सेवा से किसान एक ऑर्डर पर डबल फायदा ले सकते हैं। सावन ऑफर के अंतर्गत मिलने वाली दो फसलों की कार्यमाला का चुनाव किसान खुद कर सकते हैं। किसान चाहें तो वर्तमान खरीफ सीजन के ही दो फसलों का चयन कर सकते हैं या फिर वे एक खरीफ और एक आने वाली रबी सीजन की फसल का भी चुनाव कर सकते हैं।

तो देर किस बात की आज ही सावन ऑफर के अंतर्गत खेती प्लस सेवा की खरीदी करें और आपकी खेती को स्मार्ट बनाएं। खरीदी के लिए यहाँ क्लिक करें।

नियम व शर्तें लागू

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2400 रुपये वाला वाला DAP खाद आप खरीद सकते हैं मात्र 1200 में

You can buy DAP fertilizer worth Rs 2400 in just Rs 1200

केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों किसानों के लिए राहत की खबर आई। केंद्र सरकार ने खाद की सब्सिडी सीमा में इजाफा कर दिया है। गौरतलब है की DAP के तहत उपयोग आने वाले फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें करीब 60 से 70% तक बढ़ गई हैं। इसी वजह से DAP बैग की कीमत 2400 रुपये हो गई है।

बहरहाल इन बढ़ी हुई कीमतों से किसान परेशान ना हों इस उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सब्सिडी राशी बढ़ा दी जिससे अब यह 1200 रुपये में ही किसानों को मिल जायेगा। एक बोरी खाद की कीमत किसानों के लिए तभी 1200 रुपये होगी जब वे आधार कार्ड या किसान कार्ड दिखा कर इसकी खरीदी करेंगे। इस समय बायोमेट्र्रिक (अंगूठे का निशान) से किसान की पहचान भी स्थापित की जायेगी। इसके बाद सब्सिडी के 1211 रुपये खाद कंपनियों को सरकार द्वारा ट्रांसफर कर दी जायेगी।

स्रोत: टीवी 9 भारतवर्ष

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बाढ़ सिंचित मिर्च की 40-60 दिनों की फसल में जरूर करें उर्वरक प्रबधन

Fertilizer management in 40-60 days in flood irrigated chilli crop
  • मिर्च की फसल 40-60 दिनों में रोपाई के बाद दूसरी वृद्धि अवस्था में रहती है। इस समय मिर्च की फसल में फूल की अवस्था होती है। अच्छे फूल लगने के लिए फसल में उर्वरक प्रबंधन करना आवश्यक होता है। पौधे के विकास के साथ साथ, अच्छे फूल एवं फल विकास के लिए प्रमुख और सूक्ष्म पोषक तत्व का फसल में उपयोग करना उपयोगी होता है।

  • ये सभी पोषक तत्व मिर्च की फसल में सभी तत्वों की पूर्ति करते है, साथ ही फल विकास के समय, मिर्च की फसल में रोगों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करते हैं।

  • पोषक तत्व प्रबंधन के लिए यूरिया 45 किग्रा/एकड़ + डीएपी 50 किग्रा/एकड़ + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किग्रा/एकड़ + सूक्ष्मपोषक तत्व 10 किग्रा/एकड़ + कैल्शियम नाइट्रेट @ 5 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • यूरिया: मिर्च की फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से पत्तियों में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को भी तेज़ करता है।

  • DAP (डाय अमोनियम फॉस्फेट): इसका उपयोग फसल में फास्फोरस की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से जड़ की वृद्धि अच्छी होती है और पौधे की बढ़वार में सहायता मिलती है।

  • मैग्नीशियम सल्फेट: मिर्च की फसल में मेग्नेशियम सल्फेट के प्रयोग से हरियाली बढ़ती है एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती है। अंततः उच्च पैदावार और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है।

  • सूक्ष्म पोषक तत्व: यह मिर्च के पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सुगम करता है। फसल के उत्पादन को बढ़ाने एवं मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है।

  • कैल्शियम नाइट्रेट: फसल के उत्पादन को बढ़ाने में यह सहायता करता है। पौधों के भीतर विषाक्त रसायनों को निष्क्रिय करने में सहायता करता है।

  • बताये गए सभी पोषक तत्व का उपयोग मिट्टी में मिलाकर करें और उपयोग के बाद हल्की सिंचाई अवश्य करें।

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मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में मानसून की भारी बारिश की संभावना

weather forecast

मानसून की रेखा अब उत्तर भारत की तरफ सरकने लगेगी। 17 जुलाई को बिहार तथा उत्तर प्रदेश के तराई वाले जिलों में बारिश की शुरुआत होगी। 18 जुलाई से पश्चिम बंगाल, बिहार झारखंड, उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़, राजस्थान दिल्ली , पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की संभावना।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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सस्ते में मिल जायेगी रॉयल एनफील्ड की बुलेट बाइक, होगी 1 लाख की बचत

Royal Enfield's Bullet Bike will be available cheaply

रॉयल एन्फील्ड की बुलेट बाइक खरीदने की चाहत हर किसी की होती है। इसकी कीमत वर्तमान में 1.61 लाख रुपये है पर आप इसे महज 45 हजार रुपये में खरीद सकते हैं। 45 हजार रुपये में आपको बहुत अच्छी अवस्था वाली सेकंड हैंड बुलेट मिल सकती है।

ऐसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहाँ पुरानी अच्छी अवस्था वाली बाइकें जम कर बिकती रही हैं। इनमें एक प्लेटफार्म है ओएलएक्स जहाँ इस समय पुरानी सेकंड हैंड बुलेट महज 45000 रुपये में मिल जाएगी। रॉयल एनफील्ड की बाइक आपको ओएलएक्स के बाइक सेक्शन में जाने पर दिख जायेगी।

इस सेक्शन में आपको बाइक कितनी पुरानी है, इसका क्या मॉडल है, इंजन कैसी है, कितने किलोमीटर चल चुकी है जैसी सभी जानकारियां तस्वीरों समेत मिल जायेगी।

बता दें की नई रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 की कीमत वर्तमान में 1,61,385 रुपये, रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 ईएस की कीमत 1,77,342 रुपये, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 (डुअल- एसबीएस) की कीमत 2,05,004 रुपये, रॉयल एनफील्ड मीटियोर 350 की कीमत 2,08,751 रुपये, रॉयल एनफील्ड मीटियोर 350 (स्टेलर) की कीमत 2,15,023 रुपये और रॉयल एनफील्ड मीटियोर 350 (सुपरनोवा) की कीमत 2,25,478 रुपये है।

स्रोत: गुड रिटर्न्स डॉट इन

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